नारी के सम्मान में-बीजेपी मैदान में, का चुनावी जुमलावादी नारा दे सत्ता हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी की आदित्यनाथ योगी सरकार महिलाओं का सम्मान तो दूर उन्हें सुरक्षा देने में न सिर्फ नाकाम रही बल्कि प्रदेश में आये दिन हो रहे महिलाओं के प्रति जघन्य हिंसा, बलात्कार और बलात्कार पीड़िता के कत्लखाने में प्रदेश को बदलकर रख दिया है। सार्वजनिक स्थान भी हमारी बहन, बेटियों के लिए सुरक्षित नहीं रहे।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता ओंकारनाथ सिंह ने आज जारी बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रदेश सरकार बलात्कार और बलात्कार उपरान्त कत्ल की बाढ़ में कहीं खो गई सी लगती है। इस बाढ़ में अपने अस्तित्व को तलाशती सरकार महिलाओं के अस्मिता एवं अस्तित्व की रक्षा में असफल, असमर्थ एवं असंवेदनशील बनी हुई है।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रतिदिन होने वाले बलात्कार व बलात्कार उपरान्त हत्या की यह घटनाएं प्रदेशवासियों को योगी सरकार के चुनाव पर पछतावा करने हेतु विवश कर रहे हैं। बुढ़ाना मुजफ्फरनगर में 24 वर्ष की लड़की के साथ तीन लोगों द्वारा सामूहिक बलात्कार, मवाना थाना क्षेत्र में पीसीएस की तैयारी करने वाली अनु0जाति की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या, 6 वर्षीय दलित बच्ची का मुरादपुर गांव जनपद कौशाम्बी में दो व्यक्तियों द्वारा बलात्कार, मुजफ्फरनगर में दलित महिला के साथ रेप के बाद पुलिस से शिकायत करने और पुलिस द्वारा कुछ भी न करने के बाद आत्महत्या, योगी राज के महिला अस्मिता व सुरक्षा विरोधी नीतियों के जीते-जागते उदाहरण हैं।
पीयूसीएल (प्यूपिल्स यूनियन फार सिविल लिबर्टीज) के एक सर्वे के अनुसार 90 प्रतिशत बलात्कार की घटनाएं गरीब परिवार, दूर दराज इलाके और दलित जातियों से सम्बन्धित थे। 2016-17 में महिला विरूद्ध अपराध 33728 के मुकाबले योगी सरकार 2017-18 में 44936 हो गये जो 30 प्रतिशत की भारी वृद्धि दर्शाता है।
यह आंकड़े बलात्कार के आर्थिक, सामाजिक व राजनैतिक पहलू को उजागर करते हैं तथा पुलिस व न्याय प्रणाली की बलात्कार रोकने में अकुशलता व अक्षमता को साबित करते हैं। बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ का नारा देने वाली यह सरकार जब बेटियों के जीवन व जीवन से भी महत्वपूर्ण उनके सम्मान की सुरक्षा नहीं कर सकती तो पढ़ाना तो एक कोरा स्वप्न लगता है। ये आंकड़े साबित करते हैं कि योगी सरकार ने प्रदेशवासियों के सम्मानपूर्ण जीवन के सपने के साथ सौदा कर उन्हें छलने का काम किया है।