लखनऊ 21 जून राजभवन में सम्पन्न हुआ चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस सम्पन्न
चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आज उत्तर प्रदेश आयुष विभाग द्वारा राजभवन प्रागंण में आयोजित सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक, केन्द्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य, आयुष राज्यमंत्री डाॅ0 धर्मसिंह सैनी, महापौर डाॅ0 संयुक्ता भाटिया, मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री ओ0पी0 सिंह, अपर मुख्य सचिव सूचना श्री अवनीश अवस्थी, प्रमुख सचिव श्री नवनीत सहगल, सचिव आयुष श्री मुकेश कुमार मेश्राम, पंतजलि, गायत्री परिवार, यू0पी0 नेचरोपैथी टीचर, भारतीय योग संस्थान, तत्वमसी, ब्रह्म कुमारी प्रजापति ईश्वरीय विश्वविद्यालय, दिव्यांगजन, स्कूली छात्र-छात्राओं, सेना, एन0सी0सी0, सी0आर0पी0एफ0, एस0एस0बी0, आई0टी0बी0पी0, सी0आई0एस0एफ0 सहित बड़ी संख्या में प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारीगण ने उपस्थित होकर योग किया।
राज्यपाल श्री राम नाईक ने कहा कि योग भारतीय संस्कृति की विश्व को सबसे बड़ी देन है। इस देन को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाने के लिये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अभिनन्दन एवं धन्यवाद के योग्य हैं। योग केवल व्यायाम नहीं बल्कि मन को भी स्वस्थ और शान्त रखने की अद्भुत प्रक्रिया है। योग व्यायाम की सबसे सस्ती पद्धति है जिसमें किसी प्रकार के व्यय या उपकरण की आवश्यकता नहीं है। बदलती जीवन शैली में योग का बहुत महत्व और अद्वितीय लाभ है। राज्यपाल ने बताया कि पहली से 11 कक्षा तक उन्होंने नियमित रूप से सूर्य नमस्कार किया है, यही उनके स्वस्थ जीवन का राज़ है। उन्होंने कहा कि योग सभी प्रकार के चिन्ता का रामबाण उपाय है।
श्री नाईक ने कहा कि भारतीय योग सूक्ष्म से विराट की ओर बढ़ते हुए आज पूरे विश्व में सफल हो रहा है और जनमानस इससे लाभान्वित हुआ है। ऋषि-मुनियों ने शरीर, मन और आत्मा में संतुलन स्थापित करने के लिये योग विधा का प्रणयन किया था। चरैवेति-चरैवेति को जीवन का शाश्वत संदेश बताते हुए उन्होंने कहा कि निरन्तर आगे बढ़ने से सफलता प्राप्त होती है। मधुमक्खियाँ एक फूल से दूसरे फूल पर जाकर मधु इक्ठ्ठा करती हैं, पक्षी एक पेड़ से दूसरे पेड़ जाकर मीठे फलों का उपभोग करते हैं तथा सूर्य जो प्रकाश और ऊर्जा का स्रोत है दिन भर चलायमान रहता है इसलिये जगत वंदनीय है। उन्होंने कहा कि सूर्य की तरह जगत वंदनीय होने के लिये निरन्तर चलते रहने से सफलता प्राप्त होती है।
केन्द्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि योग को संयुक्त राष्ट्र संघ से मान्यता मिलना अन्तर्राष्ट्रीय जगत में प्रधानमंत्री की सांस्कृतिक कूटनीति के तहत एक बड़ी सफलता है। योग को इस्लामिक देशों ने भी समर्थन दिया है इसलिये योग पर मजहबी आरोप नहीं थोपा जा सकता। भारत ने सऊदी अरब की महिला योग प्रशिक्षक को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया है। योग का जीवन में बहुत महत्व है। योग को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को श्रेय जाता है। 