प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से हो रही वर्षा के कारण उत्पन्न जलभराव की स्थिति पर गहन चिन्ता व्यक्त करते हुए उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता ने कहा कि 25 से ज्यादा जनपद बाढ़ की स्थिति में हैं। प्रदेश के ज्यादातर शहरों में भारतीय जनता पार्टी के मेयर हैं। केन्द्र एवं प्रदेश में भाजपा की सरकार है फिर भी अधिकांश शहरों में जलभराव की स्थिति से निपटने का कोई ठोस प्रबन्ध नहीं किया गया। प्रदेश के अधिकांश शहरों आगरा, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, वाराणसी, कानपुर, मुरादाबाद आदि में जलनिकासी की उचित व्यवस्था न हो पाने के कारण सड़कों एवं गलियों में जलभराव की स्थिति है तथा लेागों के घरों में भी पानी घुस गया है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डालीगंज, अमीनाबाद, कैसरबाग, खदरा, रवीन्द्रपल्ली, शक्तिनगर, गोमतीनगर जैसे इलाके जलभराव से ग्रस्त हैं। कूड़ा सड़कों पर बह रहा है जिससे गंभीर बीमारियों के उत्पन्न होने का खतरा बढ़ गया है। लोग घरों से पलायन करने को मजबूर हैं।
अमरोहा में प्राथमिक विद्यालय की छत गिरने का मामला हो या मेरठ में पुलिस चौकी के ध्वस्त होने का, इलाहाबाद में सड़कों के धंसने का मामला हो या मैनपुरी, कौशाम्बी आदि जिलों में घर गिरने से हुई मौतों का, आम जनजीवन व्यापक रूप से प्रभावित है। मौजूदा सरकार में नई बनी बहुप्रचारित सड़कें धंस रही हैं जो दुर्घटना का कारण बन रही हैं। सड़क, रेलवे लाइन, रनवे पर जलभराव की स्थिति के कारण सड़क, रेल एवं हवाई यातायात बुरी तरह प्रभावित है। स्थिति यह है कि सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट दिल्ली-मेरठ हाईवे पर जलभराव के कारण लोग घण्टों जाम में फंसने को मजबूर हैं। विश्व धरोहर ताजमहल के प्रांगण में जलभराव है, जिसके कारण ताजमहल को नुकसान पहुंचने का डर है। मा0 सर्वोच्च न्यायालय ने पहले भी विभिन्न कारणेां से ताजमहल के रखरखाव में हो रही लापरवाही पर सरकार को सावधान किया है। फिर भी यह स्थिति सरकार की घोर लापरवाही का प्रदर्शन है।
सोनभद्र, बहराइच, लखीमपुर एवं आसपास के अन्य जनपदों में घाघरा नदी में आने वाली बाढ़ प्रतिवर्ष वहां के निवासियों के लिए संकट का विषय बनता रहा है। अब तक 27 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं एवं 25 जिलों के 3097 से ज्यादा गांव प्रभावित हैं। लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ जी की विगत वर्ष नाव से बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में दौरे की तस्वीर पूरे प्रदेश में बहुप्रचारित हुई किन्तु लम्बा अरसा बीत जाने के बाद भी वहां के लोगों को इस प्राकृतिक आपदा से बचाने की स्थायी रणनीति नहीं बनायी गयी और न ही कोई राहत प्रदान की गयी जिसके चलते इन क्षेत्रों के लोग आज भी पलायन करने को मजबूर हैं। उ0प्र0 सरकार जनवेदना के प्रति उदासीन एवं संवेदनहीन बन इवेंट मैनेजमेण्ट में व्यस्त है। उसे जनसरोकारों से कुछ भी लेना देना नहीं है।
कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि उ0प्र0 के आदरणीय मुख्यमंत्री जिन्होने 16 महीने में पूरे प्रदेश का दौरा करने का दावा किया पर उस दावे में जैसे प्रदेश के सरकारी स्कूल पर मदरसों का कब्जा हो गया था और सरकार अनभिज्ञ रही वैसे ही लगता है कि आने वाली बाढ़ से गंभीर समस्या का प्रदेश सरकार ने समाधान का कोई भी योजनाबद्ध कार्यक्रम नहीं निकाला। अतः सरकार से अनुरोध है कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में तत्काल राहत एवं बचाव के कार्यक्रम चलाये जायें। बाढ़ से हुई मौतों के पीडि़त परिजनों को मुआवजा प्रदान किया जाय तथा जिनके घर बाढ़ से नष्ट हो गये हैं उन्हें भी मुआवजा प्रदान किया जाय। इसके साथ ही शहरी क्षेत्रों में जलनिकासी की व्यवस्था को तत्काल दुरूस्त किया जाय तथा ग्रामीण क्षेत्रों में नहरों की सफाई एवं जलनिकासी की व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त किया जाय। बाढ़ के कारण होने वाली बीमारियों से निपटने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाय।