लखनऊ 31 जुलाई 2018, उत्तर प्रदेश में बाढ़ की विभीषिका हर वर्ष आती रहती है। पूर्ववर्ती सरकारें काम के नाम पर केवल टालमटोल करके सरकारी धन का बंदरबांट करती रही हैं। लेकिन आज प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद से न केवल विभाग बाढ़ आने से पूर्व ही प्रोएक्टिव है बल्कि अपनी तैयारियों को भी मूर्त रूप दे दिया गया है। उक्त उदगार भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने आज पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए व्यक्त किए।
श्री शुक्ल ने बताया कि मुख्यमंत्री बाढ़ राहत को लेकर गम्भीर है, राहत सम्बंधि तीन-तीन बैठकों में मुख्यमंत्री स्वयं उपस्थित रहे है और पारदर्शिता रखने के लिए राहत सामग्री का वितरण जनप्रतिनिधियों के हाथों से करवाने का आदेश दिया है। सरकार द्वारा बाढ़ से निपटने के लिए जनपदों को 380 करोड़ रुपये की धनराशि निर्गत की जा चुकी है। पिछली बाढ़ में जिन मानकों के आधार पर सहायता उपलब्ध करवाई गई थी उसी पर इस बार भी काम होगा।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि बाढ़ से निपटने के लिए जनपदों में कंट्रोल रूम का संचालन सुचारू रूप से किया जा रहा है। बाढ़ राहत केंद्र स्थापित करने के साथ साथ बाढ़ चैकियों को भी सक्रिय किया गया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी सक्रिय हैं। नदी कटान को लेकर विशेष सतर्कता बरती जाएंगी।
चिकित्सा की स्थिति को दुरुस्त करने के लिए आज स्वयं स्वास्थ्य मंत्री ने बाढ़ प्रभावित जिलों के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की है। चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में दवाओें, एण्टी स्नेक वेनम की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करें और पर्याप्त संख्या में डाक्टरों की तैनाती करे। पर्याप्त मात्रा में केरोसिन, एलपीजी सिलिंडर, खाद्यान्न उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। सिंचाई विभाग को जलभराव वाले क्षेत्रों में जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करने व कीटनाशकों के छिड़काव के भी निर्देश दिए गए हैं।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि सिंचाई विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, पशुधन विभाग, खाद्य एवं रसद विभाग, नगर विकास/शहरी नियोजन विभाग, पंचायतीराज विभाग और मौसम विज्ञान विभाग/रिमोट सेसिंग सहित तमाम जिम्मेदार विभागों की तैयारियों का जायजा स्वयं मुख्यमंत्री कार्यालय प्रतिदिन ले रहा है।
श्री शुक्ल ने कहा कि भाजपा सरकार के आने से गांव-गरीब और किसान की बेहतरी के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। 14 महीनों की सरकार में जितने जनहितकारी कार्य हुए उसके एक हिस्से के बराबर भी काम पिछले 14 वर्षों में नहीं हुए हैं।