21 जून अन्तर्राष्ट्रीय योग पर्व के रूप में मनाया जा रहा है। योग की विस्तृत व्याख्या ऋग्वेद और पंतजलि में पायी जाती है। उन्होंने कहा कि अमेरिका जैसे प्रगतिशील देश में करोड़ों लोगों ने योग को अपनी जीवन शैली बनाया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सम्बोधन में कहा कि ऋषि परम्परा योग के प्रसाद को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास से अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता मिली है। विश्व के 192 देशों में आज के दिवस पर योग करना भारतीय परम्परा के साथ समरस होने जैसा है। योग में भारत के आध्यात्म का बीज निहित है। योग निरोगी काया देता है तथा योग के माध्यम से बहुत कुछ सम्भव है। जीवन में संतुलन के लिये योग आवश्यक है, इससे जुड़ना चाहिए तथा इसे दिनचर्या का हिस्सा बनाया जाये। उन्होंने योग दिवस की बधाई देते हुए कहा कि योग से नई ऊर्जा का संचार होता है। उन्होंने यह भी बताया कि योग साधना का कार्यक्रम आज के दिवस पर राज्य, जनपद, निकाय एवं ब्लाक स्तर पर आयोजित किया गया है।
कार्यक्रम में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आयुष डाॅ0 धर्म सिंह सैनी ने स्वागत उद्बोधन दिया और उन्होंने आयुष मंत्रालय भारत सरकार तथा प्रदेश सरकार द्वारा आयुष पद्धतियों के प्रति विशेष रूझान के लिये धन्यवाद भी दिया।
सचिव आयुष श्री मुकेश कुमार मेश्राम ने सभी अतिथियों एवं योगाभ्यास में प्रतिभाग करने वाले सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। साथ ही योग परिधान में उत्तर प्रदेश खादी ग्रामोद्योग, प्रचार-प्रसार हेतु उत्तर प्रदेश सूचना विभाग, व्यवस्था के लिये लखनऊ विकास प्राधिकरण के अतिरिक्त सिविल सर्विस इंस्टीटयूट, राजकीय निर्माण निगम, उत्तर प्रदेश सेतु निगम, बैंक आॅफ बड़ौदा आदि द्वारा कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु दिये गये सहयोग हेतु भी आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम का संयोजन कर रहे राजभवन के प्रभारी चिकित्साधिकारी आयुर्वेद डाॅ0 शिव शंकर त्रिपाठी ने बताया कि आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी योग प्रोटोकाल के अनुसार सामूहिक योगाभ्यास पंतजलि योग संस्थान के वरिष्ठ योग प्रशिक्षक श्री पियूषकान्त श्रीवास्तव द्वारा कराया गया। सहयोगी योग प्रशिक्षक के रूप में श्री विजेन्द्र प्रताप सिंह, निक्की कुमार सैनी, शिखा शुक्ला, एकता पाण्डे, शिवानी अवस्थी एवं 5 से 7 वर्ष तक उम्र के बच्चों में काव्या, श्रुति, आद्या एवं अम्बिका आदि बच्चियों ने भी योगाभ्यास का प्रदर्शन किया। डा0 त्रिपाठी ने बताया कि वर्तमान में बढ़ रहे असंक्रामक रोग जैसे मधुमेह, दमा, आर्थराईटिस एवं मोटापा आदि अनेक रोगों का उपचार योग को सम्मिलित किये बिना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि मधुमेह में मण्डूकासन, ताड़ासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन आदि आसन तथा नाड़ी शोधन, भस्त्रिका एवं भ्रामरी प्रणायाम लाभदायक है वही मोटापा दूर करने के लिए सूर्य नमस्कार, तिर्यकताड़ासन, कटिचक्रासन, हलासन आदि आसन तथा नाड़ी शोधन, भस्त्रिका, सूर्य भेदन एवं भ्रामरी आदि प्राणायाम लाभकारी है।
कार्यक्रम का संचालन दूरदर्शन उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी श्री आत्मप्रकाश मिश्र ने किया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में मंच पर उपस्थित अतिथियों को गीता प्रेस की पुस्तक कल्याण के ‘योगांक’ की प्रति भेंट कर सम्मानित किया गया।