उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तहत नलकूप आपरेटर भर्ती का
प्रश्नपत्र आउट होने के कारण आज फिर से लाखों अभ्यर्थी निराश हुए। अनेक
दूर-दराज से आये हुए बच्चे परीक्षा नहीं दे पाये। यह सरकार की अक्षमता
दर्शाती है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री जी प्रदेश के युवाओं को सरकारी नौकरी
के लिए लायक नहीं समझते हैं और स्थिति यह है कि सरकार ही परीक्षा लेने
लायक नहीं रह गयी है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि यह पहली बार नहीं हुआ है कि
किसी परीक्षा का पर्चा लीक हुआ हो। इसके पूर्व भी अनेकों परीक्षाएं इसका
शिकार हो चुकी हैं। नकल माफियाओं ने सरकार की परीक्षा प्रणाली को पूरी
तरह से कब्जा कर रखा है और सरकार इन नकल माफियाओं से निपटने में पूरी तरह
विफल है। इस तरीके से पूरी परीक्षा प्रणाली ही अविश्वसनीय हो जाती है।
इससे सरकार और नकल माफियाओं की मिलीभगत की बू आती है, ताकि प्रदेश के
युवाओं को रोजगार से वंचित रखने का तकनीकी बहाना बनाया जा सके। इसके पहले
पी.सी.एस. की परीक्षा में दूसरी पाली का पेपर पहली पाली मंे वितरित किया
गया था जिसके कारण उस परीक्षा को लोकसेवा आयोग को पुनः कराना पड़ा। इस
प्रकार की कार्यवाही से अभ्यर्थियों की जो तैयारी होती है वह बुरी तरह
प्रभावित होती है और इच्छानुसार उन्हें परिणाम नहीं मिल पाता है और युवा
बेरोजगारों की संख्या में बराबर बढ़ोत्तरी होती जा रही है।
उत्तर प्रदेश में लगभग पांच करोड़ युवा बेरेाजगार हैं। अगर इसी प्रकार
से प्रश्नपत्र लीक होने के कारण परीक्षाएं स्थगित की जायेंगी तो
बेरोजगारी की समस्या प्रदेश के लिए एक ज्वलन्त समस्या के रूप में विकराल
रूप धारण कर अराजकता की स्थिति उत्पन्न कर देगी।
राज्य सरकार प्रदेश के युवाओं को लायक समझने का प्रत्यन करे और
गंभीरतापूर्वक इन परीक्षाओं को सम्पन्न कराते हुए परीक्षा प्रणाली की
शुचिता बहाल करे ताकि अभ्यर्थियों को सरकार की परीक्षा प्रणाली के प्रति
विश्वास जग सके।
कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि इस घटना में संलिप्त अधीनस्थ सेवा चयन
बोर्ड के अधिकारी व अन्य दोषियों के खिलाफ यूपीकोका के तहत कार्यवाही की
जाए ताकि इस प्रकार की बार-बार लीक प्रक्रिया को रोका जा सके और नौजवानों
के भविष्य से खिलवाड़ न हो सके।