सुरेन्द्र अग्निहोत्री,लखनऊ, मुख्यमंत्री, उ0प्र0 द्वारा पुलिस प्रशिक्षण निदेशालय, इन्द्रिरा भवन, लखनऊ में पुलिस प्रशिक्षण हेतु ‘‘वर्चुअल क्लास रूम’’ के माध्यम से रिक्रूट आरक्षी नागरिक पुलिस व पीएसी के आधारभूत प्रशिक्षण सत्र का शुभारम्भ किया गया। उक्त अवसर पर ओ0पी0 सिंह, पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0, गोपाल गुप्ता, पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
गोपाल गुप्ता, पुलिस महानिदेशक, प्रशिक्षण द्वारा कार्यक्रम के आरम्भ में मुख्यमंत्री, का स्वागत करते हुए प्रशिक्षण की रूपरेखा/प्रशिक्षण के नवीन पाठ्यक्रमके बारे में अवगत कराया गया। उ0प्र0 में पहली बार वर्चुअल क्लासरूम के माध्यम से प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है, जिसमें प्रशिक्षु एवं प्रशिक्षक एक-दूसरे से टेक्सट, आॅडियों, वीडियो के माध्यम से संवाद कर सकते हैं।
उक्त अवसर मुख्यमंत्री, द्वारा समस्त पुलिस बल को बधाई देते हुए कहा ‘‘हम सबके लिए अति प्रसन्नता का क्षण है कि दुनिया के सबसे बड़े पुलिस बल उ0प्र0 पुलिस बल के रिक्रूट आरक्षीगण के इस नये प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ आज उ0प्र0 की राजधानी लखनऊ में किया गया। वर्चुअल क्लास रूम के माध्यम से 29 केन्द्रो में नई तकनीक का प्रयोग करते हुए एक साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है।’’
उ0प्र0 में पहली बार वर्चुअल क्लास रूम के माध्यम से प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है। यूपी पुलिस दुनिया के सबसे बड़े राज्य की पुलिस है तथा यूपी में सबसे बड़ा पुलिस बल है। उ0प्र0 पुलिस बल के सभी अधिकारी/कर्मचारियों के प्रयास से विगत 01 वर्ष के अन्तराल में यूपी की छवि को बदलकर एक नयी छवि प्रदान की है। यूपी की कानून-व्यवस्था देश के बेहतरीन राज्यों में से एक है। प्रदेश में कानून-व्यवस्था एवं सुरक्षा का वातावरण पैदा हुआ है। पुलिस बल में आरक्षियों का अनुपात आज भी कम है, जिसको पूरा किया जा रहा है तथा इस कमी को दूर करने के लिए इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है। साइबर अपराध को रोकने के लिए नये थानों का गठन किया गया है।
पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा अपने सम्बोधन में कहा गया कि भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाते हुए 34,716 आरक्षी नागारिक पुलिस/पीएसी की भर्ती की प्रक्रिया पूर्ण की
गयी है तथा मात्र डेढ़ माह में 34,000 अभ्यर्थियों के मेडिकल वेरीफिकेशनआदि पूर्ण कराये गये हैं तथा प्रदेश के 85 व प्रदेश के बाहर 14 प्रशिक्षण केन्द्रों पर प्रशिक्षण की कार्यवाही आज से शुरू की जा रही है। प्रशिक्षण के वांछित परिणाम और वर्तमान
पाठ्यक्रम की उपयोगिता के बीच के अन्तर को समझने के लिए एक ट्रेनिंग एनालिसिस के पश्चात नवीन पाठ्यक्रम लागू किया गया।
पुलिस बल को यह भी सोचना चाहिए कि बदलते परिवेश व परिपे्रक्ष्य में समाज हमसे किस तरह की सेवा की अपेक्षा करता है। नवीन पाठ्यक्रम में पुलिस के पारम्परिक पाठ्यक्रम के साथ-साथ कम्प्यूटर साइंस, साइबर क्राइम, यातायात प्रबन्धन, आपदा प्रबन्धन, सीसीटीएनएस आदि नवीन पाठ्यक्रम भी शुरू किये जा रहे हैं। आने वाले समय में नयी भर्ती में भी वर्चुअल क्लास का उपयोग किया जायेगा।
प्रशिक्षु से अपेक्षा की गयी कि ट्रेनिंग में रूचि लेते हुए अपने सेवाकाल की मजबूत आधारशीला का निर्माण करें। उनके सीखने की इच्छा से ही सेवा करने की इच्छा आयेगी। निश्चित रूप से इस चुनौतीपूर्ण अनुभवों से एक अनुशासित एवं व्यवसायिक रूप से दक्ष तथा कर्तव्यनिष्ठ जनसेवक बनकर निकलेंगे। सभी पुलिस अधिकारी/प्रशिक्षक प्रशिक्षु की सहायता के लिए सदा उपलब्ध रहेंगे।
रिक्रूट आरक्षी नागरिक पुलिस व पीएसी के 6 माह के आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम में 33,000 हजार नागरिक पुलिस/पीएसी के जवानों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। उक्त प्रशिक्षण कुल 99 केन्द्रो पर दिया जायेगा, जिसमें 85 केन्द्र उ0प्र0 में व14 प्रशिक्षण केन्द्र उ0प्र0 से बाहर है। प्रदेश के बाहर 14 प्रशिक्षण केन्द्र हैं, जिसमें 08 सीआरपीएफ, 03 सीआईएसएफ एवं 03 प्रशिक्षण केन्द्र उत्तराखण्ड राज्य में है।
प्रदेश में कुल 85 प्रशिक्षण केन्द्र है, जिसमें 84 केन्द्र जिले एवं पीएसी में हैं तथा 01 केन्द्र पीटीसी मेरठ में है।