उ0प्र0 में महिलाएं और बेटियां असुरक्षित हैं और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ जी
दिन-रात सिर्फ अपनी सुरक्षा और आगामी आम चुनाव की तैयारी में व्यस्त हैं।
उ0प्र0 कंाग्रेस के प्रवक्ता ने आज जारी बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश में
2017 के चुनाव के समय भारतीय जनता पार्टी ने नारा दिया था-बहुत हुआ महिलाओं पर
अत्याचार अबकी बार भाजपा सरकार, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, लेकिन बीजेपी की सरकार
बनने के बाद निरन्तर महिलाओं के साथ बलात्कार, हत्या और छेड़खानी की घटनाएं बढ़
रही हंै और दूसरी तरफ मुख्यमंत्री जी आम चुनाव 2019 की तैयारियों में लगे हैं
उ0प्र0 की जनता ने उन्हें अपनी सुरक्षा और सुदृढ़ करने के लिए चुना था लेकिन
सरकार आने के बाद वह अपने बलात्कारी नेताओं को बचाने और उन पर लगे बलात्कार के
मुकदमें वापस लेने का काम कर रही है आज की स्थिति में उन पर यही नारा सटीक
बैठता है- ‘‘कि पहले बीजेपी के नेताओं से बेटी बचाओ-फिर बेटी पढ़ाओ’’, क्या यह
उ0प्र0 की जनता की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा रहा ? मुख्यमंत्री जी
सिर्फ अपनी सुरक्षा के प्रति तो संवेदनशील हैं लेकिन अपराधियों एवं
बलात्कारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही करने के बजाय उनके संरक्षण में लगे
हुए है।
इससे ज्यादा शर्मनाक स्थिति क्या हो सकती है कि प्रदेश की महिलाओं को
मुख्यमंत्री से न्याय मांगने के बाद भी न्याय नहीं मिलता जिसकी कीमत उन्हें
अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है। मेरठ की एक बच्ची को जला दिया जाता है, बागपत
की घटना हो या बरेली में 17 साल की बच्ची के साथ बलात्कार की घटना हो। लखनऊ
में डीजीपी कार्यालय के पास से बच्ची को उठाकर रेप कर दिया जाता है और सरकार
हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है। उन्नाव की घटना में आज तक उस आरोपी बीजेपी
विधायक के खिलाफ बीजेपी की तरफ से कोई कार्यवाही नहीं की जाती है जबकि सीबीआई
ने चार्जशीट दाखिल कर दी है इससे बीजेपी की महिला विरोधी मानसिकता उजागर होती
है बीजेपी के विधायक शर्मनाक बयान देते हैं कि भगवान राम भी आ जायें तो
बलात्कार की घटनाएं नहीं रूकेंगी। सरकार के उपमुख्यमंत्री माता सीता को टेस्ट
ट्यूब बेबी बताते हैं और भारतीय जनता पार्टी उस पर मौन रहती है।
विगत वर्ष एनसीआरबी के आंकड़ों से भी स्पष्ट है कि उ0प्र0 में महिलाओं के प्रति
बलात्कार और छेड़खानी की घटनाओं में 40 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा हुआ है
उ0प्र0 में बीजेपी सरकार आने के बाद सरकार और पुलिस अपराधों में सिर्फ
आंकड़ेबाजी कर रही है। देश में महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं में उ0प्र0
तीसरे स्थान पर है।
भारतीय जनता पार्टी की सरकार के गठन के बाद जोर-शोर से उ0प्र0 में एण्टी
रोमियों स्क्वायड बनाया गया था आज वह जमीन पर कहीं नजर नहीं आता है यह टीम
कहां है खुद सरकार और पुलिस अफसरों को पता नहीं है शिथिलता की वजह से महिलाओं
पर घटनाएं बढ़ रही हैं यदि एण्टी रोमियो स्क्वायड सही ढंग से काम करता तो शायद
उ0प्र0 की बेटियों, महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं में कुछ कमी आ सकती थी।
मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर से जुड़े जनपद देवरिया के शेल्टर होम में जिस
तरीके से बच्चियों के साथ शोषण होता रहा और घटना के इतने दिन के बावजूद भी आज
तक सरकार यह नहीं पता लगा पायी कि उन सब काली और सफेद गाड़ियों में कौन लोग आते
थे और संस्था की मान्यता न होने के बावजूद किसकी शह पर यह संस्था संचालित हो
रही थी? इन मामलों को देखकर तो यह लगता है कि खुद भाजपा की आदित्यनाथ सरकार ने
बलात्कारियेां को बलात्कार करने और सामूहिक बलात्कार करने की छूट दे रखी है।
कांग्रेस पार्टी यह सवाल करती है भारतीय जनता पार्टी से और उसकी सरकार से कि
क्या यही भयमुक्त शासन देने का वादा था ? आखिर क्यों ऐसे नेताओं के खिलाफ
कार्यवाही नहीं होती जो बराबर महिलाओं को लेकर अमर्यादित टिप्पणी करते रहते
हैं। क्या यह घटनाएं महिला सशक्तीकरण और सुरक्षा के नाम पर बेइमानी नहीं हैं?