जनपद देवरिया के महिला आश्रय गृह में हुई घटना बहुत ही शर्मनाक और घिनौनी घटना है। यह मुख्यमंत्री जी के घर से मात्र 60-70कि.मी. के अन्दर है। यह कैसा शासन-प्रशासन है कि एक संस्था जिसका लाइसेंस रद्द हो चुका है बच्चियों को पालने का कार्य आखिर किसके संरक्षण पर हो रहा है? किसकी अनुमति से चल रहा है? क्या मुख्यमंत्री जो कह रहे हैं ठोस कार्यवाही की जायेगी, क्या अभी तक जानबूझकर लचर कार्यवाहियां की हैं जो अब ठोस कार्यवाही करने की बात कर रहे हैं? पिछली तमाम कार्यवाहियों का अब तक कोई परिणाम नहीं निकला है, अब एक और ठोस कार्यवाही की बात कर रहे है?
उन्होने कहा कि जो भी प्रशासनिक अधिकारी और जो भी राजनीतिक व्यक्ति हैं, जिनके संरक्षण में यह हो रहा है, पला है, उन्हें कठोर सजा मिलनी चाहिए। विभागीय मंत्री एवं मुख्यमंत्री को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।
राजबब्बर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी बार-बार कहते हैं कि बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ, कहीं यह जुमला तो नहीं है? देश में जहां-जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार है बच्चियों और महिलाओं के साथ बेतहाशा रेप की घटनाएं हो रही हैं चाहे वह मुजफ्फरपुर (बिहार) हो अथवा अब उ0प्र0 में देवरिया हो। जुमलों को बेंचकर बच्चियों और महिलाओं की सुरक्षा नहीं कर सकते। यही है महिलाओं की सुरक्षा? यही है बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के नारे की हकीकत? ढोल में पेाल है? वही दूसरी ओर काग्रेस की अदिति सिंह, विधायक,रायबरेली ने भी योगी सरकार पर हमला बोलते कहा है कि सरकार कहती है कि श्बेटी बचाओ बेटी पढाओश् लेकिन जब बेटियां सुरक्षित होंगी तभी वे पढ़ पाएंगी तभी वे आगे बढ़ेंगी। बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम के बाद अब अपने यूपी के देवरिया के एक नारी संरक्षण गृह में भी देह व्यापार कराए जाने का मामला सामने आया है। अखबारों व टीवी चैनलों के माध्यम से मुझे पता चला कि छोटी.छोटी मासूम बच्चियों से देह व्यापार कराया जा रहा था। वहीं छापे में मौके पर केवल 24 मिलींए बाकी 18 लड़कियों का पता लगाया जा रहा है। यूपी पुलिस से मेरा निवेदन है कि जल्द इन बच्चियों का पता लगाया जाए आरोप लग रहे हैं। वहीं सरकार से गुजारिश है कि इस मामले में बड़ी कार्रवाई हो। आए दिन जिस तरह से एक के एक बाद घटनाएं आ रही हैं जिसने पूरे प्रदेश को शर्मसार कर दिया है। छोटी.छोटी बच्चियां शिकार बनती जा रही हैं। इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटनाएं आए दिन सामने आ रही हैं। मेरी ये भी गुजारिश है कि अन्य शहरों में भी इस तरह की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जाए। बिना बेटियों के इस संसार की कल्पना नहीं की जा सकती। बेटियों को न्याय दिलाने के लिए हमें सड़क से सदन तक लड़ाई लड़नी होगी।