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राजभवन में दी गई पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि

Posted on 18 August 2018 by admin

21वीं सदी के महानायक थे अटल जी - श्री नाईक

लखनऊः 18 अगस्त, 2018
011 उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने आज राजभवन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर राज्यपाल की पत्नी श्रीमती कुंदा नाईक, पुत्री डाॅ0 निशिगंधा नाईक, प्रमुख सचिव श्री हेमन्त राव, विशेष सचिव डाॅ0 अशोक चन्द्र सहित राजभवन के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे। श्रद्धांजलि सभा में दो मिनट का मौन भी रखा गया।
राज्यपाल ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी से उनका 1962 से व्यक्तिगत एवं राजनैतिक संबंध रहा है। अटल जी अपने अद्भुत व्यक्तित्व एवं कृतित्व के कारण न केवल देश बल्कि विश्व की दृष्टि से भी 21वीं सदी की राजनीति के महानायक थे। अटल जी के व्यक्तित्व में हिमालय की ऊंचाई तथा विचारों एवं ज्ञान में समुद्र सी गहराई थी। उनको सरस्वती का वरदान प्राप्त था। वे अपनी उदारता एवं सबको साथ लेकर चलने की राजनीति के लिए जाने जाते थे। राज्यपाल ने कहा कि अटल जी का निधन युगान्त है।
श्री नाईक ने अटल जी के राजनैतिक जीवन में प्रकाश डालते हुए बताया कि 1952 में डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ अटल जी भी कश्मीर गये थे जहाँ से डाॅ0 मुखर्जी ने उन्हें वापस भेजकर देश में प्रचार करने को कहा। 1957 में प्रथम बार अटल जी द्वारा जनसंघ के प्रत्याशी के रूप में उत्तर प्रदेश के तीन संसदीय क्षेत्रों मथुरा, लखनऊ एवं बलरामपुर से चुनाव लड़ने का भी राज्यपाल ने जिक्र किया। उन दिनों जनसंघ को लोकसभा के लिये उम्मीदवार मिलना भी मुश्किल था। चुनाव का परिणाम आया कि मथुरा से 10 प्रतिशत वोट पाकर जमानत जब्त हुई, लखनऊ से 33 प्रतिशत वोट पाकर जमानत सुरक्षित रही और बलरामपुर से 52 प्रतिशत वोट पाकर वे विजयी हुए। इसके पश्चात् अटल जी का लखनऊ से विशेष लगाव हो गया। उन्होंने लखनऊ को अपनी कर्मभूमि बनाया जहाँ से जीतकर तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे।
राज्यपाल ने अपने संस्मरण साझा करते हुए कहा कि 1980 में जब मैं भारतीय जनता पार्टी का मुंबई अध्यक्ष था तब मुंबई में आयोजित पार्टी के प्रथम अधिवेशन में अटल जी ने कहा था कि ‘अंधेरा छटेगा, सूरज उगेगा और कमल खिलेगा’। इसी अधिवेशन में न्यायमूर्ति छागला जिन्होंने आपातकाल के दिनों में अटल जी की ओर से न्यायालय में वकालत की थी, ने अपार जनसमूह को देखकर अपने सम्बोधन में कहा था कि मेरे सामने ‘मिनी इण्डिया’ है और मेरे दाहिनी ओर बैठे अटल जी में मैं भविष्य का प्रधानमंत्री देख रहा हूँ। राज्यपाल ने कहा कि यह भविष्यवाणी 1996 में साकार हुई।
श्री नाईक ने कहा कि अटल जी में कठिन परिस्थितियों में भी निर्णय लेने की अद्भुत क्षमता थी। 1998 में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव लाने पर अटल जी ने कहा था कि वे किसी अनुचित प्रकार से वोट नहीं जुटायेंगे, सरकार गिरने की स्थिति में पुनः जनता के समक्ष जायेंगे। 23 पार्टियों के सहयोग से बनी सरकार एक वोट से गिर गयी थी। राजनीति में सात्विकता का ऐसा उदाहरण उनके जैसा विराट व्यक्तित्व ही प्रस्तुत कर सकता था। परमाणु परीक्षण कर अटल जी ने भारत को विश्व में शक्तिशाली देश के रूप में स्थापित किया। अनेक विकसित देशों के कड़े आर्थिक प्रतिबंधों के बावजूद वे झुके नहीं। उन्होंने देशवासियों का आह्वान करते हुए लाल बहादुर शास्त्री जी के 1965 में दिये गये नारे ‘जय जवान-जय किसान’ में ‘जय विज्ञान’ जोड़कर देश को आगे बढ़ाने का कार्य किया।
राज्यपाल ने कहा कि जब वे 1994 में कैंसर रोग से ग्रस्त थे तब अटल जी अनेक बार उनका हाल-चाल जानने मुंबई आवास आये थे। अटल जी ने कहा था कि आपके स्वस्थ होकर पुनः काम शुरू करने पर मैं आपसे मिलने आऊंगा। कैंसर रोग पर विजय प्राप्त करने के पश्चात् पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती 25 सितम्बर 1994 को आयोजित कार्यवृत्त प्रकाशन के कार्यक्रम में अटल जी आये थे। उन्होंने कहा कि ‘आये हुये जनसमूह को देखकर ईष्र्या होती है कि रामभाऊ कितने लोकप्रिय हैं। आप मृत्यु के दरवाजे से वापस आये हैं। बोनस में मिला जीवन इस बात का संकेत है कि आगे देश और समाज के लिए और काम करना है।’ राज्यपाल ने कहा कि अटल जी के ऐसे वचन सुनकर मैंने ‘पुनश्च हरि ओम्’ कहकर अपना कार्य प्रारम्भ किया।
श्री नाईक ने बताया कि जब वे पेट्रोलियम मंत्री थे तब उनके सुझाव पर कारगिल युद्ध के शहीदों के परिजन के पुनर्वास के लिए पेट्रोल पम्प और गैस एजेन्सी देने के निर्णय को अटल जी ने स्वीकार किया था। राज्यपाल ने कहा कि ऐसा प्रधानमंत्री, ऐसा जनता का नेता भारत में कभी नहीं हुआ। अटल जी ने जो अद्भुत कार्य किये हैं उसी रास्ते पर चलकर हम सभी को जनता की सेवा का दायित्व निभाने, गुणवत्ता से काम करने का संकल्प लेना चाहिए, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
प्रमुख सचिव श्री हेमन्त राव ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि अटल जी सरल एवं सहज स्वभाव के थे। उन्होंने देश को कड़ी परीक्षा के बीच से निकाला था। अटल जी का व्यक्तित्व एवं राजनीतिक जीवन सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
श्रद्धांजलि सभा का संचालन करते हुए प्रभारी आयुर्वेद चिकित्सालय राजभवन डाॅ0 शिव शंकर त्रिपाठी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन पर प्रकाश डाला।

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