लखनऊ 14 जून।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी देश में दो दौरों के लिए जाने जाते हैं एक विदेश दौरा दूसरा चुनावी दौरा। जबसे मेादी जी प्रधानमंत्री बने हैं तभी से पूरे देश में सिर्फ भाजपा का प्रचार-प्रसार के लिए जाते हैं। राज्येां की मूलभूत समस्याओं से इन्हें कोई मतलब नहीं रहता और सरकारी खर्चे पर भाजपा के लिए प्रचार प्रसार करते हैं। उत्तर प्रदेश में मोदी जी का ताजा दौरा केन्द्र सरकार की नीतियों की विफलता और मुख्यमंत्री अजय विष्ट की सरकार की कानून व्यवस्था में अराजकता फैलने से जो सरकार का इकबाल कम हुआ है उसको संतुलन करने की कोशिश में यह दौरा है। मोदी सरकार की पिछले चार सालों में जो केन्द्रीय स्तर की योजनाएं हैं वह पूरी तरीके से जनविरोधी साबित हुई हैं। जैसे कि जनधन योजना-जिसमें सरकार का दावा है कि साढ़े इकतीस करोड़ एकाउण्ट खोले गये थे। लेकिन वर्तमान में 59 लाख एकाउण्ट बन्द हो चुके हैं और इनका सही ढंग से क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। मोदी जी ने यह वादा किया था कि 2021-22 तक 32लाख 60 हजार आवास देने का वादा किया था अभी तक मात्र 1 लाख 49 हजार आवास दिये गये हैं। उज्जवला स्कीम में जो 5 करोड़ एलपीजी कनेक्शन देने का वादा किया था उसमें 2014 में 10.5प्रतिशत वार्षिक दर से दिया गया और वर्तमान में इसकी दर 8 प्रतिशत हो गयी है और गैस सब्सिडी जो मिलती थी वह बन्द हो गयी है।
जो सड़क पूर्वांचल बलिया तक जानी थी उसे गाजीपुर तक ले जाने का क्या औचित्य है। भाजपा ने अपना झूठा चेहरा जनता के सामने रखा कि उन्होने पूर्ववर्ती सरकार की योजना में होने वाले खर्च में 11सौ करोड़ कम खर्च किया।
नरेन्द्र मोदी जी की यह विशेषता कि वह पूर्ववर्ती योजनाओं की परियोजनाओं का पुर्नउद्घाटन करते हैं तथा पूर्व की सरकारों द्वारा पूर्ण किये गये कार्यों का पुर्नउद्घाटन करती है जिसका ज्वलन्त उदाहरण लखनऊ मेट्रो एवं लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे है इसी कड़ी में यह पूर्वांचल एक्सप्रेस वे भी है।
मोदी सरकार ने पिछले 4 वर्षों में केवल दो कार्य किये हैं जिसमें से एक अधूरा कार्य दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे जिसका मात्र 10 प्रतिशत कार्य हुआ उसका उद्घाटन कर दिया जो पहली बरसात में ही बह गयी। 30 महीने में 9 किमी सड़क बनाने वाली सरकार को शर्म नहीं आती अपनी पीठ थपथपाने में।