सुरेंद्र अग्निहोत्री ,लखनऊ: 31 अगस्त, 2018
उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह
ने कहा कि माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ‘आयुष्मान भारत
प्रधानमंत्री जन आरोग्य’ योजना की तैयारियों को लेकर उत्तर प्रदेश द्वारा
किये जा रहे कार्य की सराहना की है। प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी ने
कहा कि डाटा कलेक्शन और इम्प्लीमेंटेशन सपोर्ट यूनिट का समय पर चयन करने
में उत्तर प्रदेश ने अन्य राज्यों से बेहतर काम किया है। उन्होंने देश भर
में भारतीय जन औषधि योजना को उत्तर प्रदेश मॉडल पर लागू करने के लिए भी
कहा है।
श्री सिंह आज स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस (साची)
में अधिकारियों के साथ आयुष्मान भारत योजना की समीक्षा बैठक करते हुए कहा
कि विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन
आरोग्य’ को धरातल पर उतारने के लिए प्रदेश में चयनित अस्पतालों को
प्रक्रिया के तहत जोड़ा जा रहा है। श्री सिंह ने कहा कि आयुष्मान भारत
योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आम नागरिकों के स्वास्थ्य को लेकर प्रदेश सरकार पहले से
जागरूक है, इसलिए इस योजना को लागू करने में किसी तरह की कठिनाई नहीं
होगी। स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि आयुष्मान भारत
योजना लागू होने से प्रदेश के गरीब व जरूरतमंदों को बेहतर स्वास्थ्य की
चिंता में अब अपनी जमीन या खेत-खलिहान न तो बेचना पड़ेगा और न ही गिरवी
रखने की नौबत आएगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 4 सितम्बर को लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल से
‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य’ योजना का पायलट आरम्भ किया
जाएगा, जो एक सप्ताह तक समस्त मंडल मुख्यालयों के एक सार्वजनिक अस्पताल
तथा 13 सितम्बर तक प्रदेश के सभी राजकीय चिकित्सालयों में भी पायलट बेसिस
पर चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पायलट बेसिस पर काम करने के दौरान
डॉक्टर्स की भी ट्रेनिंग हो जाएगी और मरीजों तक आयुष्मान भारत योजना का
लाभ कैसे पहुंचाया जाए, इस प्रक्रिया को भी अच्छी तरह से समझा जा सकेगा।
श्री सिंह ने कहा कि इस दौरान योजना से जुड़ी हुई कमियों का आंकलन कर उनका
निवारण भी किया जाएगा ताकि 25 सितम्बर को आयुष्मान भारत योजना को पूर्ण
क्षमता के साथ गरीबों के हित के लिए लांच किया जा सके।
श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि मरीजों की मदद के लिए पैनल में
शामिल प्रत्येक चिकित्सा सुविधा प्रदाता संस्थान में ‘आयुष्मान मित्र’
नियुक्त किए जाएंगे जो लाभार्थियों की पहचान की पुष्टि, शिकायतों का
समाधान आदि की जिम्मेदारी निभाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी
अस्पतालों के लिए आयुष्मान मित्रों का चयन किया जा चुका है।
श्री सिंह ने बताया कि अभी तक उत्तर प्रदेश में 107 सरकारी अस्पतालों में
जन औषधि केंद्र खोले जा चुके हैं। इन औषधि केन्द्रों का सबसे ज्यादा लाभ
गरीब और मध्यम परिवार के लोगों को हो रहा है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान
भारत के अंतर्गत प्रदेश के 1 करोड़ 18 लाख परिवार का डाटा अपलोड हो चुका
है। आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रदेश के 6 करोड़ लोगों को चिकित्सा
सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।