लखनऊ 03 अक्टूबर 2018, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जिनके शीर्ष नेतृत्व के ऊपर नेताओं की हत्या से लेकर आम जनता के सामुहिक नरसंहार कराने की कालिख चस्पा हो उन्हें दूसरो पर अनावश्यक आरोप लगाने से पहले हजार बार अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। डा0 पाण्डेय ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष अपने अरोपों से अपनी पार्टी की आपराधिक सोच और अपने राजनीतिक प्रतिद्धदियो को चाहे तो पार्टी के अंदर हो या दूसरे दलों में नेस्तानाबूद करने की कांग्रेस नेतृत्व की तानाशाही सोच का ही परिणाम दे रहे है। योगी सरकार में बिना भेदभाव सबके विकास सुशासन व सुरक्षा की नीति के तहत कार्य हो रहा है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि जिस बीस साल पुराने प्रकरण को लेकर कांग्रेस अर्नगल आरोप लगा रही है वे आरोप अदालत से भी खारिज कर चुके है और सीबीसीआईडी जांच में भी वे आरोप तथ्यहीन पाये जा चुके है। डा0 पाण्डेय ने कहा कि इसी प्रकरण में एक पुर्नेरीक्षण याचिका दाखिल की गई है जिसमें मा. उच्य न्यायालय सेशन न्यायालय को संर्दभित कर दिया जो कि एक सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन लोकतंत्र संविधान और न्याय प्रक्रिया की लगातार माखौल उड़ाने और उसकी हत्या करने वाले कांग्रेसी इस पर भी राजनीति करने में बाज नहीं रहे। डा0 पाण्डेय ने कहा कि देश व प्रदेश की राजनीति में नेपथ्य की ओर अग्रसर कांग्रेस चर्चा में बनी रहने के लिए ओछी बयानबाजी कर रही है।
प्रदेश अध्यक्ष भाजपा ने सरकार में संघ के हस्तक्षेप के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस में प्रधानमंत्री जैसे पद पर डमी बिठाकर रिमोर्ट कण्ट्रोल से सरकार चलाने की पंरम्परा होगी। भाजपा सरकार का नेतृत्व जनता के अपार बहुमत में चुने गए सच्चे प्रधानसेवक के हाथों में है।
सपा प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आरोपों पर पटलवार करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा. महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि पिता को बेदखल कर पार्टी हथियाने वाले अखिलेश यादव अपने मुंह से अपने ही पाप बया कर रहे है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश को गौरव दिलाने वाले खिलाड़ियों का योगी सरकार सम्मान कर रही है और उन्हें उपयुक्त नौकरियों से भी नवाज रही है। लेकिन यही खिलाड़ी मेडल जीतने के बाद भी पहले अखिलेश की और बाद में बुआ की सरकार में भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहे।