उत्तर प्रदेश के आधे जिले बाढ़ की भीषण विभीषिका से जूझ रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी की सरकार मेरठ में कार्यसमिति की बैठक में मंथन का बहाना करके आत्म प्रसंशा कर रही है। उसे इस बाढ़ की कोई चिन्ता नहीं है। क्योंकि इनके सिंचाई मंत्री का कहना है कि यह तो अभी शुरूआत है तबाही बाकी है। जो सरकार प्रदेश की जनता की तबाही की कल्पना करे उससे किस प्रकार की सहायता और शासन व्यवस्था की उम्मीद की जा सकती है कि वह किस तरह से बाढ़ में फंसे लोगांे को राहत देगी। प्रदेश के कई गांव सम्पर्क मार्ग से कट गये हैं। सरकार को उसके समाधान की रत्ती भर भी चिन्ता नहीं दिखाई पड़ रही है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि आज भारतीय जनता पार्टी की कार्यसमिति की बैठक का समापन भाषण भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह द्वारा दिया गया। परन्तु आश्चर्य है कि उनके भाषण के दौरान सभी पत्रकारों को समारोह स्थल से बाहर कर दिया गया। समापन के बाद जो लोग बाहर निकले किसी ने भी पत्रकारों को कुछ नहीं बताया और कहा कि अभी प्रेस रिलीज जारी होगी। उन्हें जनता को अपने भाषण के माध्यम से सीधे संदेश देना चाहिए था कि आने वाले समय में उनकी पार्टी क्या करने जा रही है। इन्होने इसको छिपाने का क्यों प्रयास किया इसे स्पष्ट करना चाहिए।
भाजपा की कार्यसमिति की बैठक में तय किये गये एजेण्डे से दो बातें स्पष्ट हुईं कि इन्हें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी से गले मिलना कबूल नहीं है। परन्तु कांग्रेस इन्हें स्नेह और प्यार देती रहेगी ताकि नफरत का बीज इनके दिलों से निकल सके। भूतकाल में भी कई मौकों पर हमारे कांग्रेस के अध्यक्ष एवं तत्कालीन प्रधानमंत्री ने समय-समय पर भाजपा नेताओं के सम्मान में और उनकी परेशानियों में मदद करने में कभी पीछे कदम नहीं हटाया, इसके अनेकों उदाहरण हैं। दूसरा यह कि भाजपा कार्यसमिति ने दलित एवं पिछड़ा वर्ग की राजनीतिक का झूठा ड्रामा दर्शाया है। मिल्कीपुर के दलित विधायक के पिता को मारा-पीटा जाता है और पुलिस उसकी एफआईआर नहीं लिख रही है और पार्टी कहती है कि वह दलित हितैषी है। इसी प्रकार बहराइच की सांसद, इनके मंत्रिमण्डल के मंत्री श्री ओम प्रकाश राजभर सरकार के कार्यों से निरन्तर विरोध जता रहे हैं और सरकार उसकी कोई परवाह नहीं कर रही है। यह इनके दलित और पिछड़े वर्ग की हितैषी होने का सबूत है जो जगजाहिर है।
गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह का बयान जिसमंे उन्होने कांग्रेस के बारे में काठ की हाण्डी की संज्ञा दी, हास्यास्पद है। जिस पार्टी ने देश में 55 वर्ष तक सत्ता संभाली हो उसकी काठ की हाण्डी और जो अभी पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनी हो वह पक्की हाण्डी की सरकार हो गयी यह हास्यास्पद ही कहा जायेगा।
भारतीय जनता पार्टी की कार्यसमिति से यह अपेक्षा की गयी थी कि वह कांवड़ियों द्वारा हो रहे उद्दण्ड को खतम करने के लिए कोई रणनीति बनाती परन्तु ऐसा नहीं हुआ बल्कि पुलिस भी मौन होकर अपने सामने अपनी गाड़ियां तुड़वाती नजर आ रही थी।
चोरी, डकैती हत्या, लूट, बलात्कार की घटनाओं को रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने न तो इस कार्यसमिति से कोई सुझाव मांगे न ही कार्यसमिति ने इनको बताने का काम किया। जबसे प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है तबसे किसी भी प्रकार की सरकारी नौकरी की परीक्षा नहीं हो पायी, इस पर भी कार्यसमिति ने कोई चर्चा नहीं की कैसे सरकारी नौकरियों में परीक्षा को पूरा कराया जाये जिससे रोजगार की समस्या हल हो सके।
देवरिया के शेल्टर होम में जो बच्चियों के साथ वीभत्स काण्ड हुआ उसकी भी चर्चा न करके इस कार्य समिति ने समाज को कोई संदेश नहीं दिया।
भारतीय जनता पार्टी की कार्यसमिति को इस पर भी विचार करना चाहिए था कि किस प्रकार से आये दिन प्रदेश के अन्दर जो पुल केन्द्र सरकार द्वारा बनवाये जा रहे हैं वह गिर रहे हैं और लोगों की मौतें हो रही हैं उससे कैसे निपटा जाये।
भारतीय जनता पार्टी की कार्यसमिति में यह भी स्पष्ट करना चाहिए था कि बच्चों के भविष्य को संवारने वाले शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों का मानदेय क्रमशः 10 हजार और 8 हजार है और नवसृजित लोक कल्याण मित्र के पद पर भर्ती करने वाले कर्मचारिेयों का मानदेय 30 हजार रूपये प्रतिमाह रखा गया है जो सरकार के द्वारा किये गये योजनाओं का प्रोपेगण्डा करेंगे। इसके अतिरिक्त किसलिए यह अपने लिए और आने वाली सरकारों के लिए एक नई भीषण समस्या को जन्म देने का प्रयास कर रहे हैं कि यह लोग भी कुछ दिनों के बाद खुद को रेगुलर करने के लिए सरकार पर दबाव बनायेंगे और सड़कों पर उतरेंगे। इस पर भी कार्यसमिति को मंथन करना चाहिए था।
अतः भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, माननीय केन्द्रीय गृह मंत्री, प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा के माननीय अध्यक्ष से अनुरोध है कि आत्ममुग्धता से बाहर निकलिये और प्रदेश की उपरोक्त भीषण ज्वलन्त समस्याओं के समाधान का मार्ग खोजिए, जिससे प्रदेश की जनता का कल्याण हो सके।