लखनऊ, 26 जुलाई, 2018।
प्रदेश के समस्त जनपदों के जिलाधिकारियों से पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्वतंत्र एजेन्सी के माध्यम से 01 अगस्त, 2018 से 30 अगस्त, 2018 तक स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2018 (स्वच्छ ग्राम स्वच्छ जिला) एवं 25 जुलाई, 2018 से 25 अगस्त, 2018 तक संचालित होने वाले वृहद स्वच्छता अभियान के सम्बन्ध में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम सेमुख्यमंत्री द्वारा 23 जुलाई, 2018 को आवश्यक निर्देश दिये गये।
यह जानकारी अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज आर0के0 तिवारी ने दी। उन्होंने बताया कि 01 अगस्त, 2018 से 30 अगस्त, 2018 तक स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2018 (स्वच्छ ग्राम स्वच्छ जिला) एवं 25 जुलाई, 2018 से 25 अगस्त, 2018 तक संचालित होने वाले वृहद स्वच्छता अभियान के सम्बन्ध में शासनादेश जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि जारी निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने बताया कि अगले तीन दिन के अन्दर समस्त जनपद स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2018 (स्वच्छ ग्राम स्वच्छ जिला) तथा वृहद स्वच्छता अभियान की कार्ययोजना तैयार कर लें एवं ग्राम प्रधानों की एक उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित कराये। इस अभियान में सूचना, शिक्षा एवं संचार (आई0ई0सी0) गतिविधियों को व्यापक स्तर पर प्रत्येक ग्राम, विकास खण्ड, तहसील एवं जिले में क्रियान्वित करना अत्यन्त आवश्यक है। इस हेतु स्वच्छ भारत मिशन में पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है, परन्तु अधिकांश जनपदों का व्यय मानक के सापेक्ष काफी कम है। इसमें तत्काल तेजी लाई जाय।
श्री तिवारी ने बताया कि संयुक्त प्रान्त पंचायतीराज अधिनियम में दिये गये प्रावधानों के अनुरूप एक सप्ताह के अन्दर ग्राम पंचायत द्वारा सार्वजनिक स्थलों पर जलभराव व कूड़ा करकट की समस्या को दूर करनें, जल-भराव के लिए सोख्ता गड्ढ़े का निर्माण कराने एवं जैविक कूड़े-करकट के लिए खाद गड्ढ़ों का निर्माण कराने तथा सार्वजनिक भवनों जैसे कि स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र एवं उपकेन्द्र, आंगनबाड़ी केन्द्र, हाट बाजारों एवं धार्मिक स्थलों पर सूखे कूड़े-करकट के लिए निर्धारित स्थल पर डस्टबिन की व्यवस्था की जायेगी। ग्राम पंचायत द्वारा इन कायोरं् पर ग्राम निधि-1 की धनराशि का उपयोग किया जा सकता है तथा निजी संस्थाओं व व्यक्तियों का भी सहयोग लिया जा सकता है।
श्री तिवारी ने बताया कि प्रत्येक जनपद न्याय पंचायतवार नोडल अधिकारी एवं जोनल अधिकारी नामित करते हुए उनके उत्तरदायित्व स्पष्ट कर सर्वेक्षण में उल्लिखित मानको के अनुसार तैयारी पूर्ण करे। स्वच्छ सर्वेक्षण का कार्य भारत सरकार द्वारा चयनित स्वतंत्र संस्था द्वारा किया जायेगा। ग्रामों में जनसमुदाय को वेक्टर जनित बीमारियों से होने वाली मौतों को रोकने के लिए जागरूक करें। ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों, स्वास्थ्य केन्द्रोंध्उपकेन्द्रों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, बाजारों तथा धार्मिक स्थलों पर शौचालय व साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। जहां शौचालय उपलब्ध न हों वहां तत्काल शौचालय का निर्माण कराया जाय। सम्बन्धित विभाग अपने से सम्बन्धित स्थलों में यह व्यवस्था सुनिश्चित कराये। गांव की नालियों की साफ-सफाई एवं कूड़े-करकट के समुचित निस्तारण के लिए उचित प्रबन्ध कर लिया जाये।
श्री तिवारी ने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए 31 जुलाई, 2018 तक समस्त राजस्व ग्रामध्ग्राम पंचायतें तैयार हो जाये। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) को एक जन-अभियान व जन-आन्दोलन बनाते हुए इज्जत घरों का निर्माण कराना है, एवं निर्मित कराये गये शौचालयों का शत प्रतिशत प्रयोग भी सुनिश्चित कराया जाये। गुणवत्ता नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा एक स्वतंत्र संस्था का चयन किया जायेगा, जिसके माध्यम से निर्मित कराये गये इज्जत घरों का सत्यापन कराया जायेगा। किसी भी स्थिति में गलत व भ्रामक सूचनाओं का प्रेषण न किया जाये।