लखनऊ - उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री मायावती द्वारा नोटों की माला प्रकरण के विरोध में भाजयुमो ने हर स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। आज दिनांक 22 मार्च को प्रदेश की मुख्यमन्त्री मायावती को नोटों की मायाजाल से निकालने के उद्देश्य से भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष अभिजात मिश्रा (राघवेन्द्र) के नेतृत्व में सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने बेशर्म बेंहया के पेड़ व फूल की भारी भरकम माला लेकर प्रदर्शन किया।
कार्यकर्ता मुख्यमन्त्री मायावती को यह बेंहया की भारी भरकम माला भेंट करने के लिये प्रदेश कार्यालय से मुख्यमन्त्री आवास की ओर निकले परन्तु प्रशासन ने कार्यकर्ताओं को प्रदेश कार्यालय के गेट पर ही रोक लिया जिसके विरोध में कार्यकर्ताओं ने जमकर नारे बाजी की कार्यकर्ताओं ने मायावती डरती है पुलिस को आगे करती है बेंहया की माला स्वीकार करो। कार्यकर्ताओं ने नारे लगाये रोके जाने का पुरजोर तरीके से विरोध किया और माला प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपकर अपना विरोध दर्ज कराया।
माया के माला प्रेम पर भाजयुमो अध्यक्ष अभिजात मिश्रा ने कहा कि मुख्यमन्त्री दलित की बेटी से अब दौलत की बेटी बन गई हैं खुद को दलितों का मसीहा समझने वाली उन दलितों को भूल बैठी है जिन्होंने उन्हे सत्ता सौंपी थी दलितों को खुलेआम बेवकूफ बनाकर वह मायाजाल बुनतीं जा रही हैं। दलित बसपा के लिये केवल एक वोट बैंक बनकर ही रह गया है। देश में कमरतोड़ मंहगाई से आम जनता त्राहि-त्राहि कर रही है गरीब जनता को दो वक्त की रोटी नसीब नही हो पा रही है। मायावती पार्को -स्मारकों व अपनी मूर्तियों के साथ-साथ हाथी की भी प्रतिमायें लगवाने में उत्तर प्रदेश का सारा धन लुटा रही हैं उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार भ्रष्टाचार का एक जीता जाता सबूत है। काले धन को सफेद बनाने का कार्य बसपाईयों द्वारा माला के माध्यम से किया जा रहा है। जिसे युवा मोर्चा कदापि बर्दाश्त नही करेगा और माला प्रेम का हर स्तर पर विरोध करते हुये जनता के बीच भी जायेगा।
बसपा की महारैली पर भाजयुमो अध्यक्ष अभिजात मिश्रा ने कहा कि मायावती अपनी ताकत दिखाने के लिये रैली बुलाती हैं उसमें नोटों की माला पहंनती है और माला विरोध के बाद एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी करते हुये फिर बेर्शम बनकर अगले दिन बैठक बुलाकर पुन: माला पहंनती है और उनके सलाहकार नसीमुद्दीन सिद्दकी कहते हैं कि माया को अब नोटों की ही माला पहनाई जायेगी। उनके माला प्रेम को देखते हुये युवा मोर्चा ने भी आज उनको एक बेंहया की माला भेंट करने का कार्य किया है। मायावती पहली बार मुख्यमन्त्री बनी थीं प्रदेश के 11000 गांवों को अम्बेडकर गांव घोषित किया था और कहा था इन गांवों में हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध करायेगीं हलात यह है कि चौथी बार मुख्यमन्त्री बनने के बाद भी इन अम्बेडकर गांवों में सड़क, पानी, बिजली की प्राथमिक सुविधाएं उपलब्ध भी नही हो सकी है। मुख्यमन्त्री द्वारा मूर्तियों, पार्को एवम् स्मारकों पर बेवजह खर्च किया जा रहा धन का 25 प्रतिशत हिस्सा भी इन गांवों के विकास में लग जाता तो यह सभी गांव विकसित दिखाई देने लगते। यह है मुख्यमन्त्री मायावती के दलित प्रेम की सच्ची कहानी जो बहुत ही कड़वी है।
कांग्रेस पर हमला करते हुये भाजयुमो अध्यक्ष अभिजात मिश्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है मायावती अपने जन्म दिवस पर धन उगाही करवाती हैं धन उगाही के दौरान अवैध वसूलियां होती हैं इन्जीनियर मनोज गुप्ता जैसे लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है पर मुख्यमन्त्री को इस गरीब जनता की पीड़ा दिखाई तक नही देती है। माला प्रकरण पर सम्पूर्ण विपक्ष के विरोध के बावजूद केन्द्र की यूपीए सरकार अंधी-गूंगी-बहरी बनकर बैठी हुयी है हम सब कांग्रेस की सरकार से मांग करते हैं कि राष्ट्रीय मुद्रा का सर्वजानिक अपमान जो बसपा सरकार द्वारा किया गया है। इस सरकार के विरूद्ध कठोर से कठोर कार्यवाही की जाये आज माया के माला प्रेम के विरोध प्रदर्शन में महामन्त्री रिंकू सोनकर, उपाध्यक्ष मनीष दीक्षित, विनोद तिवारी अप्पू, संजय सिंह राठौर, रोहित सैनी, जितेन्द्र बाल्मीकी, अमित सिंह पल्लू, मो0 रिजवान, पुष्पासिंह चौहान, अमित सोनकर, अनूप बाजपेयी, सत्यवान पाण्डे, किशन बहादुर अर्जेल, विनय शर्मा, शिवशंकर शर्मा आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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