प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कल आजमगढ़ में जिस तरीके से पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का दुबारा फीता काटकर उ0प्र0 के लोगों को ठगने व गुमराह करने का काम किया है वह बहुत ही निराशाजनक है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को लेकर जिस तरीके से प्रधानमंत्री ने श्रेय लेने की कोशिश की वह उनकी अकर्मण्यता को दर्शाता है और जिस एक्सप्रेस वे को बलिया से लखनऊ 353 किमी का बनना था उसको 12 किमी घटाकर गाजीपुर से लखनऊ 341 किमी कर दिया गया और भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ जी यह कहते हैं कि हमने एक्सप्रेस वे की लागत को 1600 करोड़ घटा दिया क्या यह सरासर जनमानस को धोखा देने वाली बात नहीं है कि एक्सप्रेस वे की दूरी को भी घटाया गया। क्या यही प्रधानमंत्री की उपलब्धि है।
आज अपने जुमलों की कड़ी में फिर प्रधानमंत्री ने बाण सागर डैम का लोकार्पण करते हुए जो कहा कि पिछले साठ सालों में सिंचाई और कृषि के लिए कुछ नहीं हुआ तो शायद प्रधानमंत्री जी को अपने हवाहवाई भाषण के साथ-साथ अध्ययन की भी जरूरत है कि आजादी के समय 1947 में मात्र 2 करोड़ हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होती थी तत्पश्चात पं0 नेहरू, इन्दिरा गांधी और राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकारों ने नहरों का जाल बिछाया और 2014 तक 93 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई हो रही थी और बहुत सारे डैम जिसमें कुछ प्रमुख भाखड़ा डैम, नागार्जुन सागर, सरदार सरेावर डैम, हीरा कुण्ड डैम, इन्दिरा सागर सहित लगभग 39 बड़े डैम का निर्माण किया।
उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री पं0 कमलापति त्रिपाठी व स्व0 वीर बहादुर सिंह जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में खासतौर से पूर्वांचल में सिंचाई के लिए नहरों का जाल बिछाया गया।
श्रीमती इन्दिरा गांधी जी के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने हरितक्रान्ति की शुरूआत की थी जिसके अन्तर्गत लघु सिंचाई गांव-गांव तक पहुंची। उसका परिणाम यह हुआ कि भारत में 1947 में 5 करोड़ मीट्रिक टन से कम अनाज उत्पादन था हम दूसरे देशों से खाने के लिए अनाज का आयात करते थे और 2014 आते-आते कांग्रेस सरकारों के नेतृत्व में भारत में खाद्य उत्पादन बढ़कर 26.5 मीट्रिक टन लगभग 5 गुना से ज्यादा हो गया और भारत दुनिया में प्रथम खाद्य निर्यातक देश बना। 2014 में 187000 करोड़ का खाद्य निर्यात किया गया।
प्रधानमंत्री जी उ0प्र0 आने के बाद यदि अपने वादों और जवाबदेही पर चर्चा करते कि 80 लाख करोड़ का काला धन विदेशों से वापस कब आयेगा? चार साल में 8 करोड़ रोजगार कहां हैं? 15-15 लाख खातों में कब जमा करवाया जायेगा? डीजल-पेट्रोल के दाम कब घटेंगे? दलितों पर अत्याचार कब रूकेगा? किसानों का कर्जा कब माफ होगा? तो शायद जनता को इन्साफ मिलता।
उत्तर प्रदेश में सड़कों के नाम पर झूठ की खेती और जनता को गुमराह किया जा रहाः-
उत्तर प्रदेश की भाजपा की सरकार ने जो वादा किया था कि हम सारी सड़कें गड्ढामुक्त करेंगे डेढ़ साल से ज्यादा गुजर जाने के बाद भी आज जनता गड्ढों में सड़क ढूंढ रही है। जिस तरीके से सड़कों के गड्ढामुक्ति के नाम पर भ्रष्टाचार हुआ।
शिकायत के बाद भी जांच नहीं करायी गयी, इससे स्पष्ट होता है कि सरकार अपनी नाकामी पर लीपापोती कर रही है। सड़कों का बुरा हाल है आज भी सड़कें जैसी की तैसी बदहाल स्थिति में बनी हुई हैं और सड़कों की मरम्मत के नाम पर भ्रष्टाचार जारी है जिसका प्रमाण बनारस में हुई ओवरब्रिज पुल दुर्घटना से पता चलता है कि आज भी उन 18 लोगों की दुखद मृत्यु के दोषारोपी ठेकेदार अज्ञात है।
क्या सरकार के उपमुख्यमंत्री व लोकनिर्माण मंत्री श्री केशव मौर्य जी प्रदेश में हुए उपचुनाव में भाजपा की हार का बदला जनता से ले रहे हैं।