मुख्यमंत्री ने 21 से 23 जनवरी, 2019 तक वाराणसी में आयोजित किए जाने वाले 15 वें प्रवासी भारतीय दिवस में ‘अतिथि देवो भव’ की भावना के साथ काशीवासियों से अपनी सहभागिता सुनिश्चित कराये जाने का आह्वान किया
मुख्यमंत्री ने 15 वें प्रवासी भारतीय दिवस के ऐतिहासिक अवसर पर जनसहभागिता हेतु परिचर्चा व संवाद एवं ‘‘काशी आतिथ्य’’ मोबाइल एप के
शुम्भारम्भ कार्यक्रम को सम्बोधित किया
विश्व में रहने वाला हर व्यक्ति जीवन
में एक बार काशी आना चाहता है: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने ‘‘काशी आतिथ्य’’ तथा ‘‘सुगम दर्शन’’ एप लाॅन्च किए
लखनऊ: 02 सितम्बर, 2018
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने 21 से 23 जनवरी, 2019 तक वाराणसी में आयोजित किए जाने वाले 15 वें प्रवासी भारतीय दिवस में ‘अतिथि देवो भव’ की भावना के साथ काशीवासियों से अपनी सहभागिता सुनिश्चित कराये जाने का आह्वान किया है। उन्हांेने काशी के कम से कम दो हजार घरों में प्रवासी भारतीयों को प्रवास कराये जाने हेतु रजिस्ट्रेशन कराये जाने पर भी जोर दिया। उन्होंने काशीवासियों से कहा कि वे अपने इन विदेशी मेहमानों का हृदय से स्वागत करें और उनका ऐसा आतिथ्य करें कि जब वे प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम से वापस जाएं, तो काशी की प्राचीन पहचान के साथ यहां की यादें भी अपने मन में साथ ले जायें।
मुख्यमंत्री जी अपने दो दिवसीय वाराणसी दौरे के दूसरे एवं अन्तिम दिन बड़ालालपुर स्थित पं0दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल में आयोजित 15 वें प्रवासी भारतीय दिवस (21 से 23 जनवरी, 2019) के ऐतिहासिक अवसर पर जनसहभागिता हेतु परिचर्चा व संवाद एवं ‘‘काशी आतिथ्य’’ मोबाइल एप के शुम्भारम्भ अवसर पर उपस्थित प्रबुद्ध जनों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम के माध्यम से विदेशों में रह रहे भारतीयों को अपने पुरखों की जमीन से जुड़ने का अवसर मिलता है।
मुख्यमंत्री जी ने काशी में आयोजित हो रहे 15 वें प्रवासी भारतीय दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विश्व में रहने वाला हर व्यक्ति जीवन में एक बार काशी आना चाहता है और यहां पर गंगा स्नान करने के उपरान्त मंदिरों के दर्शन करना चाहता है। ऐसे में, विदेशों में रह रहे भारतवंशियों का प्रवासी भारतीय दिवस पर काशी आना हम सबके लिये महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री जी ने शहर की सड़कों, गलियों, चैराहों सहित गंगा घाटों पर व्यापक स्वच्छता हेतु अभी से ही सफाई अभियान चलाने के साथ ही इस अभियान में प्रत्येक काशीवासी को अपनी भूमिका निर्वहन करने का आह्वान किया। उन्होंने प्रवासी भारतीय दिवस के दौरान गंगा घाटों के साथ-साथ प्रमुख चैराहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाने के निर्देश दिए। वार्डांे एवं मुहल्लों में रंगोली प्रतियोगिता आयोजित करने पर विशेष जोर दिया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने प्रवासी भारतीय दिवस के प्रति जनजागरूकता पैदा किये जाने हेतु आने वाने प्रवासी भारतीयों के उन देशों के राष्ट्रध्वज के साथ रैली एवं नौका रैली आदि एक निश्चित समय अन्तराल पर निकाले जाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने प्रवासी भारतीय दिवस के दौरान शहर में स्वच्छता के साथ-साथ पार्कांे, चैराहों, घाटों एवं सार्वजनिक स्थलों पर सफाई सहित प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित कराये जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने चैराहांे/तिराहांे एवं सार्वजनिक स्थलों पर काशी महात्म्य एवं यहां की संस्कृति का सन्देश देने वाले भित्ति चित्र बनाये जाने पर भी विशेष जोर दिया। उन्होंने इस दौरान भारत के धर्म ग्रन्थों का पुस्तक मेला आयोजित करने के साथ ही भारत की हर भाषा में सड़कों पर स्वागत बोर्ड, साइनेज एवं संकेतक लगाये जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने प्रवासी भारतीय दिवस से संबंधित आवश्यक जानकारी देने तथा अपने घरों में मेहमानों को प्रवास देते हुए उनके आतिथ्य के इच्छुक काशीवासियों को अपना रजिस्ट्रेशन कराये जाने वाले मोबाइल एप ‘‘काशी आतिथ्य’’ तथा श्री काशी विश्वनाथ जी का सुगम दर्शन की सुविधा वाले ‘‘सुगम दर्शन’’ एप को लाॅन्च किया।
इस अवसर पर मौजूद बनारस की धार्मिक तथा अन्य प्रमुख संस्थाओं के पदाधिकारियों, गणमान्य नागरिकों, विभिन्न समाजों के पदाधिकारियों ने प्रवासी भारतीय दिवस में आने वाले आगंतुकों का खुले दिल से स्वागत करने का भरोसा दिया। निजी नर्सिग होम एसोसियेशन एवं आईएमए ने आपसी सहयोग से 100 अतिथियों को डाक्टरों के आवासांे पर ठहराने का प्रस्ताव दिया। एक काशी निवासी द्वारा मेहमानों के लिये 150 फ्लैट उपलब्ध कराने का भी आश्वासन दिया गया। काशी मठ तथा श्रंृगेरी मठ ने 10 परिवारों का आतिथ्य करने का आश्वासन दिया। काशी विद्वत मंच एवं अन्नपूर्णा मठ ने कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले समस्त प्रवासी भारतीय मेहमानों को एक समय का भोजन, माता अन्नपूर्णा का चित्र, प्रसाद एवं अक्षत भेंट करने की बात कही।
इस अवसर पर सूचना राज्य मंत्री डा0 नीलकंठ तिवारी, अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।