अधिकारों का प्रयोग समाज के हित में सकारात्मक दृष्टिकोण से करें - श्री नाईक
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लखनऊ: 07 अगस्त, 2018
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक से आज राजभवन में उत्तर प्रदेश संवर्ग के भारतीय प्रशासनिक सेवा 2017 बैच के 17 तथा भारतीय वन सेवा 2015 बैच के 2 प्रशिक्षु अधिकारियों ने भेंट की। इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री हेमन्त राव, उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी के महानिदेशक श्री कुमार अरविन्द सिंह देव, अपर निदेशक श्री संजय कुमार सिंह यादव व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं वन सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र में अधिकारियों को जनता की सेवा के लिए ही अधिकार दिए जाते हैं। अपने अधिकारों का प्रयोग समाज के हित में सकारात्मक दृष्टिकोण से करें। मृदुल व्यवहार पर जोर देते हुए उन्होंने मराठी कहावत को उद्धृत किया कि ‘पैर में चक्र, मुँह में शक्कर और सिर पर बर्फ’ की भूमिका में काम करें तो उसका अधिक लाभ होता है। कार्यालय छोड़ने से पहले आने वाले कल की तैयारी एक दिन पूर्व करंे। प्राथमिकता तय करने के लिए नोट करने की आदत डालें। अपने कार्य को समय पर निस्तारित करंे और उसकी निरन्तर समीक्षा करते रहंे। यह प्रयास होना चाहिए कि अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए फरियाद लेकर आने वाला व्यक्ति संतुष्ट होकर जाए। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सेवा में दृष्टिकोण का महत्व होता है इसलिए सकारात्मक भूमिका में कार्य करें।
श्री नाईक ने कहा कि अपनी तैनाती के स्थान की पूरी जानकारी प्राप्त करें। विकास कार्य एवं सरकारी योजनाओं को सफल बनाने के लिए जन सहभागिता सुनिश्चित करें। सरकार द्वारा समय-समय पर जारी होने वाले शासनादेश की जानकारी होनी चाहिए। चुनौतियों से निपटने के लिए सक्रिय, अभिनव और उत्तरदायी होना चाहिए। राज्यपाल ने राज्य सरकार की सराहना करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सर्पदंश से होने वाली मृत्यु को दैवीय आपदा की श्रेणी में रखा है। गत वर्ष देश में लगभग 65 हजार लोगों की मृत्यु सर्पदंश से हुई थी। प्रशासनिक सेवा में संवेदनशीलता का अपना महत्व होता है। अधीनस्थ कर्मचारियों के दोष को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित न करें बल्कि सुधारने की दृष्टि से उनका मार्गदर्शन करें। उन्होंने कहा कि अपने द्वारा किए गए कार्यों का आत्म निरक्षण करें और उसे बेहतर बनाने का प्रयास करें।
राज्यपाल से प्रशिक्षु अधिकारियों द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में बताया कि बी0काम0 की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् उन्होंने महालेखाकार कार्यालय में नौकरी करना प्रारम्भ किया। राजनीति सेवा का पर्याय है इसलिए नौकरी छोड़कर राजनीति में आ गए जबकि राजनीति को जीवन यात्रा बनाने का कोई इरादा नहीं था। उन्होंने राजनीति में आने के बाद पहले समाज सेवक फिर विधायक, सांसद, विभिन्न विभागों में राज्यमंत्री एवं मंत्री और अब राज्यपाल बनने तक का सफर प्रशिक्षु अधिकारियों से साझा किया। राज्यपाल ने व्यक्तित्व विकास एवं जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए चार मंत्र बताते हुए कहा कि सदैव मुस्कुराते रहें, दूसरों की सराहना करना सीखें, दूसरों की अवमानना न करें क्योंकि यह गति अवरोधक का कार्य करती हैं, अहंकार से दूर रहें तथा हर काम को अधिक अच्छा करने पर विचार करें। उन्होंने ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ को उद्धृत करते हुए कहा कि सफलता का मर्म निरन्तर आगे बढ़ने में है।
राज्यपाल ने प्रशिक्षु अधिकारियों को अपने चतुर्थ वार्षिक कार्यवृत्त ‘राजभवन में राम नाईक 2017-18’ की प्रति भी भेंट की। इस अवसर पर अकादमी के महानिदेशक श्री कुमार अरविन्द सिंह देव ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा अपर निदेशक श्री संजय कुमार सिंह यादव ने धन्यवाद ज्ञापित किया। अकादमी की ओर से प्रशिक्षु अधिकारी श्री ईशान प्रताप सिंह ने राज्यपाल को तथा प्रशिक्षु अधिकारी सुश्री अनीता यादव ने प्रमुख सचिव श्री हेमन्त राव को पुस्तक भेंट की।