सुरेन्द्र अग्निहोत्री,लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के गोमती नगर स्थित आई.एम.आर.टी. मैनेजमेट कालेज में अवध प्रहरी पत्रिका द्वारा महाराणा प्रताप जयन्ती के उपलक्ष्य में प्रकाषित युवा शौर्य विशेषांक का विमोचन करते हुए उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप महान थे अकबर नहीं। उन्होंने कहा कि भारत में वनवासी समाज अपने को वीर षिरोमणि महाराणा प्रताप का वंशज मानता है और देष में थारू और बोडो जैसी अनेक जनजातियां उन्हीं से प्रेरणा लेकर राष्ट्रभक्ति का अप्रतिम उदाहरण पेश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत मेें जाति की परम्परा से यहां की अखंडता कमजोर हुई है। मुख्यमंत्री गुरूवार को अवध प्रहरी पाक्षिक पत्रिका के युवा शौर्य विषेषांक के विमोचन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वदेष, स्वधर्म व स्वाभिमान के प्रतीक महाराणा प्रताप पर विषेषांक के विमोचन से उनके जीवन के विभिन्न पक्षों को समझाने में सहायता मिलेगी। श्री योगी जी ने कहा कि अतीत के प्रेरणा पुंजों में महाराण प्रताप का नाम विषेष रूप से उल्ल्ेखनीय है। अकबर ने केवल उसकी बादषाहत स्वीकार करने का प्रस्ताव महाराणा को भेजा था परंतु उन्होंने इस प्रस्ताव को यह कहकर ठुकरा दिया कि मित्रता की आड़ में विधर्मी को बादषाह के रूप मे स्वीकार नहीं कर सकते। यदि उस समय उन्होंने यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया होता तो आज क्या स्थिति होती उसका अंदाजा लगाया जा सकता है। तब हम शायद महराणा का नाम भी नहीं जानते होते। उस समय भी एक पक्ष महाराणा प्रताप का था जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी पराधीनता को स्वीकार नहीं किया तो दूसरा पक्ष उन राजाओं का था जिन्होंने अकबर की अधीनता स्वीकार कर ली थी। मुख्यमंत्री ने कारगिल युद्ध के समय पूर्वोत्तर के बोडो जनजातीय के समर्पण की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि बोडो जनजाति ने पाकिस्तान के खिलाफ जंग जीतने में महत्वपूर्ण भ्ूामिका अदा की। उन्होंनंे कहा कि अरावली की पहाडियों में दलित ,पिछड़े ,वनवासियों की सहायता से अकबर से युद्ध किया और जीते जी अकबर महाराणा प्रताप का बाल बांका न कर सका। उन्होंने बताया कि जनजातीय लोगो में से अधिकांषत अपने को हल्दी घाटी युद्ध के समय बचे हुए सैनिकोें मेें से एक मानते हंै। यही कारण है कि वह अपने आप को लोकलज्जा के डर से समाज से अलग रखते हैं ।
कार्यकम को बतौर विषिष्ट अतिथि संबोधित करते हुए अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख श्री नरेंद्र ठाकुर जी ने कहा कि महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व में शौर्य के अलावा नैतिकता का भी अदभुत समावेष था। उन्होंने बताया कि जब महाराणा के पुत्र अमर सिंह ने अब्दुल रहीम खानखाना परिवार की महिला सदस्यों को कैद कर लिया तोे महाराणा प्रताप स्वयं खानखाना से क्षमा मांगने गये उस समय महाराणा ने कहा था कि श़त्रु परिवार की भी महिला सदस्यों की सुरक्षा करना भी मेरा दायित्व व राष्ट्रधर्म है। श्री ठाकुर जी ने कहा कि महाराणा प्रताप जेसे शूरवीरों में ही ऐसा नैतिक बल संभव है। इसी प्रकार उन्होंने स्वमी विवेकानंद की नैतिकता का उल्लेख किया औेर कहा कि षिकागो में जब स्वामी जी से मिलकर एक महिला ने विवाह का प्रस्ताव किया था और उसने एक पुत्र की इच्छा प्रकट की थी। तब स्वामी जी ने कहा था कि आप मुझे ही पुत्र के रूप में स्वीकार कर लीजिये। उन्होंने कहा कि यह है हमारी नैतिकता। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि आज देषभर में कई जागरण पत्रिकायें प्रकाषित हो रही हैं जो समाज जागरण के क्षेत्र में काफी प्रयोग कर रही है। यह प्रयोग काफी सफल भी हो रहे है। अवध प्रहरी भी एक जागरण पत्रिका है जिसने महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर युवा शौर्य विषेषांक प्रकाषित करके सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि आज के समाचार पत्रों में विभिन्न समाचार भरे रहते है। लेकिन उनमंें समाजहित के समाचारों की भारी कमी रहती है यह कमी आज अवध प्रहरी जैसी जागरण पत्रिकायंे पूरा कर रही हैं। आज भी दूर दराज के हिस्सो में समाचार पत्र नहीं पहुच पाते है। वहां पर जागरण पत्रिकायें ही अच्छे समाचारों को गांवो की जनता तक पहुचाने का काम कर रही हैं। समारोह को संबोधित करते हुए उप्र अनुसूचित जात जनजाति आयोग के अध्यक्ष बृजलाल जी ने कहा कि जातीय भेद से उबरने की आवष्यकता 500 वर्ष पूर्व भी थी आज भी है जब तक जातीय बंधनों से मुक्ति नहीं होगी तब तक देष और समाज में समरसता व्याप्त नहीं हो पायेगी। एकात्म मानववाद का दर्षन भी जाति से मुक्ति की कामना करता है। विषेषांक संपादक प्रणय विक्रम सिंह ने ने परिचय कराते हुये कहा कि यह शौर्य विषेषांक हल्दी घाटी के उन अमर शहीद योद्धाओं को श्रद्धंाजलि अर्पित करेगा जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिये अपनें प्राणों को न्यौछावर कर दिया। वह कहते हैं कि महाराणा प्रताप अपने कालखंड के सबसे बड़े समाज सुधारक थे जिन्होने भीलो के साथ भोजन किया उन्होंने अपनी सेना में हर तबके के लोगों को मुख्य धारा में रहने का अवसर दिया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व मंच पर उपस्थित गणमान्य लोगों ने अवध प्रहरी पत्रिका का विमोचन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन से हुआ, मंच संचालन संपादक पत्रकार नरेंद्र भदौरिया जी ने किया। मंचस्थ अतिथियों का परिचय डा. अषोक दुबे जी ने किया और आभार प्रबन्ध संपादक दिवाकर अवस्थी ने किया।