सुरेन्द्र अग्निहोत्री,लखनऊ: 10 जुलाई, 2018
शहरी आवासन एवं नगरीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन के तहत लखनऊ स्मार्ट सिटी के प्रस्तावों के अन्तर्गत राजधानी की हेरीटेज बिल्डिंग को संरक्षित करने के लिए इण्डियन नेशनल ट्रस्ट फाॅर आर्ट एण्ड कल्चरल हेरिटेज के साथ प्रदेश के नगर विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश खन्ना की मौजूदगी में एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित किया गया। इसके साथ ही नगर विकास मंत्री जी ने लखनऊ शहर की ब्राण्डिंग के लिए विभिन्न सुविधाओं व सेवाओं की मैपिंग आधारित लखनऊ स्मार्ट मोबाइल ऐप सूट साॅफ्ट साल्यूशन का शुभारम्भ किया गया।
विधान भवन स्थित कार्यालय कक्ष में सम्पन्न हुए कार्यक्रम के उपरान्त संसदीय कार्य एवं नगर विकास मंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार के लिए नागरिकों का अधिकार एवं हित सर्वोपरि है। प्रत्येक शहरी महसूस करें कि उसे किसी भी स्तर पर असुविधा का सामना नहीं करना पड़ रहा है। स्मार्ट सिटी के तहत नागरिकों को आम जरूरतों के समाधान की सुविधाएं मुहैय्या कराना केन्द्र तथा राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में है।
हेरिटेज भवनों के कन्जरवेशन के बारे में बताते हुए नगर विकास मंत्री ने कहा कि आज हुए समझौते के तहत कैसरबाग स्थित दर्शन बिलास कोठी, रोशन उद्दोल्लाह कोठी, कोठी गुलिस्तान ए ऐरम, रफे आम क्लब, बेगम हजरत महल पार्क एवं छत्तर मंजिल के रेस्टोरेशन एवं कन्जरवेशन का कार्य किया जायेगा। इसके लिए सर्वेक्षण डिजाइनिंग व लागत विवरण तैयार करते हुए समस्त पुरातात्विक महत्व के भवनों का जीर्णोधार एवं संरक्षण का कार्य कराया जायेगा। इसकी प्रस्तावित लागत 62.2 करोड़ रुपये आयेगी, जिसे लखनऊ स्मार्ट सिटी द्वारा वहन किया जायेगा।
लखनऊ स्मार्ट सिटी लि0 मोबाइल ऐप सूट के अन्तर्गत चयनित ऐजेंसी के माध्यम से मोबाइल ऐप सूट विकसित किया गया है। इसके माध्यम से लखनऊ वासियों को समस्त नागरिक उपयोगी सुविधाएं ऐप में ही उपलब्ध कराया गया है-जैसे प्रापर्टी टैक्स, विद्युत बिल इत्यादि का भुगतान, जन्म एवं मृत्यु प्रमाण-पत्र, टैंकर बुकिंग, एनिमल केयर, नियर बाई प्लेसेस जैसे पब्लिक टाॅयलेट, बारात घर, स्कूल, गार्डेन, ए0टी0एम0, होटल, हास्पिटल, पी0जी0आर0एस0, आई0जी0आर0एस0, व्यूव माई सिटी, टूरिस्ट प्लेसस, ई-व्हेकिल, ई-हास्पिटल, फेमस फूड ज्वाइंट एवं नगर निगम से सम्बन्धित अधिकारियों, पार्षदों से सम्बन्धित जानकारी उपलब्ध करायी गयी है।
इस ऐप में नगर निगम के अधिकारियों से सम्बन्धित कार्यों की माॅनिटरिंग के लिए आफिसर माॅड्यूल भी बनाया गया है जिससे नगर निगम सम्बन्धित अधिकारियों की माॅनिटरिंग की जायेगी। इस ऐप का बीटावर्जन लांच किया गया है, जिसमें नागरिकों द्वारा इस ऐप को और प्रभावी व उपयोगी बनाने हेतु फीडबैक एवं सुझाव का भी प्राविधान किया गया है। इस ऐप को प्ले-स्टोर के माध्यम (लखनऊ-311) निःशुल्क डाउनलोड किया जा सकता है। इस ऐप सूट को बनाने की लागत 14 लाख रुपये आयी है।
इस अवसर पर महापौर लखनऊ श्रीमती संयुक्ता भाटिया, नगर आयुक्त लखनऊ श्री इन्द्रमणि त्रिपाठी, मुख्य अभियन्ता नगर निगम समेत स्मार्ट सिटी मिशन से जुडे अधिकारी मौजूद थे।