Categorized | लखनऊ

साहित्य सेवा में लगीं 12 विभूतियों को सम्मानित

Posted on 21 March 2010 by admin

लखनऊ -हिन्दी एवं उर्दू साहित्य अवार्ड, कमेटी की ओर से आयोजित 21वें अन्तरराष्ट्रीय साहित्यिक सम्मेलन व सम्मान समारोह का उद्घाटन छत्तीसगढ़ के राज्यपाल शेखर दत्त ने किया। मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ के राज्यपाल शेखर दत्त ने साहित्य सेवा में लगी 12 विभूतियों को स्मृति चिन्ह के साथ प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

हिन्दी के वरिष्ठ साहित्यकार कन्हैया लाल नन्दन को साहित्य शिरोमणि सम्मान से नवाजा गया। प्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी को निराला सम्मान मिला। कवियत्री माया गोविन्द को महादेवी वर्मा सम्मान दिया गया। कमल किशोर वर्मा को साहित्य श्री सम्मान से अलंकृत किया गया। उर्दू साहित्य में प्रसिद्ध शायर निदा फाजली, हसन कमाल, बेकल उत्साही, प्रो. नुसरत जमाल व एसएम अशरफ को उर्दू में उनके विशिष्ट योगदान पर सम्मानित किया गया। समारोह में एसएम अशरफ के न आने से यह अवार्ड बसपा नेता सिराज मेंहदी ने लिया।

कमेटी के तत्वावधान में आयोजित मुशायरे की शुरुआत गीतकार प्रसून जोशी के गीत बाबुल जियरा मोरा घबराये बिन बोले रहा न जाये से हुई। कवि गोपाल दास नीरज ने मुशायरे में वक्त के बदलते हालत को अब तो मजहब कोई ऐसा भी चलाया जाये जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाये से इंसानियत के नारे को बुलंद किया। मुशायरे की शाम को रोशन करते हुए शायर बेकल उत्साही ने जिसकी हर शाख पर राधायें मचलती होंगी, देखना कृष्ण उसी पेड़ के नीचे होंग‘ सुनाया।  देर शाम तक चले मुशायरे में गीतकार निदा फाजली,कवियत्री माया गोविन्द, मंसूर उस्मानी,उस्मान मिनाई, नसीम निकहत, अनीस अंसारी, जौहर कानपुरी, सर्वेश अस्थाना, निर्मल दर्शन समेत कई शायर व कवियों ने अपनी रचनाएं सुनायी।

रवीन्द्रालय में हुए समारोह के  सभी को  कार्यक्रम कार्यक्रम की अध्यक्षता जफर अली नकवी ने की। विशिष्ठ अतिथि के तौर पर विधान सभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर उपस्थित थे। समारोह में देर शाम तक लोग शेरों शायरी का आनंद उठाते रहे।

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in