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ई-हास्पिटल प्रणाली के माध्यम से शोधकर्ताओं को नवीन बीमारियों, उनके इलाज की सुगम पद्धति एवं औषधियों के विषय में विशुद्ध आकड़े प्राप्त हो सकेंगे -मंत्री आशुतोष टंडन

Posted on 13 October 2018 by admin

सुरेन्द्र अग्निहोत्री, लखनऊ : 13 अक्टूबर, 2018
स्वास्थ्य प्रणाली की दक्षता एवं प्रभावशीलता में सुधार तथा स्वास्थ्य सेवाओं को रोगी केन्द्रित बनाने के लिए आधुनिक सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए एनआईसी लखनऊ तथा अब्दुल कलाम टेक्निकल विश्वविद्यालय, लखनऊ के तकनीकी सहयोग से राजकीय मेडिकल कालेज, इलाहाबाद, आगरा, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, मेरठ, एल.पी.एस. इंस्टीट्यूट आॅफ कार्डियोलाॅजी, कानपुर तथा जे.के. कैंसर संस्थान, कानपुर में ई-हास्पिटल प्रणाली फेज-1 के अन्तर्गत रोगियों का रजिस्ट्रेशन, बिलिंग आईपीडी, ओआरएस (आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम) की सुविधा का लोकार्पण चिकित्सा शिक्षा एवं प्राविधिक शिक्षा मंत्री श्री आशुतोष टण्डन ‘‘गोपाल जी’’ ने आज योजना भवन स्थित सभागार में किया। e-hospital-up
इस अवसर पर श्री टंडन ने कहा कि प्रदेश के राजकीय मेडिकल कालेजों में प्रथम बार रोगियों की सुविधा हेतु ई-हास्पिटल इन्फाॅर्मेशन सिस्टम की शुरूआत की जा रही है, जिसके प्रथम चरण में पुराने 06 राजकीय मेडिकल कालेजों-इलाहाबाद, कानपुर, मेरठ, आगरा, गोरखपुर, झांसी तथा जनपद कानपुर में स्थापित जे.के. कैंसर संसथान तथा हृदय रोग संस्थान में इस परियोजना का प्रथम फेज लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके अन्तर्गत ओ.पी.डी. रजिस्ट्रेशन, रीविजिट रजिस्ट्रेशन, ओआरएस (आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम), आईपीडी रजिस्ट्रेशन, पेशेन्ट एडमिशन, पेशेन्ट ट्रान्सफर बेड एलोकेशन, डिस्चार्ज, सर्विस पोस्टिंग, डेथ सर्टिफिकेट, बिलिंग सुविधा का शुभारम्भ किया गया है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि ई-हास्पिटल सिस्टम एक वेब आधारित पोर्टल है, जिसके माध्यम से रोगियों को 20 से अधिक माॅड्यूल की सुविधा प्रदान होगी। रोगियों को उनके पंजीकरण के समय ही एक यू.आई.डी. नंम्बर प्रदान किया जाएगा, जिसके आधार पर रोगियों का आॅनलाइन हिस्ट्री का परीक्षण करते हुए उचित परामर्श दिया जाना भी संभव हो सकेगा। यह योजना इस आधार पर भी अत्यन्त महत्वपूर्ण है कि इस पोर्टल के माध्यम से शोधकर्ताओं को नवीन बीमारियों, उनके इलाज की सुगम पद्धति एवं औषधियों के विषय में विशुद्ध आकड़े प्राप्त हो सकेंगे, जो भविष्य में जटिल रोगों के निदान की नवीनतम तकनीक विकसित करने में सहायक सिद्ध होंगे तथा इसका लाभ जनमानस को भी प्राप्त होगा।
प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा, डा. रजनीश दुबे ने बताया कि ई-हास्पिटल प्रणाली के क्रियान्वयन हेतु 06 राजकीय मेडिकल कालेजों एवं 02 संस्थानों के चिकित्सालयों, शैक्षणिक भवनों, चिकित्सकों के आवासों एवं छात्रों के छात्रावासों के मध्य लगभग 150 किलोमीटर फाईबर केबल जिसमें लगभग 50 किलोमीटर भूमिगत फाईबर केबल का उपयोग कर तथा 06 हब रूम बनाकर लोकल नेटवर्क तैयार किया गया है। इसके लिए लगभग 700 एक्सेस स्विच का इस्तेमाल किया गया है तथा 490 कम्प्यूटर तथा 299 प्रिन्टर उपलब्ध कराये गये हैं। इस कार्य के संचालन हेतु 66 डाटा एग्जिक्यूटिव एवं 8 सीनियर सपोर्ट एग्जिक्यूटिव उपलब्ध कराये गये हैं।
इस अवसर पर विशेष सचिव, श्री जयन्त नार्लिकर, महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा डा. के.के. गुप्ता, कुलपति ए.के.टी.यू., कुलपति के.जी.एम.यू., संबंधित राजकीय मेडिकल कालेजों के प्रधानाचार्य एवं संस्थानों के निदेशक आदि तथा महानिदेशक एनआईसी, भारत सरकार वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे।

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