कालपी में बंद पड़ी हैण्डमेड पेपर इकाई पुनः चालू होगी-खादी मंत्री
‘‘उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड’’ की प्रथम बैठक सम्पन्न
लखनऊ: दिनांक: 31 जुलाई, 2018
प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी की अध्यक्षता में आज खादी एवं ग्रामोद्योग कार्यालय में ‘‘उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड’’ की प्रथम बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में नये मनोनीत उपाध्यक्ष श्री राम गोपाल उर्फ गोपाल अंजान सहित सदस्यों ने प्रतिभाग किया। इस परिचयात्मक बैठक में प्रदेश के पंचायती राज राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भूपेन्द्र चैधरी भी मौजूद थे।
इस अवसर पर श्री सत्यदेव पचैरी ने कहा कि मिट्टी व्यवसाय से जुड़े लोगांे को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने माटी कला बोर्ड का गठन किया है। इसके तहत आगामी 10 अगस्त को आयोजित होने वाली एक जिला-एक उत्पाद (ओ0डी0ओ0पी0) समिट में कुम्हारों के मध्य 25 लाख के उपकरण वितरित किये जायेंगे। साथ ही आने वाले समय में कुम्हारों को कुल्हड़ आदि पकाने के लिए फार्मेट भी उपलब्ध कराया जायेगा।
श्री पचैरी ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से खादी की बिक्री में 37 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई है। लेकिन अभी भी उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों से खादी की बिक्री के मामले में पीछे है। इसको बढ़ाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, ताकि खादी का विकास हो और लोगों को रोजगार मिले। उन्होंने बोर्ड के पदाधिकारियों से अपेक्षा की कि वे खादी एवं ग्रामोद्योग को बढ़ाने के लिए हर सम्भव सहयोग एव सुझाव प्रदान करेंगे। राज्य सरकार उनके द्वारा दिये गये सुझावों को गम्भीरता से लेगी। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही 400 सोलर चर्खें वितरित किये जायेंगे। इससे बुनकरों की आय में वृद्धि होगी और खादी के व्यवसाय को नई गति मिलेगी।
खादी मंत्री ने कहा कि काल्पी में बंद पड़ी हैण्डमेड पेपर इकाई को पुनः चालू कराया जायेगा। इससे इस क्षेत्र का तेजी से विकास होगा और इकाई बंद होने के कारण बेरोजगार हुए लोगों को दोबारा रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सरकारी विभाग को खादी के उत्पादों को प्राथमिकता से खरीदें, इसके लिए विस्तृत कार्य योजना भी बनाई जा रही है।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी, खादी एवं ग्रामोद्योग श्री अविनाश कृष्ण सिंह ने बैठक में बोर्ड के पदाधिकारियों को विभागीय योजनाओं की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए प्रमुख रूप से तीन योजनाएं संचालित है, इनमें मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम एवं पं0 दीनदायाल ग्रामोद्योग रोजगार योजना शामिल हैं। उन्होंने बताया कि खादी एवं ग्रामोद्योग नीति जारी की गई है। जिस प्रकार से बड़े उद्योगों को लाभ मिला करता था, उसी प्रकार अब छोटे उद्योगों को सहूलित देने की व्यवस्था बनाई गई है। सोलर चर्खे से बने वस्त्र को खादी की मान्यता देने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बना हैै।