सुरेन्द्र अग्निहोत्री, लखनऊ: 23 जून, 2018
आम से बनने वाले विभिन्न खाद्य पदार्थों की ब्रांडिंग की जरूरत
मुख्यमंत्री ने आधुनिक बागवानी करने वाले किसानों को सम्मानित किया
प्रदेश एवं देश के तमाम हिस्सों में उत्पादित
आमों की विभिन्न प्रजातियों का अवलोकन भी किया
उद्यान विभाग की स्मारिका का विमोचन
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि वर्तमान सरकार किसानों की खुशहाली के लिए कृतसंकल्पित है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए किसानों को नई तकनीक से जोड़ने का काम किया जा रहा है। वर्तमान सरकार ने किसानों को स्वाॅयल हेल्थ कार्ड भी उपलब्ध कराए हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने आधुनिक बागवानी करने वाले किसानों को अंग वस्त्र व प्रशंसा-पत्र देकर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री जी आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, पर्यटन विभाग तथा मण्डी परिषद द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित दो दिवसीय ‘उत्तर प्रदेश आम महोत्सव, 2018’ के शुभारम्भ अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी में मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश एवं देश के तमाम हिस्सों में उत्पादित आमों की विभिन्न प्रजातियों का अवलोकन किया और कृषकों तथा बागवानों से बातचीत भी की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस महोत्सव का उद्देश्य आम की विभिन्न प्रजातियों से जनमानस को परिचित कराना तथा आम की किस्मों का संवर्धन और संरक्षण करना है। आम महोत्सव को केवल राजधानी तक सीमित न रखा जाए, बल्कि जनपद स्तर तक इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने आम की रंगीन प्रजाति ‘स्वर्ण रेखा’ का एक पौधा रोपित किया तथा उद्यान विभाग की स्मारिका का विमोचन भी किया।
योगी जी ने कहा कि प्रदेश में आम की लगभग 700 प्रजातियां पायी जाती हैं। आवश्यकता इस बात है कि इन आमों की प्रजातियों के संरक्षण व संवर्धन के साथ ही खाद्य प्रसंस्करण पर बल दिया जाए। उन्होंने कहा कि आम से बनने वाले विभिन्न खाद्य पदार्थों अचार, स्क्वैश, जूस, अमावट आदि की ब्रांडिंग की जरूरत है, जिससे किसान वर्षभर अपनी उपज का लाभ ले सकता है। उन्होंने कहा कि किसानों को परम्परागत खेती के साथ-साथ फल, फूल, पशुपालन और डेयरी जैसे क्षेत्रों में भी जुड़ने की जरूरत है। तभी हम किसानों को समृद्ध कर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आम का सर्वाधिक उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है। प्रदेश में लगभग 2.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में आम के बाग हैं, जिससे लगभग 40 से 45 लाख मीट्रिक टन आम का उत्पादन होता है। उन्होंने कहा कि जरूरत है कि अंतर्राष्ट्रीय मांग के अनुरूप आम का उत्पादन किया जाए, जिससे किसान आमों का निर्यात कर लाभ कमा सकें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर करती है। किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिले, इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इसके दृष्टिगत देश में पहली बार उत्तर प्रदेश में आलू का समर्थन मूल्य घोषित किया गया। पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में किसानों को डीजल से पम्पिंग सेट चलाने में 25 रुपए का खर्च आता था, वहीं वर्तमान सरकार के प्रयासों से अब बिजली के माध्यम से मात्र 01 रुपए खर्च होता है।
कार्यक्रम को उद्यान मंत्री श्री दारा सिंह चैहान ने भी सम्बोधित किया। प्रमुख सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण श्री सुधीर गर्ग ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर, प्रदेश सरकार में मंत्री श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी, डाॅ0 महेन्द्र सिंह, श्री उपेन्द्र तिवारी, श्रीमती स्वाती सिंह, श्री मनोहर लाल मन्नु कोरी, श्री मोहसिन रजा, श्री बलदेव ओलख, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आर0पी0 सिंह, अपर मुख्य सचिव पर्यटन एवं सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव उद्यान श्री सुधीर गर्ग, निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण श्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह सहित शासन-प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
ज्ञातव्य है कि 23 व 24 जून, 2018 तक चलने वाले इस दो दिवसीय आम महोत्सव में 05 श्रेणियों के 60 वर्गों में आम की विभिन्न प्रजातियों तथा आम के प्रसंस्कृत पदार्थों की प्रतियोगिता भी आयोजित की गई है, जिसमें संस्थाओं, विभागों एवं निजी उत्पादकों द्वारा आम की 700 प्रजातियों के अलग-अलग 2,558 से अधिक नमूने प्रदर्शित किए गए हैं।
केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, उद्यान विभाग के सहारनपुर, बस्ती एवं लखनऊ के मलिहाबाद में स्थापित औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्रों तथा प्रगतिशील बागवानों द्वारा अपने-अपने संस्थानों/बागों में उगाई जाने वाली प्रजातियों का प्रदर्शन किया गया है। इस प्रदर्शनी में बागवान एवं लघु उद्यमी हिस्सा ले रहे हैं। बागवानों द्वारा स्वयं आम की विभिन्न प्रजातियों के पौधे तथा आम बिक्री हेतु 68 स्टाॅल लगाए गए हैं। आम के प्रसंस्कृत उत्पादों को भी प्रदर्शनी में शामिल किया गया है। महोत्सव में उत्तराखण्ड तथा मध्य प्रदेश के बागवानों ने भी आम की विभिन्न प्रजातियों का प्रदर्शन किया है।