(1) गोरखपुर मेडिकल कालेज के चर्चित डा. कफील खान के भाई काशिफ जमील पर कल रात हुये कातिलाना हमले के साथ-साथ इलाहाबाद में वकील श्री रवि तिवारी की हत्या की तीव्र निन्दा। ये घटनायें उत्तर प्रदेश में बढ़ते जंगलराज का प्रमाण नहीं तो और क्या हैं?
(2) प्रदेश बीजेपी सरकार को जनसुरक्षा, जनहित व जनकल्याण पर ख़ास ध्यान केन्द्रित करने की जरूरतें। सरकार गै़र-जनहित के कार्यों पर कम समय बर्बाद करे तो बेहतर।
(3) साथ ही, यू.पी.एस.सी. की परीक्षा दिये बिना ही केन्द्र सरकार के 10 महत्वपूर्ण विभागों के प्राइवेट लोगों को ’संयुक्त सचिव’ स्तर पर नियुक्ति वास्तव में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार की प्रशासनिक विफलता का परिणाम लगता है तथा खतरनाक प्रवृति: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी।
लखनऊ, 11 जून, 2018: माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के जिले गोरखपुर में उनके गोरखनाथ मन्दिर के बिल्कुल पास ही गोरखपुर मेडिकल कालेज के चर्चित डा. कफील खान के भाई काशिफ जमील पर कल रात हुये कातिलाना हमले के साथ-साथ इलाहाबाद में वकील श्री रवि तिवारी की हत्या की तीव्र निन्दा करते हुये बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी ने कहा कि यह सब घटनायें उत्तर प्रदेश में बढ़ते जंगलराज का प्रमाण नहीं तो और क्या हैं?
सुश्री मायावती जी ने आज एक बयान में कहा कि प्रदेश में बीजेपी सरकार की अकर्मणयता व इनके मंत्रियों की केवल बड़ी-बड़ी बयानबाजी व जुमलेबाजी का ही परिणाम है कि उत्तर प्रदेश में आज हर तरफ अव्यवस्था, अराजकता व हिंसा का राज व्याप्त है। माननीय मुख्यमंत्री व मंत्रियों की सख़्त कार्रवाई करने की बार-बार दी जानें वाली चेतावनी व धमकियाँ पूरी तरह से विफल व बेमायने साबित हो रही हैं। प्रदेश की ग़रीब आमजनता, किसान, मजदूर व अन्य मेहनतकश लोग इस कारण काफी ज़्यादा परेशान व बेहाल हैं। भ्रष्टाचार भी हर स्तर पर व्याप्त है और इसने भी लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है, ऐसी खबरें अखबारों में भी लगातार छपती रहती हैं।
गोरखपुर के डा. कफील के भाई पर जानलेवा हमले व इलाहाबाद में वकील की हत्या के मामले में सख़्त कानूनी कार्रवाई करने की माँग करते हुये उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि बीजेपी सरकार को जनसुरक्षा, जनहित व जनकल्याण पर ख़ास ध्यान केन्द्रित करना चाहिये तथा अन्य गै़र-जनहित के कार्यों पर कम समय बर्बाद करना चाहिये वर्ना हालात् और भी ज्यादा बद से बदतर ही होते चले जायेंगे और आमजनता इसकी चक्की में पिसती रहेगी।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि अपराध-नियन्त्रण व कानून-व्यवस्था के मामले में सबसे पहले बीजेपी के लोगों पर सख्त कार्रवाई करने की ज़रुरत आज हर स्तर पर महसूस की जा रही है क्योंकि लचर व पक्षपाती सरकारी रवैये के कारण आज बीजेपी का हर स्तर का नेता यह मानकर चलने लगा है कि ‘‘संइया भये कोतवाल तो अब डर काहे का‘‘ जो कि पूरी तरह से जनविरोधी सोच व आचरण है जिसे हर हाल में रोका जाना चाहिये।
इसके साथ ही यू.पी.एस.सी. की परीक्षा दिये बिना ही केन्द्र सरकार के 10 महत्वपूर्ण विभागों के प्राइवेट लोगों को ’संयुक्त सचिव’ स्तर के उच्च नियुक्ति पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार की प्रशासनिक विफलता का परिणाम लगता है। यह एक ख़तरनाक प्रवृति भी है और केन्द्र में नीति निर्धारण के मामले में बड़े-बड़े पूँजीपतियों व धन्नासेठों के प्रभाव को इससे और भी ज्यादा बढावा मिलने की आशंका है।
खासकर ऐसे समय में जब केन्द्र व राज्यों की सरकारों के पास निविदा के आधार पर अनुभवी विशेषज्ञों को रखने की व्यवस्था व प्रचलन है, केन्द्र में संयुक्त सचिव के स्तर के पद पर, जो कि राज्य में सचिव स्तर का उच्च अधिकारी होता है, बाहरी व्यक्ति को बिना यू.पी.एएस.सी. की स्वीकृति के उच्च सरकारी पदों पर बैठाना सरकारी व्यवस्था का मजाक ही कहा जायेगा, जिसकी ग़लत परम्परा की शुरुआत श्री नरेन्द्र मोदी सरकार कर रही है। इस सम्बंध में मूल प्रश्न यह है कि केन्द्र सरकार किसी भी विभाग में विशेषज्ञों को तैयार करने में अपने आपको असमर्थ क्यों पा रही है? यह बड़ी चिन्ता की बात है।
जारीकत्र्ता:
बी.एस.पी. उ.प्र. राज्य कार्यालय
12 माल एवेन्यू, लखनऊ