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उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री बृजलाल ने की पे्रसवार्ता

Posted on 20 September 2018 by admin

आयोग द्वारा तत्परतापूर्वक मामलों का निस्तारण करते हुए पीड़ितों
को त्वरित एवं सुलभ न्याय दिलाया जा रहा है

आयोग द्वारा 2422 प्रकरणों में से 1844 प्रकरणों का निस्तारण किया गया
-श्री बृजलाल
लखनऊ: 20 सितम्बर, 2018
उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग में 2 उपाध्यक्ष और 16 सदस्यगण की नियुक्तियां की गयी है। जिसमें उपाध्यक्षगण एवं सदस्यगण ने अपना-अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है और नये उपाध्यक्षगण एवं सदस्यगण के कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात आयोग की प्रथम बैठक 20 सितम्बर, 2018 को आहूत की गयी। बैठक में अध्यक्ष ने उपाध्यक्ष एवं सदस्यगण का स्वागत किया तथा एक-दूसरे का औपचारिक परिचय कराया गया। अध्यक्ष ने उपाध्यक्षगण एवं सदस्यगण को आयोग की कार्यप्रणाली तथा आयोग द्वारा संचालित कार्यवाहियों से अवगत कराया गया। साथ ही साथ उपाध्यक्षगण एवं सदस्यगण से यह अपेक्षा की गयी कि उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों के हितों के संवर्धन के लिए कार्य करें। विशेष रूप से अपने क्षेत्र में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए तत्परता से खडे़ रहे।
यह बाते उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जाति आयोग के अध्यक्ष श्री बृजलाल ने आज इन्द्रिरा भवन 10 वा तल स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित पे्रसवार्ता के दौरान कहीं। उन्होने बताया कि उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग, लखनऊ का मुख्य कार्य प्रदेश में रह रहे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों की ओर से प्राप्त शिकायतों का अनुश्रवण/सुनवाई करना और उसका विधिपूर्ण समाधान करना है। आयोग के समक्ष अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों से सम्बन्धित जो प्रकरण आते है, वह मुख्यतः पुलिस एवं राजस्व विभाग से संबंधित होते हंै। इसके अतिरिक्त आयोग के समक्ष विभागीय मामले एवं उत्पीड़न के मामलों में दी जाने वाली आर्थिक सहायता से संबंधित मामले भी आते हैं । आयोग कुछ मामलों में समाचार पत्रों, इलेक्ट्रानिक मीडिया में आयी खबरों का स्वतः संज्ञान भी लेता है। उसके पश्चात आयोग द्वारा ऐसे मामलों को विधिक ढंग से निपटाने का प्रयास किया जाता है।
श्री बृजलाल ने बताया कि आयोग में अध्यक्ष के पद पर दिनांक 18.04.2018 को कार्यभार ग्रहण किया है। आयोग द्वारा तत्परतापूर्वक मामलों का निस्तारण करते हुए पीड़ितों को त्वरित एवं सुलभ न्याय दिलाया जा रहा है। जिसके फलस्वरूप पूर्व से लम्बित चल रहे 757 एवं मेरी पांच माह की अल्पावधि में कुल 1665 प्रकरण आये। इस प्रकार मेरे द्वारा अब तक कुल 2422 प्रकरणों का अनुश्रवण किया गया। जिसमें से 1149 मामले उत्पीड़न के, 466 मामले राजस्व के एवं 229 विभागीय मामलें कुल 1844 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। शेष 578 मामले लम्बित हैं जिन्हे भी निस्तारित किये जाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।
श्री बृजलाल ने यह भी बताया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियो को सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली आर्थिक सहायता सक्षम प्राधिकारियों द्वारा समय से प्रदान नहीं करायी जाती है ऐसी शिकायतें भी आयोग को प्राप्त होती है। आर्थिक सहायता से सम्बन्धित मामलों का गम्भीरतापूर्वक संज्ञान लेकर उनका त्वरित निस्तारण कराया जा रहा है। उन्होने बताया कि पांच माह की अल्प अवधि में 71 प्रकरणों का निस्तारण करते हुए पीड़ित परिवार को रू0 1,05,76,250.00 ( रू0 एक करोड़ पांच लाख छिहत्तर हजार दो सौ पचास मात्र) की धनराशि आर्थिक सहायता के रूप में आयोग के हस्तक्षेप से उपलब्ध करायी गयी । इससे पीड़ित व उसके परिवार के सदस्यों कोे आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ और वे पुनर्वास की प्रक्रिया में शामिल हुए।

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