29 सितंबर 2016 को भारतीय सेना के जाबांजों द्वारा पाकिस्तान की धरती पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक और उड़ी में सैनिकों की शहादत की याद में लखनऊ में आज एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। गौरतलब है उड़ी के हमले में भारतीय सेना के 18 जाबांज मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़ते हुए शहीद हुए थे उसी के ठीक 11 दिन के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में जाकर 28 और 29 सितंबर 2016 की रात में सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकवादियों और उनको पनाह देने वालों को करारा जवाब दिया था। वीर सैनिकों की इस बहादुरी को सलाम करते हुए इस विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
कार्यक्रम में उन हथियारों की प्रदर्शनी लगाई गई है जिन्हें सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान खास तौर पर इस्तेमाल किया गया था। इसमें पिस्तौल, एमपी 9 आरआईएफ और एके 47 से लेकर 40 एमएम एमजीएल, स्निपर साइट और स्निपर आरआइएफ को दर्शाया गया है। प्रदर्शनी में टैंकों और इमारतों को नेस्तनाबूद कर देने वाले 84 एमएम राकेट लांचर एमके 2 को भी रखा गया है। अंधेरे में ऑपरेशन के दौरान सैनिक इसका इस्तेमाल रोशनी या फिर धुएं की चादर तैयार करने में भी कर सकते हैं। इस धुएं की चादर की आड़ में वे दुश्मन के ठिकानों के काफी करीब तक जा सकते हैं। प्रदर्शनी में स्वदेश निर्मित बीएसएफ़-एसआर और एजीएल 30 एमएम को भी दर्शाया गया है। अचूक निशाने वाली एजीएल 30 एमएम जहां ग्रेनेड बरसाती है वहां 7 मीटर के दायरे में तबाही आ जाती है। प्रदर्शनी में 5.56 एमएम की इंसास एलएमजी और 5.56 एमएम की इंसास आरआइएफ सहित कई हथियारों को दर्शाया गया है।
प्रदर्शनी परिसर में ही वीडियो फिल्मों भी दिखाई जा रही हैं और सुरक्षा उपकरणों के संबंधित तकनीकी औजारों को दर्शाया गया है। प्रदर्शनी 29 सितंबर तक चलेगी।