Categorized | लखनऊ.

स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद सरस्वती के आमरण अनशन के समर्थन में काशी में हस्ताक्षर अभियान और उपवास

Posted on 04 July 2018 by admin

20180704_1341051सुरेन्द्र अग्निहोत्री लखनऊ। गंगा की दुर्दशा से आहत आई. आई. टी. कानपुर के सेवानिवृत प्रोफेसर, राष्ट्रीय नदी संरक्षण निदेशालय के पूर्व सलाहकार, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रथम सचिव, चित्रकूट स्थित ग्रामोदय विश्वविद्यालय में अध्यापन और पानी-पर्यावरण इंजीनियरिंग के नामी सलाहकार के रूप विख्यात लगभग 90 वर्षीय प्रसिद्ध पर्यावरण विज्ञानी प्रो. जी.डी. अग्रवाल उर्फ स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद सरस्वती द्वारा हरिद्वार के मातृ सदन आश्रम में चल रहे आमरण अनशन के समर्थन में काशी की जनता भी आ चुकी है। ज्ञातव्य है कि स्वामी जी के अनशन का आज 14वां दिन था और उनके स्वास्थ्य में दिनों दिन गिरावट हो रही है. माँ गंगा की अविरलता एवं निर्मलता के लिए बांधों एवं खनन के विरोध में किये जा रहे उनके अनशन से उत्तराखंड और केंद्र सरकार की भी नींद उड़ गयी है। प्रो. अग्रवाल के अनशन के समर्थन और गंगा सहित सभी सहायक नदियों की दुर्दशा से व्यथित काशी के विभिन्न सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी एवं छात्रों ने ‘‘साझा संस्कृति मंच” के तत्वावधान में दिनभर का उपवास रखा. इस अवसर पर वक्ताओं ने सभी नागरिको से नदियों के सरंक्षण और पुनर्जीवन के पुनीत कार्य शामिल होने का आह्वान करते हुए कहा कि नदी में किसी भी किसी प्रकार गंदगी न स्वयं डालें न ही किसी को डालने दें. साथ ही सरकार से अपील की गयी कि गंगा सहित सभी सहायक नदियों को स्वस्थ, अविरल और निर्मल बनाने के लिए प्रभावी प्रयास किये जांय और स्वामी जी की मांगों को तत्काल संज्ञान में लेते हुए ठोस कदम उठाने की इच्छाशक्ति दिखाएँ।इस अवसर पर लोकप्रिय टीवी सीरियल ‘देवो के देव महादेव’ के लेखक निलय उपाध्याय ने कहा कि बांधों, हिमालयी क्षेत्र में वन कटाव, पत्थर खनन, प्रदूषण और अतिदोहन के कारण नदियों का जीवन नष्ट हो रहा है, ह इस मौके पर कुछ मांगो लेकर हस्ताक्षर भी कराया गया जिसमे प्रमुख रूप से मांग किया गया कि गंगा एवं सभी सहायक नदियों की अविरलता और निर्मलता सुनिश्चित की जाय, हिमालय क्षेत्र में संचालित एवं प्रतावित सभी बड़ी बाँध परियोजनाओं पर पूरी तरह रोक लगे. हिमालय क्षेत्र में वन कटान और पत्थर खनन पर पूरी तरह रोक लगे. गंगा एवं सहायक नदियों में हो रहे औद्योगिकध्नगरीय प्रदूषण पर प्रभावी रोक लगाई जाय तथा गंगा एवं सहायक नदियों के किनारे हरित पट्टी का विकास किया जाय. विशाल त्रिवेदी , अनूप श्रमिक, अफलातून, विनय सिंग, ए के लारी, रवि शेखर, रामजनम, दिवाकर सिंह, राज अभिषेक, संगीता, शुभम, शालिनी, सानिया, चिंतामणि, सोनू, सूरज, महेंद्र, बबलू, सुरेश सिंह, प्रो. आरिफ, डॉ. लेनिन , राजकुमार पटेल आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in