लखनऊ: 08 अक्टूबर, 2018
उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशालय में एक दिवसीय टी0ओ0टी0 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 10 जनपदों-मुरादाबाद, बुलन्दशहर, बदायूँ, मुजफ्फरनगर, संभल, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, गौतमबुद्धनगर एवं गाजियाबाद के जिला प्रतिरक्षण अधिकारी, जिला सर्विलेन्स अधिकारी, एपिडिमियोलाजिस्ट और बालरोग विशेषज्ञों को डिफथिरिया रोग की निगरानी, नियंत्रण एवं उपचार के विषय में जानकारी देने के लिए आयोजित किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम सत्र को सम्बोधित करते हुए सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उ0प्र0 सुश्री वी0हेकली झिमोमी ने वैक्सीन प्रीवेन्टेबल डीजीजेज के सर्विलेन्स को उच्चतम प्राथमिकता प्रदान किए जाने पर बल दिया तथा इससे सम्बन्धित प्रत्येक केस की रिपोर्टिंग अनिवार्य रूप से किए जाने के निर्देश दिए।
श्रीमती झिमोमी ने बताया कि प्रदेश के पश्चिमी जनपदों में डिफथिरिया के कुछ रोगियों की सूचना प्राप्त हुई है, जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षित विशेषज्ञ जनपदों में जाकर अन्य सम्बन्धित चिकित्साधिकारियों/विशेषज्ञों को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। डिफथिरिया के सभी रोगियों एवं रोग के कारणों की जांच जनपदीय रैपिड रेस्पाॅस टीम द्वारा की जाएगी। सचिव ने बताया कि इस रोग के प्रबन्धन के लिए आवश्यक औषधियों एवं इम्युनाइजेशन की व्यवस्था प्रभावित जनपदों में सुनिश्चित कर दी गयी है।
सचिव चिकित्सा ने कहा कि इन जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को प्रतिदिन इस रोग की समीक्षा कर समस्त सूचनाएं राज्य मुख्यालय पर उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश निर्गत किए गए है। इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार द्वारा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपद मुरादाबाद के जिला चिकित्सालय को सेन्टर फाॅर इन्फेक्शीयस डिजीज के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है, जहां पर इस प्रकार के संक्रामक रोगों की जांच एवं उपचार उपलब्ध कराया जाएगा।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में निदेशक संचारी रोग डा0 मिथलेश चतुर्वेदी, संयुक्त निदेशक डा0 विकासेन्दु अग्रवाल एवं डा0 डी0के0 सिंह तथा डा0 अभिषेक मिश्रा चिकित्सा अधिकारी संचारी रोग उपस्थित थे।