प्रदेश के महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, श्री पद्माकर सिंह ने बताया कि श्रम्ध्।म्ै पर प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा दस्तक अभियान के द्वितीय चरण के अंतर्गत आगामी 2 जुलाई से विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह प्रारम्भ किया जा रहा है, जो 31 जुलाई तक श्रम्ध्।म्ै से प्रभावित प्रदेश के 38 जनपदों में चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि दस्तक अभियान के द्वितीय चरण के लिये 28974 कर्मियों (ए0एन0एम0, आशा तथा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों), 16540 शिक्षकों, 19017 ग्राम प्रधानों को प्रशिक्षित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त आशा तथा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को 27.83 लाख घरों के भ्रमण, 6677 स्वच्छता तथा पोषण समिति की बैठकें तथा सभी 617 चिन्हित हाई रिस्क क्षेत्रों में सघन फाॅगिंग एवं लार्वीसायिडल स्प्रे किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
श्री सिंह आज कैसरबाग स्थित स्वास्थ्य भवन के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्रम्ध्।म्ै पर प्रभावी नियंत्रण हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूर्व में दस्तक अभियान के अंतर्गत 2 अप्रैल से 16 अप्रैल के मध्य ‘‘विशेष संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़ा’’ चलाया गया। विशेष संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़ा के दौरान श्रम्ध्।म्ै से प्रभावित 38 जनपदों के लगभग 34 लाख बच्चों का टीकाकरण किया गया। उन्होंने बताया कि विशेष संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़ा कार्यक्रम के माध्यम से श्रम्ध्।म्ै से प्रभावित 38 जनपदों के 74851 कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया। साथ ही दस्तक अभियान के अंतर्गत आशा कार्यकत्रियों द्वारा 27.81 लाख घरों में स्वास्थ्य शिक्षा, 54 हजार से अधिक मातृ बैठक, 86 हजार स्थानों पर 7 लाख से अधिक लोगों को क्लोरीनेशन की शिक्षा तथा 14 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूहों की बैठक के माध्यम से श्रम्ध्।म्ै के बारे में जागरूक करते हुए इससे बचाव के उपाय बताये गए।
प्रेस वार्ता के दौरान निदेशक, संचारी श्रीमती मिथिलेश चतुर्वेदी ने बताया कि श्रम्ध्।म्ै पर प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ प्रदेश के अन्य विभागों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जिसके तहत ग्राम्य विकास विभाग द्वारा 5 लाख से अधिक उथले हैंडपंप का चिह्नीकरण किया गया और 32 हजार इंडिया मार्का-2 हैंडपंप की मरम्मत कराई गई। पंचायती विभाग द्वारा 4.5 लाख से अधिक शौचालयों का निर्माण कराया गया। शिक्षा विभाग द्वारा श्रम्ध्।म्ै के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से 88 हजार स्कूल रैली तथा 16 हजार प्रभात फेरी निकाली गई। इसके अतिरिक्त बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा 10 हजार से अधिक अति कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र रेफर किया गया।
श्रीमती चतुर्वेदी ने बताया कि श्रम्ध्।म्ै पर प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु गोरखपुर तथा सिद्धार्थनगर जनपदों के पिपराइच तथा उसका बाजार ब्लाॅक में रोगियों के त्वरित तथा सुलभ उपचार हेतु टाटा ट्रस्ट के साथ एमओयू किया गया है। एमओयू के अंतर्गत टाटा ट्रस्ट द्वारा चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टाफ, प्रयोगशाला तथा उपचार सुविधा से युक्त 6 मोबाइल मेडिकल यूनिट्स उपलब्ध करायी जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त गोरखपुर तथा महराजगंज जनपदों में दिमागी बुखार के विषय में जन-जागरूकता बढ़ाने तथा 11 ग्राम पंचायतों को रोग नियंत्रण हेतु आदर्श ग्राम पंचायतों के रूप में विकसित करने हेतु प्लान इंडिया के साथ एमओयू किया गया है। जिसके अन्तर्गत प्लान इंडिया द्वारा 1500 ग्रामों में एल0ई0डी0 युक्त मोबाइल प्रचार वाहनों तथा इन्हीं ग्रामों में सांस्कृतिक दलों के माध्यम से दिमागी बुखार की रोकथाम तथा उपचार के सम्बन्ध में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा।