सुरेन्द्र अग्निहोत्री,लखनऊ।प्रदेश के सभी आयुष अस्पतालों में मरीजों को ईलाज के साथ-साथ रोगियों को औषधि पौधों की गुणवत्ता भी बतायी जायेगी। इसके लिए आयुष विभाग द्वारा अस्पतालों में औषधि पौधें लगाने का निर्देश जारी किया गया है, जिसके तहत सभी आयुष अस्पतालों में तुलसी, लैमन ग्रास, कड़ी पत्ता (मीठी नीम), सहिजन, एलोवेरा, मौलेठी, हरसिंगार, मृगराज, लिसोड़ा, नीम, आॅवला समेत अनेक पौंधे लगाये जायेंगे। हर पौंधों के साथ उसके गुण एवं उपयोग की पट्टिका लगाई जायेगी। साथ ही ओ0पी0डी0 में डाक्टर भी इन औषधीय पौंधे के बारे में रोगियों को जानकारी देंगे। जिससे लोगों में औषधि पौंधों के प्रति जागरूकता बढ़ सके और वे इसका इस्तेमाल अपने घरों में कर सकें।
आयुष विभाग के सचिव, श्री मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि लोग घरों के आस-पास पाये जाने वाले औषधि पौंधों को भुलते जा रहे हैं जबकि इन पौंधों में कई ऐसे गुण है जिनसे कईं जटिल बीमारियों का नियंत्रण एवं बचाव किया जा सकता है। इन औषधि पौंधों से पेट सम्बंधी रोग, चर्म रोग, डायबीटीज, मोटापा, बाल झड़ना, आॅंखों की रोशनी बढ़ाने समेत अनेक रोगों का इलाज सम्भव है। इसलिए औषधि पौंधों के महत्व को समझाने के लिए अस्पतालों में पौंधे लगाने की पहल की गयी है।
उन्होंने बताया कि हर पौंधे के पत्ते, जड़, फूल और छाल में अलग-अलग गुण होते हैं। इसको किस मर्ज में और कैसे उपयोग करना चाहिए। यह आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सालयों में तैनात वैद्य एवं हकीमों द्वारा मरीजों को ओ0पी0डी0 में समझाया जायेगा। अगर किसी रोगी को इन औषधियों के उपयोग के बाद कोई दिक्कत महसूस होती है तो वह अपने चिकित्सक से परामर्श ले सकता है वैसे भी कोई भी औषधि बिना चिकित्सीय परामर्श के नहीं लेना चाहिए।
स्कूलों में बनेगी वाटिका:- प्राचीन विधा को बढ़ाने के लिए स्कूलों में बच्चों को जागरूक किया जायेगा इसके लिए स्कूलों में औषधि वाटिकायें बनायी जायेंगी। जिसमें पौधों के साथ-साथ उसके गुण एवं उपयोग लिखे होंगे। वहीं हफ्ते में दो दिन आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सक भी स्कूलों में जाकर बच्चों को इन पौंधों के प्रति जानकारी देंगे