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तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार में शामिल रहेगें प्रदेश के राजकीय वाहन चालक

Posted on 27 August 2018 by admin

लखनऊ,27 अगस्त। राजकीय वाहन चालक महासंघ की प्रान्तीय बैठक में पुरानी पेंशन बहाली मंच के बैनर तले 29,30 और 31 तीन दिवसीय कार्यबहिष्कार में पूर्ण भागीदारी किये जाने का निर्णय लिया गया। यह जानकारी आज बैठक के उपरान्त महासंघ के अध्यक्ष रामफेर पाण्डेय, महामंत्री मिठाई लाल और सलाहाकर तथा लोक निर्माण विभाग चालक संघ के अध्यक्ष त्रिलोक सिंह ने संयुक्त रूप से दी। उन्होंने कहा कि पेंशन बहाली मंच के हर अगले कार्यकार्यक्रम में राजकीय वाहन चालक महासंघ शामिल रहेगा।
बैठक में राजकीय वाहन चालक महासंघ के पदाधिकारियों ने कहा कि 2004 में लाई गई यह न्यू पेंशन स्कीम नहीं, बल्कि नो पेंशन स्कीम है। नई पेंशन नीति खामियों से भरी हुई है। कर्मचारियों के मुताबिक पुरानी पेंशन जहां सरकार देती थी। वहीं, नई पेंशन अब बीमा कंपनियां देंगी। अगर कभी कोई भी समस्या होती है, तो हमें बीमा कंपनी से लड़ना पड़ेगा। पुरानी पेंशन स्कीम में सेवानिवृत्ति के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी थी। लेकिन नई पेंशन नीति में कितनी पेंशन मिलेगी, यह तय नहीं है। इसके अलावा पुरानी पेंशन नीति में जीपीएफ की सुविधा भी मिलती थी. लेकिन नई पेंशन योजना में इसकी सुविधा खत्म कर दी गई है।जनरल प्रोविडेंट फंड अथवा जीपीएफ एक प्रोविडेंट फंड खाता होता है। जो सिर्फ सरकारी कर्मचारियों की खातिर होता है। कोई भी सरकारी कर्मचारी इसका सदस्य बन सकता है,इसके लिए उसे हर महीने अपनी सैलरी से कुछ फीसदी कॉन्ट्रीब्यूट करना पड़ता है। पुरानी पेंशन में जहां वेतन से कोई कटौती नहीं होती है, वहीं नई पेंशन नीति में वेतन से 10 फीसदी की कटौती तय की गई है।
दारूलशफा महासंघ कार्यालय की बैठक में पुरानी पेंशन मंच के प्रस्तावित आन्दोलन में भागीदारी बैठक में कहा कि पेंशन देने से राजकोषीय घाटे पर असर पड रहा है लेकिन आये दिन माल्या, नीरव मोदी , ललित मोदी जैसे लूटेरे देश का लाखों करोड़ रुपए लेकर विदेश भाग गए उससे राजकोषीय घाटे पर असर नहीं पड़ा। बारह लाख करोड़ रूपए पूंजी घरानों का कर्जा सरकार ने माफ कर दिया गया है उससे राजकोषीय घाटे पर असर नही पडा? एनपीएस जो कि एक अंशदायी पेंशन योजना है में कर्मचारी के साथ साथ देश की जनता के खून पसीने की कमाई को भी शेयर बाजार के माध्यम से पूंजीपतियों के हवाले किया जा रहा है क्योंकि जितना पैसा कर्मचारी के वेतन से कटता है उतना ही पैसा सरकार अंश के रूप में एनपीएस खाते में जमा करती है और एनपीएस खाते में जमा धनराशि की फंड मैनेजर सरकार नही है। यानि एनपीएस में जमा पैसा कभी न देश के और न कर्मचारी के काम आएगा। ये पैसा सिर्फ शेयर बाजार में लगेगा जिससे फंड मैनेजर्स जुआ खेलेंगे। एनपीएस को कर्मचारी के साथ साथ देश विरोधी है। बैठक को आल इण्डिया गर्वमेन्ट ड्राइवर फेडरेशन के सलाहकार और सिंचाई विभाग के अध्यक्ष प्रमोद कुमार नेगी, महासंघ के महामंत्री मिठाई लाल,कैलास सिंह, ओपी तिवारी, सुशील कुमार सिंह, सरवर अली, सिंचाई विभाग के शकील अहमद, कैलास साहू, अनिल कुमार मिश्रा सहित घटक संघों के अध्यक्ष, मण्डलीय अध्यक्ष, मंत्री और जनपदीय अध्यक्ष मंत्री ने सम्बोधित किया।

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