लखनऊ: दिनांक: 08 अगस्त, 2018
प्रदेश की महिला कल्याण मंत्री प्रो0 रीता बहुगुणा जोशी ने आज आश्रयगृहों और शरणालयों की व्यवस्थाओं को चाकचैबंद करने के मद्देनजर महिला कल्याण विभाग के सभी उच्च स्तरीय एवं संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाकर व्यवपक निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में कहा कि आश्रयगृहों एवं शरणालयों की 24 घंटे केन्द्रीकृत माॅनीटरिंग बेहद आवश्यक है। उन्होंने इसके लिए विभाग में स्थापित स्टेट डाटा मैनेजमेंट सेंटर का विस्तारीकरण करके सीसीटीवी कैमरों द्वारा स्क्रीन माॅनीटरिंग की व्यवस्था हेतु योजना बनाकर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
प्रो0 जोशी ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि वे जारी किए गए आदेशों और निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराने के साथ-साथ उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने की व्यवस्था भी सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिया कि राज्य महिला आयोग और बाल आयोग के सदस्यों को भी आश्रयगृह एवं शरणालयों के निरीक्षण हेतु व्यवस्था बनाई जाए। इसके लिए उन्होंने निरीक्षण हेतु बिन्दुवार विषयों को पृष्ठांकित कर सदस्यों को पहले से उपलब्ध कराने के लिए कहा, जिससे वे सुविधा पूर्वक निरीक्षण कर रिपोर्ट को प्रस्तुत कर सकें।
संवासियांे की दिनचर्या को व्यवस्थित रखने उनको शिक्षित और स्वाबलम्बी बनाने के दृष्टिगत महिला कल्याण मंत्री प्रो0 रीता बहुगुणा जोशी ने अधिकारियों को कौशल विकास प्रशिक्षण हेतु विस्तृत कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने सम्प्रेषणगृहों के संवासियों हेतु विशेष प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण कराने की व्यवस्था कराने को कहा। प्रो0 जोशी ने बैठक में शिक्षा गृहण कर रहे संवासियों की इस वर्ष की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनेका निर्देश भी दिया।
आश्रय गृहों/शरणालयों के संचालन की आगामी व्यवस्थाओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने अधिकारियों से प्रतिष्ठित और विश्वसनीय संस्थाओं, एन.जी.ओ. की सूची तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा संस्थाओं के चयन में विशेष सावधानी रखी जाये तथा चयन प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और आॅनलाइन किया जाये। उन्होंने अधिकारियों को प्रदेश में निष्क्रिय सी.डब्ल्यू सी. सदस्यों एवं एन.जी.ओ. की सूची भी तैयार करने का निर्देश दिया।
आॅन लाइन माॅनीटरिंग व्यवस्था पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणुका कुमार ने अवगत कराया की स्टेट डाटा मैनेजमेंट सेंटर का विस्तार करते हुए इसे दो भागों में विभक्त कर माॅनीटरिंग की पुख्ता व्यवस्था की जा सकती है। उन्होंने कहा इसके एक यूनिट को ‘स्टेट डाटा इवैल्युएशन यूनिट’ बनाकर एम.आई.एस डाटा कलेक्ट करने तथा दूसरी यूनिट को ‘‘आब्जर्वेशन यूनिट’ बनाकर अश्रयगृहों/शरणालयों में स्थापित सी.सी.टी.वी. कैमरों की स्क्रीन माॅनीटरिंग की जा सकेगी।
बैठक में महिला कल्याण विभाग की अपर मुख्य सचिव, निदेशक सहित समस्त वरिष्ठ एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।