लखनऊ : 15 जुलाई, 2018 अध्यादेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों को कारावास और अर्थदण्ड का प्रावधान
उत्तर प्रदेश के मा0 राज्यपाल श्री राम नाईक द्वारा ’’उत्तर प्रदेश प्लास्टिक और अन्य जीव अनाशित कूड़ा कचरा (उपयोग और निस्तारण का विनियमन) (संशोधन) अध्यादेश, 2018’’ को मंजूरी प्रदान कर दी गयी है । उक्त अध्यादेश द्वारा उत्तर प्रदेश प्लास्टिक और अन्य जीव अनाशित कूड़ा कचरा (उपयोग और निस्तारण का विनियमन) अधिनियम, 2000 में कई संशोधन करते हुए उसके प्रावधानों को और भी कठोर व प्रभावी बनाया गया है । उपरोक्त अधिनियम राज्य विधायिका द्वारा वर्ष 2000 में जैव प्रदूषित कचरा, प्लास्टिक एवं उससे बनायी जाने वाली अन्य सामग्रियों जैसे प्लास्टिक बैग एवं पॉलिथीन आदि के प्रयोग एवं उससे पर्यावरण को होने वाले विविध प्रकार के नुकसानों को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया था । वर्ष 2000 के उपरोक्त अधिनियम में प्लास्टिक एवं प्लास्टिक उत्पादों के निस्तारण के लिए कोई प्रभावी प्रावधान नहीं था । जैविक रूप से नष्ट नहीं होने वाले प्लास्टिक व पॉलिथीन आदि जैसे उत्पादों को निस्तारित किये जाने हेतु चलाये जाने वाले कार्यक्रमों से राज्य सरकार पर अनावश्यक रूप से वित्तीय बोझ भी बढ़ता जा रहा था । प्लास्टिक तथा पॉलिथीन जैसे उत्पादों से पर्यावरण को क्षति पहुंॅचने के अतिरिक्त उनके गड्ढों एवं भराव क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में जमा होने, तालाबों, नदियों, वनों व अन्य प्राकृतिक स्थानों के प्रदूषित होने, मानव जीवन, पशुओं, जीव-जन्तुओं आदि को होने वाली क्षति को प्रभावी रूप से नियंत्रित करने तथा दण्डित किये जाने के आशय से उपरोक्त अधिनियम को संशोधित किये जाने के लिए यह अध्यादेश लाया गया है ।
वर्ष 2000 के उपरोक्त अधिनियम में इस अध्यादेश द्वारा किये जा रहे संशोधनों द्वारा जैविक रूप से नष्ट नहीं होने वाले 50 माइक्रॉन से कम मोटाई के प्लास्टिक के थैले, पॉलिथीन, नायलोन, पी0बी0सी0, पॉलीप्रोपाइलिंग, पॉलीस्ट्रिन एवं थर्माकोल के प्रयोग तथा उनके पुनर्निमाण, विक्रय, वितरण, पैकेजिंग, भण्डारण, परिवहन, आयात एवं निर्यात आदि को भी चरणबद्ध तरीके से प्रतिबन्धित एवं विनियमित किये जाने का प्रावधान किया गया है। अध्यादेश द्वारा उक्त अधिनियम में किये जा रहे प्रतिबन्धों का प्रथम बार उल्लंघन किये जाने पर दोषी व्यक्ति को एक माह तक की सजा अथवा न्यूनतम एक हजार रूपये और अधिकतम दस हजार रूपये तक के अर्थदण्ड, द्वितीय बार के उल्लंघन में दोषसिद्ध किये जाने पर छः माह तक के कारावास अथवा न्यूनतम पॉच हजार रूपये एवं अधिकतम बीस हजार रूपये तक के अर्थदण्ड से दण्डनीय किया जा सकेगा । अध्यादेश के प्रावधानों का प्रथम बार उल्लंघन करते हुए प्लास्टिक बैग का विक्रय, विनिर्माण, वितरण, भण्डारण व परिवहन आदि करने पर दोषसिद्ध किये जाने वाले व्यक्ति को छः माह तक के कारावास अथवा न्यूनतम दस हजार रूपये और अधिकतम पचास हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किये जाने की व्यवस्था की गयी है । उक्त प्रावधानों का द्वितीय बार उल्लंघन किये जाने पर दोषसिद्ध किये गये व्यक्ति को एक वर्ष तक की सजा एवं न्यूनतम बीस हजार रूपये और अधिकतम एक लाख रूपये तक के अर्थदण्ड से दण्डित किया जा सकेगा ।