सुरेन्द्र अग्निहोत्री, लखनऊ: दिनांक: 01 अगस्त, 2018
प्रदेश के परती एवं भूमि विकास तथा जल संसाधन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री उपेन्द्र तिवारी ने कहा कि ऊसर सुधार कार्यक्रम को प्रभावी रुप से संचालित किया जाए। सरकार ने भूमि का उपचार कर रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित करने पर विशेष बल दिया है। उन्होंने कहा कि ऊसर एवं बीहड़ सुधार कार्यक्रम सरकार की प्राथमिकताओं में है।
श्री तिवारी आज यहां गोमती नगर स्थित भूमि सुधार निगम के सभागार में निगम द्वारा विश्व बैंक की सहायता से संचालित उ0प्र0 सोडिक लैण्ड रिक्लेमेशन तृतीय परियोजना की समीक्षा हेतु आयोजित परियोजना प्रबंधकों एवं सहयोगी संस्थाओं के प्रमुखों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि भूमि उपचार कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की लापरवाही एवं शिथिलिता नहीं बरती जानी चाहिए। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के स्थलीय निरीक्षण के भी निर्देश देते हुए कहा कि वे भी समय-समय पर औचक निरीक्षण करेंगे।
परती भूमि विकास राज्यमंत्री ने कहा कि भूमि सुधार निगम द्वारा प्रदेश की ऊसर भूमि को सुधारने और महिलाओं के सामाजिक एवं आर्थिक विकास कार्यों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी सुनिश्चित किया जाए, ताकि लोगों को जानकारी हो सके। सरकार गरीबी उन्मूलन कार्यों के प्रति अत्यधिक गंभीर है।
श्री तिवारी ने गत डेढ़ वर्ष में प्रदेश के 21 जनपदों में निगम द्वारा संचालित ऊसर सुधार एवं बीहड़ सुधार परियोजना के अंतर्गत उपचारित भूमि की जनपदवार समीक्षा करते हुए कहा कि परियोजना क्षेत्रों में सुधार के पूर्व एवं सुधार के उपरान्त के फोटोग्राफ भी संरक्षित किए जाएं। उन्होंने कृषक कल्याण की प्राथमिकताओं पर बल देते हुए गरीब एवं वंचित ऊसर भूमि के किसानों को सरकारी सुविधाओं का पूर्ण लाभ पारदर्शिता के साथ उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सशक्तीकरण के उद्देश्य से परियोेजनान्तर्गत गठित महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा किए जा रहे कार्यों पर बल दिया जाए, इसके साथ ही महिला समूहों द्वारा संचालित आय जनित गतिविधियों को गुजरात माॅडल के आधार पर संगठित करने पर जोर दिया जाए, जिससे ग्रामीण महिलाओं की आय में वृद्धि के साथ उनका परिवारिक एवं सामाजिक स्तर ऊँचा हो सके।
परती भूमि विकास राज्यमंत्री ने परियोजनान्तर्गत गठित कृषक उत्पादक कम्पनियों के संबंध में निगम द्वारा किए गए अभिनव प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि निगम के कार्यकलापों को और अधिक प्रोत्साहित किया जाएं, जिससे कृषि उत्पाद के क्रय-बिक्रय में कृषकों को होने वाली बिचैलियों की समस्या का समाधान संभव हो सके और उन्हें कम लागत एवं उत्पाद की अपेक्षाकृत अधिक मूल्य से कृषकों की आय में भी वृद्धि संभव हो सके।
समीक्षा बैठक में श्रीमती अनीता वर्मा, विशेष सचिव, श्री अजय यादव, प्रबंध निदेशक, डा0 एस.के. सिंह, संयुक्त प्रबंध निदेशक, श्री नवीन चतुर्वेदी सहित निगम के अन्य अधिकारी एवं परियोजना इकाइयों से संबद्ध सहयोगी संस्थाओं के संस्था प्रमुखों आदि ने बड़ी संख्या में प्रतिभाग किया।