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जनजाति उप योजना क्षेत्र के ग्रामीणों को बनाया जायेगा आत्मनिर्भर जनजाति उप योजना क्षेत्र के ग्रामीणों को बनाया जायेगा आत्मनिर्भर -राज्यपाल

Posted on 18 June 2018 by admin

photo-1-18जयपुर, 18 जून। राजस्थान में जनजाति उप योजना क्षेत्र के ग्रामीणों कोे आत्मनिर्भर बनाया जायेगा। राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने इसके लिए न्यू बेस्ट प्रेक्टिस माॅडल तैयार करवाया है। इसके तहत जनजाति उप योजना क्षेत्र (टीएसपी) के राज्य विश्वविद्यालय ग्रामीण युवाओं व युवतियों को कौशल प्रशिक्षण, रोजगार और स्वरोजगार की व्यवस्था मुहैय्या करायेंगे।

राज्यपाल को संविधान के अनुच्छेद 244(1) एवं पांचवी अनुसूची के तहत अनुसूचित क्षेत्र में निवासरत जनजाति रहवासियों के कल्याण एवं उन्नति के लिए विषेष अधिकार प्राप्त हैं। इस दृष्टि से विष्वविद्यालयों के स्तर पर अनुसूचित क्षेत्र में स्थित गांवों में रोजगार के अवसरों के सृजन के प्रयास किये जा रहे हैं। राज्यपाल श्री सिंह ने इस सम्बन्ध में टीएसपी एरिया के तीनों विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को सोमवार को पत्र भेजकर निर्देश दिये हैं।
कुलाधिपति श्री कल्याण सिंह ने कहा है कि प्रशिक्षित युवाओं को अभिनव परियोजनाओं से जोड़ कर रोजगार व स्वरोजगार प्रदान कराया जायेगा। राज्यपाल का मानना है कि इससे जनजाति क्षेत्रों के ग्रामीण युवक व युवतियां आत्म निर्भर बन सकेगें। राज्यपाल श्री सिंह की इस पहल से जनजाति उपयोजना क्षेत्र के गांवों से लोगों की पलायन करने की प्रवृत्ति पर भी रोक लगेगी। रोजगार से गांवों के वातावरण में बदलाव आयेगा।
राज्यपाल श्री सिंह ने कहा कि इस बेस्ट पे्रक्टिस की क्रियान्विति जनजाति उप योजना क्षेत्र में स्थापित तीन विष्वविद्यालय यथा उदयपुर के महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रोद्यौगिकी विष्वविद्यालय व मोहनलाल सुखाड़िया विष्वविद्यालय और बांसवाड़ा के गोविन्दगुरू जनजातीय विष्वविद्यालय द्वारा की जायेगी। तीनों विष्वविद्यालय अनुसूचित क्षेत्र के गांवों में बेरोजगार ग्रामीण युवाओं व युवतियों को चिन्हित करेंगे और उन्हें कौषल प्रषिक्षण देंगे। गांवों को अभिनव परियोजनाओं से जोड़कर लोगों को रोजगार दिलाया जायेगा। स्वरोजगार आरम्भ करने वाले युवाओं को सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जायेंगी। इससे युवा पीढ़ी स्वावलम्बी बनेगी।
राज्यपाल श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र में आदिवासियों का सघन प्रवास है। अनुसूचित क्षेत्रों की भौगोलिक परिस्थितियाँ अलग हैं। यहाँ के ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासी युवाआंे हेतु जीविकोपार्जन के अवसरों में वृद्धि किया जाना जरूरी है। रोजगार सृजन के लिए कौशल विकास आवश्यक है। श्री सिंह ने कहा कि न्यू बेस्ट प्रैक्टिस के अन्तर्गत विष्वविद्यालय गांवों में इच्छुक एवं पात्र बेरोजगार युवाओं को चिन्हित करेंगें। राजस्थान कौषल एवं आजीविका विकास निगम द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न कौषल प्रषिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से चिन्हित युवाओं को लाभान्वित किया जायेगा। इस कार्य में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग आवष्यक तकनीकी एवं वित्तीय सहयोग प्रदान करेगा।
अन्य विभागों द्वारा संचालित योजनाओं के वित्तीय तकनीकी सहयोग से विष्वविद्यालय ग्रामीणों की आय संवर्धन हेतु कृषि उत्पादन, मूल्य संवर्धन एवं लघु वनोत्पाद प्रक्रियाओं पर आधारित परियोजनाओं का सृजन करेंगे। इससे ग्रामीणों के लिए रोजगार के अवसरों में वृद्धि होने के साथ-साथ उनकी आय में भी वृद्धि हो सकेगी। - - -
डाॅ. लोकेश चन्द्र शर्मा
जनसम्पर्क अधिकारी, राज्यपाल

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