Categorized | लखनऊ.

सवर्ण जातियों को 15 प्रतिशत जातिगत आरक्षण देकर जाति विद्वेष को दूर किया जाय

Posted on 06 August 2018 by admin

जातियों को उपजाति में बांटकर गन्दी राजनीति करने में जुटी भाजपा-लौटन राम
लखनऊ 06 अगस्त 2018। केन्द्र सरकार द्वारा सामान्य वर्ग की जातियों को आर्थिक आधार पर 15 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए संविधान संशोधन पर किये जा रहें विचार पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चै0 लौटन राम निषाद ने कहा कि आर्थिक आधार पर आरक्षण असंवैधानिक है, लेकिन जातिगत विद्वेष को दूर करने के लिए सवर्ण जातियों को आर्थिक आधार पर नहीं बल्कि जातिगत आधार पर 15 प्रतिशत आरक्षण संविधान संशोधन कर देने की मांग किया है। उन्होंने कहा कि सेन्सस आॅफ इण्डिया 2011 के अनुसार एस0सी0, एस0टी0, धार्मिक अल्पसंख्यक, ट्रांसजेण्डर व द्विवांग की जनगणना को उजागर कर दिया गया है। लेकिन ओ0बी0सी0 की जनगणना को साजिश के तहत छिपा दिया गया। जब कि मोदी सरकार ने ओ0बी0सी0 की जातिगत, सामाजिक रिपोर्ट उजागर करने के लिए 449 करोड़ अतिरिक्त धन मुहैया कराया था। यदि ओ0बी0सी0 की जनगणना रिपोर्ट उजागर कर दी गयी होती तो सवर्ण जातियों को भी असली जनसंख्या सामने आ गयी होती।
श्री निषाद ने कहा कि मण्डल मीशन के तहत 1980 में अन्य पिछड़े वर्ग की जातियों की संख्या 52 प्रतिशत थी। लेकिन बाद में तमाम जातियों को ओ0बी0सी0 में शामिल कर लिया गया। जिसके कारण इस समय ओ0बी0सी0 की जनसंख्या 60 प्रतिशत से अधिक होगी लेकिन उन्हें मात्र 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है, जो नैसर्गिक न्याय के प्रतिकूल है। संविधान के अनुच्छेद 341व 342 के अन्तर्गत एस0सी0 व एस0टी0 में सूचीबद्ध जातियों को जनसंख्या के अनुपात में कार्यपालिका व विधायिका में आरक्षण दिया जा रहा है तो ओ0बी0सी0 की जनगणना रिपोर्ट उजागर कर 340 के अन्तर्गत ओ0बी0सी0 में शामिल जातियों को जनसंख्यानुपाती आरक्षण क्यों नहीं? तमिलनाडू में 69 प्रतिशत आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका के निर्णय में माननीय उच्चतम न्यायालय ने 11 जुलाई, 2013 को कहा था कि कोई भी राज्य सरकार अपने राज्य में जितने भी प्रतिशत आरक्षण देना चाहे, दे सकती है, बशर्ते कि उसके पास जनगणना का पुष्ट आकड़ा उपलब्ध होना चाहिए।
श्री निषाद ने भाजपा पर जातियों को उपजातियों, खापो, फिरको व गोत्रों में बांटकर गन्दी राजनीति करने पर उतारू है। हिन्दुत्व की बात करने वाली भाजपा लोक सभा चुनाव 2019 को जीतने के लिए यादव समाज को ग्वाल व डड़होर में विभक्त कर इनमें वैमनस्यता व फिरका परस्ती की भावना भरकर मुलायम सिंह यादव व अखिलेश यादव को डड़होर यादवों का नेता बताकर ग्वालों को अपने पक्ष में करने की गन्दी राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि जो ग्वाल नेता भाजपा की इस गन्दी राजनीति का अनुसरण कर यादवी एकता को खण्डित करने का तुच्छ निजस्वार्थ के लिए गन्दा काम कर रहें है वह अक्षम्य है। उन्होंने धर्मेन्द्र प्रधान, भूपेन्द्र यादव , डाॅ0 सुधा यादव, नन्द किशोर राय, राम कृपाल यादव, लक्ष्मी नारायण यादव, गंगा राम अहिर, आदि को विभीषण बताते हुए यादव शक्ति को ही नहीं बल्कि पिछड़े वर्ग की ताकत को कमजोर करने का दोषी बताया।

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

April 2025
M T W T F S S
« Sep    
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
282930  
-->









 Type in