ओ0डी0ओ0पी0 योजना की मानीटरिेंग कर रहा है पी0एम0ओ0 कार्यालय
वस्त्रोद्योग मंत्री ने हथकरघा बुनकरों के लिए संचालित मार्केटिंग इंसेटिव
योजनाओं का लाभ समय से देने के दिये निर्देश
अधिकारी कारीगरों से सीधा समन्वय स्थापित कर उनके व्यवसाय को
आगे बढ़ाने के लिए हर सम्भव सहयोग व मदद करें
लखनऊ: दिनांक: 26 जुलाई, 2018
प्रदेश के हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी ने कहा कि एक जनपद-एक उत्पाद (ओ0डी0ओ0पी0) योजना राज्य सरकार की महात्वाकांक्षी योजना है। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी इस योजना में काफी रूचि ले रहे हैं और पी0एम0ओ0 कार्यालय द्वारा नियमित रुप से इसकी मानीटरिेंग भी जा रही हैं। इसी के फलस्वरूप प्रदेश के 08 जिलों के हथकरघा उत्पाद ओ0डी0ओ0पी में शामिल किये गये हैं। इस दृष्टि से प्रदेश का वस्त्रोद्योग काफी महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने निर्देश दिए कि हथकरघा बुनकरों के लिए संचालित मार्केटिंग इंसेटिव योजनाओं का लाभ उन्हें समय से उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाये, ताकि कारीगरों का पलायन रूकेे और इस व्यवसाय को और अधिक गति मिल सके।
श्री पचैरी आज यहां योजना भवन में हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछड़े क्षेत्रों में अच्छे से अच्छे कारीगर उपलब्ध है, लेकिन उचित मार्केटिंग के अभाव में उन्हें उनके उत्पादों का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। इसकी वजह से कारीगर कम दामों पर अपने उत्पाद बेचने को मजबूर होते है या फिर अपना व्यवसाय बंद करके अन्य राज्यों में पलायन कर जाते हैं। इसको रोकने के लिए अधिकारी कारीगरों से सीधा समन्वय स्थापित करंे, उनकी समस्याआंे को सुने और उनके व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए हर सम्भव सहयोग व मदद करें। इसके लिए उन्हें मार्केट उपलब्ध कराना और उपभोक्ता की मांग के अनुसार डिजाइन देना सबसे ज्यादा आवश्यक है।
वस्त्रोद्योग मंत्री ने प्रदेश में हथकरघा क्षेत्र के पुररूद्धार, सुधार एवं पुनर्गठन पैकेज के अन्तर्गत कम्प्यूटरीकृत की जाने वाली 1876 प्राथमिक हथकरघा बुनकर सहकारी समितियों का परिक्षेत्रवार विस्तार से समीक्षा की और निर्देश दिए इनके फीडिंग की कार्यवाही में और तेजी लाई जाय। प्रधानमंत्री मुद्रा योजनान्तर्गत हथकरघा बुनकरों को रियायती ऋण उपलब्ध कराने पर विशेष बल देते हुए श्री पचैरी ने कहा कि बैंक से समन्वय स्थापित कर बुनकरों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत अधिक से अधिक ऋण दिलाया जाय। ऋण धनराशि का दुरूपयोग न होने पाये इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना भी बनाई जाए। उन्होंने पावरलूम उद्योग का विकास (एम0एस0पी0) योजना का कार्य 31 अक्टूबर तक पूर्ण कराने के सख्त निर्देश भी दिए। इस योजना के तहत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजानति के पावरलूम बुनकरों को प्रशिक्षित कर उन्हें आधुनिक पावरलूम उपलब्ध कराया जाता है।
श्री पचैरी ने हथकरघा बुनकरों को विद्युत दर में छूट की प्रतिपूर्ति योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश के 12700 बुनकरों को इसका लाभ मिल रहा है। इस योजना के तहत हथकरघा बुनकर (हैण्डलूम वीवर्स) कनेक्शन पर 328 रुपये प्रतिमाह सब्सिडी प्रदान की जाती है। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन बुनकरों खाते में अभी तक सब्सिडी की धनराशि नहीं पहुंची है, उसको तत्काल भिजवाया जाय तथा धुनकरों के लिए संचालित विद्युत दर में छूट योजना का लाभ उन्हें समय से दिया जाय। उन्होंने प्रधनमंत्री जीवन ज्योति योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना एवं महात्मा गांधी बुनकर योजना की गहन समीक्षा की और निर्देश दिए कि अधिक से बुनकरों को इन योजनाओं से जोड़ा जाय तथा जिनके दावे लम्बित है, जल्द से जल्द उसका निस्तारण कराया जाय।
अपर मुख्य सचिव, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग श्री रमा रमण ने श्री पचैरी जी को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा दिये गये निर्देशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित कराया जायेगा। इस मौके पर वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों के अलावा जनपदीय अधिकारी भी मौजूद थे।