बालिकाओं को पुलिस सेवा में भर्ती के लिए प्रदेश में प्रशिक्षण केन्द्र खोले जाएं
-प्रो. रीता बहुगुणा जोशी
181 महिला हेल्पलाइन रेस्क्यू की गई महिलाओं को आश्रय प्रदान करने तक पूरी मदद करें
-श्रीमती स्वाती सिंह
लखनऊः दिनांक 26 जुलाई, 2018
प्रदेश की महिला कल्याण मंत्री प्रो. रीता बहुगुणा जोशी ने आज कहा कि महिलाओं और बच्चों के लिए एक माह के भीतर बड़ी कल्याणकारी योजनाएं बनाकर केन्द्र सरकार को वित्तीय सहायता के लिए प्रस्ताव प्रेषित कर दिया जाए। उन्होंने कहा प्रदेश में महिला पुलिस की कमी है, इसके लिए प्रशिक्षण केन्द्र खोले जाएं, जिससे बालिकाएं इस सेवा के लिए योग्यता हासिल कर परीक्षा उतीर्ण कर सकें। प्रो. जोशी ने कहा पुलिस सेवा हेतु प्रशिक्षण केन्द्रों के संचालन के लिए निर्भयाफंड से वित्तीय सहायता का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा जाए। राज्यमंत्री महिला कल्याण श्रीमती स्वाती सिंह ने कहा कि 181 महिला हेल्पलाइन द्वारा रेस्क्यू की गयी महिलाओं को सुरक्षित आश्रय मिलने तक चिकित्सा एवं अन्य आवश्यक सहायताएं उपलब्ध करायी जायंे।
महिला कल्याण विभाग की मंत्री प्रो. रीता बहुगुणा जोशी एवं राज्यमंत्री श्रीमती स्वाती सिंह आज गोमती नगर स्थित पर्यटन भवन के सभाकक्ष में महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित 181 महिला हेल्पलाइन, आपकी सखी-आशा ज्योति केन्द्र, महिला शक्ति केन्द्रों की स्थापना, स्टेट रिसोर्स सेन्टर फाॅर वोमेन एण्ड चाइल्ड की योजनाओं की समीक्षा कर रही थीं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणुका कुमार ने प्रदेश में महिला शक्ति केन्द्र योजना की जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2018-19 में प्रदेश के 65 जनपदों में यह योजना लांच की गयी है। इस योजना में जिलों पर जिला स्तरीय महिला केन्द्रों तथा ब्लाक पर महिला शक्ति केन्द्रों की स्थापना की जानी है। इसके अन्तर्गत जनपद स्तर पर टास्कफोर्स का व ब्लाक स्तर पर समितियों के माध्यम से महिला सशक्तीकरण से संबंधित योजनाओं का प्रचार-प्रसार एवं ग्राम स्वरोजगार अभियान के अन्तर्गत संचालित योजना के बारे में जागरूकता अभियान चलाये जायेंगे। मंत्री प्रो. रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि योजना संचालन के लिए जनपदवार कार्यपूर्ति कराने का कैलेण्डर बनाया जाये। उन्होंने कहा इसके लिए आवश्यक कर्मचारियों सहित समस्त कार्य दो माह के अंदर पूरे कर लिए जायें।
अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणुका कुमार ने बैठक में बताया कि प्रदेश के 17 जनपदों में आपकी सखी-आशा ज्योति केन्द्र (ए.जे.के.) चल रहे हैं। छः जनपदों में वन स्टाॅप सेन्टर (ओएससी) खोले जा चुके हैं तथा 52 ओएससी के लिए भारत सरकार द्वारा एप्रूवल दे दिया गया है। उन्होंने बताया ए.जे.के. हेतु भूमि का चयन 17 जनपदों में छोड़कर शेष सभी जनपदों में हो गया है। मंत्री प्रो. जोशी ने एक माह के भीतर भ्ूमि चयन कराकर बजट आवंटन कराने का निर्देश दिया। उन्होंने आशा ज्योति केन्द्रों को प्री-फैब्रिकेटेड माॅडल पर बनाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की। राज्यमंत्री श्रीमती स्वाती सिंह ने आशा ज्योति केन्द्रों को व्यक्ति की क्षमता के अनुसार विविधतापूर्ण और लाभदायक कौशल विकास प्रशिक्षणों से जोड़ने को कहा। प्रो. रीता जोशी ने कहा केन्द्रों का निर्माण कार्य अनुभवी कार्यदायी संस्थाओं को ही दिया जाये।
181 महिला हेल्पलाइन की समीक्षात्मक जानकारी देते हुए श्रीमती रेणुका कुमार ने मंत्री जी को बताया कि बड़ी संख्या में लोग फोन करके इस हेल्पलाइन की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने बताया पहले सेन्टर पर प्रतिमाह लगभग 6000 काॅल आती थीं अब विस्तारीकरण के बाद लगभग 1 लाख 80 हजार काॅल आ रही हैं। उन्होंने मंत्री जी के समक्ष हिंसा पीड़ित महिलाओं के लिए काउंसलर्स को विशेष प्रशिक्षण दिए जाने, महिला पुलिस की अधिक आवश्यकता तथा चाइल्ड केयर में ड्यूटी कर रहे पुलिस कर्मियों को जे.जे. एक्ट एवं पाक्सो एक्ट की जानकारी से प्रशिक्षित कराने की आवश्यकता से अवगत कराया। उन्होंने बताया 181 हेल्पलाइन पर अधिकांशतः घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं की काॅल आती है। मंत्री प्रो. रीता बहुगुणा जोशी ने काॅल सेन्टर पर कर्मचारियों की क्रियाशीलता को निरन्तर चेक कराने के निर्देश दिए।
बैठक में एसआरसीडब्ल्यूसी (स्टेट रिसोर्स सेन्टर फाॅर वोमेन एण्ड चाइल्ड) के गठन और कार्य प्रणाली पर सीईओ श्री कमल सक्सेना द्वारा विस्तार से प्रस्तुतिकरण किया गया।
बैठक में महिला कल्याण विभाग, राजकीय निर्माण निगम के वरिष्ठ एवं संबंधित अधिकारियों के अतिरिक्त कार्यदायी संस्थाओं के सदस्य एवं समाज सेवा से जुड़े रोटरी क्लब के सदस्य उपस्थित थे।