नागरिक जीवन को अपनी बेरहम बुलेट और बुलेट संस्कृति से स्तब्ध करती
उ0प्र0 पुलिस ने एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी के एरिया मैनेजर व शरीफ शहरी
विवेक तिवारी को विगत रात अपनी बुलेट संस्कृति की मौत की चादर ओढ़ा
लखनऊवासियों को आंसुओं से भर दिया। उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष
श्री राजबब्बर जी सांसद ने विवेक तिवारी की हत्या को सिर्फ एक व्यक्ति की
हत्या नहीं अपितु नागरिक जीवन की हत्या बताया है और इस नागरिक जीवन
हत्यारी सरकार के मुखिया आदित्यनाथ से इस्तीफा मांगा है और न देने की दशा
में महामहिम राज्यपाल से शासन का नैतिक अधिकार खो चुकी इस सरकार को
अपदस्थ करने की मांग की है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता जीशान हैदर ने आज जारी बयान में कहा कि
‘जीवन सुरक्षा’ अगर किसी समाज का मुख्य उद्देश्य नहीं होता तो यह सरकार
क्या और इसकी पुलिस क्या? जीवन सुरक्षा व संरक्षण की जिम्मेदार राज्य,
सरकार और उसकी पुलिस जब जीवन हन्ता बन जाये तो राज्य अपनी विश्वसनीयता खो
समाज को जीवन अधिकारों के प्रति संबलहीन व आश्रयहीन बना देता है।
नागरिक जीवन की आंख खोलने वाली यह हत्या उ0प्र0 की योगी सरकार की उस
नीति का परिणाम है जिसमें अपराध रोकने हेतु नीति विहीन, विधि विरूद्ध व
पुलिस स्वतंत्रता के इन्काउण्टरवादी अवधारणा का विकास किया है। स्थापित
संस्थागत प्रक्रियाओं की जगह पर व्यक्तिगत सनक की मौके पर ही फुल एण्ड
फाइनल की देशी जेम्स बाण्डी अवधारणा ने इस मौत के कारणों को जन्म दिया
है। पुलिस के अन्दर ऐसी अमानवीय संस्कृति का निर्माण भारतीय संविधान और
न्याय के शासन का मखौल व उपहास है।
रामराज्य की संकल्पना का स्वांग भरने वाली योगी सरकार उ0प्र0 को
‘पुलिसराज’, ‘अपराधराज्य’, बना एक अराजक राज्य में तब्दील कर दिया है।
प्रदेश विधानसभा चुनाव घोषणा पत्र में भाजपा उत्तम कानून व्यवस्था के
नारे के साथ उतरी थी जबकि राज्य मंे 20मार्च 2017 से 25 मार्च 2018 तक ही
1478 इन्काउण्टर, 365 पुलिस हिरासत में मौत उत्तर प्रदेश को देश का उत्तम
प्रदेश बनाने की जगह पर अपराध क्रम में प्रथम प्रदेश बना दिया है। प्रदेश
में महिलाओं के विरूद्ध अपराध 2016 के पूरे वर्ष में 49622 के मुकाबले
योगीराज के 107 दिनों में ही 76416 अपराध हो चुके हैं।
योगी राज में अपराध और उसकी प्रवृत्तियों में मात्रा के साथ साथ एक
गुणात्मक परिवर्तन आया है। राज्य सरकार समाज, उसकी संवेदना और उसके
मूल्यों को परवरिश व संरक्षण देने के स्थान पर भीड़वाद में परिवर्तित कर
उसे हांकती नजर आ रही है। सरकार की अमानवीयता, असंवेदनशीलता और अक्षमता
उजागर हुई है।
उत्तर प्रदेश पुलिस अपराध नियंत्रण के नाम पर एक राज्य पोषित, संगठित,
भ्रष्ट अपराधी गिरोह की भांति कार्य कर समाज में भय, आतंक का पर्याय बन
चुकी है। ऐसी सरकार को एक क्षण भी शासन में रहने का कोई भी नैतिक अधिकार
नहीं बचा है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि विवेक तिवारी की पुलिस द्वारा
हत्या किये जाने पर उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री राजबब्बर जी
सांसद के निर्देशानुसार प्रदेश कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल सुबह पीड़ित
परिवार से मिला और उनकी पीड़ा में सम्मिलित हो शोक संवेदना व्यक्त की और
इस पीड़ा को राष्ट्र को व्यथित करने वाली पीड़ा बताया है। प्रतिनिधिमंडल
में पूर्व विधायक श्री सतीश अजमानी, प्रदेश कांग्रेस के
उपाध्यक्ष-प्रभारी प्रशासन डा0 आर0पी0 त्रिपाठी, श्री हनुमान त्रिपाठी,
श्री प्रमोद पाण्डेय, श्री ओंकारनाथ सिंह, श्री जीशान हैदर, श्री अशोक
सिंह, श्री शिव पाण्डेय आदि वरिष्ठ नेतागण शामिल रहे।