लखनऊ 25 सितम्बर 2018, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि कुंभ के आयोजन को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी की प्रतिबद्धता प्रशंसा के काबिल है। कुंभ को ऐतिहासिक बनाने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसे पहचान बनाने के लिए प्रदेश सरकार दिन रात जुटी हुई है। इस दौरान मुख्यमंत्री जी ने पंद्रह दिसंबर तक गंगा की पूरी तरह सफाई करने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही कुंभ में सुरक्षा से लेकर यात्रियों और साधु-संतों की सुविधाओं के लिए भी जरूरी इंतजाम भी हर हाल में तीस नवंबर तक पूरे कर लिए जाएंगे। पिछले पंद्रह सालो में पहली बार कुंभ को लेकर इतने बड़े पैमाने पर किसी भी सरकार की तरफ से ऐसे बेहतरीन इंतजाम किए रहे हैं।
प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि कुंभ का ऐतिहासिक आयोजन उत्तर प्रदेश सरकार की प्राथमकिता में है। लिहाजा खुद मुख्यमंत्री जी पूरे आयोजन पर निगरानी रखे हुए हैं। इतना ही नहीं कुंभ को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए भी वे लगातार प्रयासरत हैं। पिछली सरकारों के दौरान कुंभ को तमाम तरह की अव्यवस्थाओं और विसंगतियों से जूझना पड़ता था। साधु संतों से लेकर देश और दुनिया भर से आने वाले यात्रियों को भी बहुत सी असुविधाओं का सामना करना पड़ता था। तुष्टीकरण की नीति के चलते सपा और बसपा की सरकारें कुंभ के आयोजन को लेकर हमेशा से ही उपेक्षा का भाव रखती रहीं।
शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि ऐसे में मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी सरकार में आने के बाद पहले ही दिन से कुंभ आयोजन को लेकर दिन रात जुटे हुए हैं। उनकी कोशिश कुंभ का ऐतिहासिक आयोजन कराने की है। इसके मद्देनजर सभी विभागों को जरूरी निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री जी ने इस बात के आदेश दिए हैं कि बाहर से आने वाले तीर्थ यात्रियों और मेहमानों का उत्साहपूर्वक स्वागत किया जाए। साथ ही उनकी सुख-सुविधा का भी पूरा ध्यान रखा जाए। पर्यटक के तौर पर आने वाले विदेश मेहमानों के साथ भी अतिथि के तौर पर अच्छा व्यवहार किया जाए। सुरक्षा के बेहतर इंतजाम किए जाए लेकिन सुरक्षा के नाम पर किसी को परेशान ना किया जाए।
प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि गंगा को निर्मल करने के अभियान में मुख्यमंत्री जी ने यह भी आदेश दिए हैं कि कूड़ा कचरा और पालिथिन का गंगा में प्रवाह पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। साथ ही कुंभ मेला क्षेत्र की साफ सफाई के भी बेहतर इंतजाम किए जाएं। गंगा सफाई से जुड़े अधिकारियों को हर हाल में पंद्रह दिसंबर तक सफाई का काम पूरा करने और पर्याप्त जल स्तर मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है।