सुरेन्द्र अग्निहोत्री लखनऊः 07 जून, 2018
नई तकनीक को अपनाकर कार्यों को निर्धारित समय से करना सुनिश्चित करें -अपर मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी तकनीकी बिन्दुओं पर पंचायतों की क्षमतावृद्धि किए जाने में जनपदों की महत्वपूर्ण भूमिका आई.जी.आर.एस. पर प्राप्त प्रकरणों का निस्तारण शीघ्र कराए -निदेशक पंचायतीराज श्री आकाश दीप
प्रशिक्षण की आवश्यकता प्रत्येक स्तर पर रहती है। वर्तमान समय में तेजी से बदलाव हो रहा है, पहले जो कार्य प्रणाली थी वह व्यक्ति आधारित होती थी परन्तु अब नई तकनीक तेजी से बढ़ी है, कार्य भी काफी बढ़ गये है। ग्राम पंचायतों में विकास/निर्माण कार्य त्वरित गति व पारदर्शिता से कराये जाये इसके लिए जरूरी है कि नई तकनीक की पूरी जानकारी हो, जिससे कार्यों को सम्पादित किये जाने में कोई परेशानी नहीं होने पाये।q
यह विचार अपर मुख्य सचिव पंचायती राज श्री आर0के0 तिवारी ने आज यहां होटल कम्फर्ट इन गोमतीनगर में श्रीट्रान इण्डिया लि0 द्वारा आयोजित राज्य/मण्डल/ जनपदीय अधिकारियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि आज यहा जो भी नई तकनीक के बारे में जानकारी दी जा रही है उसको गम्भीरता से सभी अधिकारी प्राप्त करना सुनिश्चित करें जिससे नई तकनीक को अपनाकर कार्यों को निर्धारित समय से करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा अनेक कम्प्यूटर आधारित एप्लीकेशन विकसित की गई है, जिनका उपयोग पंचायत बेहतर नियोजित एवं बजटिंग, लेखांकन सूचना की रिपोर्टिग और प्रकटन हेतु कर सकती है। समय के बदलाव के साथ यह महत्वपूर्ण है कि ग्राम पंचायतें भी इन एप्लीकेशनों और कम्प्यूटरों का यथा सम्भव उपयोग करें।
इस अवसर पर निदेशक पंचायतीराज श्री आकाशदीप ने कहा कि पंचायतों को पारदर्शिता से निर्णय लेने, नागरिकों को सूचना के प्रकटन, सामाजिक लेखा परीक्षा, नागरिकों को बेहतर सुविधा सेवा सुपुर्दगी, आन्तरिक प्रबन्धक और कार्य कुशलता में सुधार के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों और अधिकारियों के क्षमता संर्वद्धन और सेवाओं एवं समान की पारदर्शी अधिप्राप्ति हेतु कम्प्यूटर एप्लीकेशनों के उपयोग में सक्षम बनाने के लिए भारत सरकार ने 11 एप्लीकेशन वाला एक पंचायत एंटरप्राइज सुइट ;ीजजचरूध्ध्चंदबींलंजवदसपदमण्हवअण्पदद्ध विकसित किया गया है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा पंचायती राज संस्थाओं में ई-गवर्नेंस के प्रोत्साहन तथा क्षमता विकास हेतु पंचायत एंटरप्राइज सूट (पी.ई.एस.) का विकास किया गया है, जिसमें 11 मुख्य एप्लीकेशन पर कार्य प्रदेश में किया जाना है। वर्तमान में, पंचायत इंटरप्राइज सूट के 07 कोर काॅमन एप्लीकेशन- यथा-प्लान-प्लस, एक्शन-साफ्ट, प्रियासाफ्ट, सर्विस प्लस, एस0एस0डी0जी0, एल0जी0डी0, एसेट कायरेक्ट्री संचालित किया जा रहा है। अगले चरण में सोशल आॅडिट एवं मीटिंग मैनेजमेंट, एरिया प्रोफाइलर, ट्रेनिंग मैनेजमेंट पोर्टल एवं जी.आई.एस. एप्लीकेशन को निकट भविष्य में संचालित किया जाना प्रस्तावित है। इस प्रकार से तकनीकी बिन्दुओं पर पंचायतों की क्षमतावृद्धि किए जाने में जनपदों की महत्वपूर्ण भूमिका है, क्योंकि ई-गवर्नेन्स के क्षेत्र उत्तरोत्तर वृद्धि होती जा रही है।
श्री आकाश दीप ने बताया कि भारत सरकार के साफ्टवेयर प्लान प्लस ;ूूूण्चसंददपदहवदसपदमण्हवअण्पदद्ध पर अपनी वार्षिक कार्ययोजना को आनलाइन अपलोड किया जाता है। ग्राम पंचायतों ने इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है एवं वर्ष 2017-18 में लगभग शत-प्रतिशत कार्ययोजनाएं प्लान-प्लस की है। उन्होंने कहा कि यहां उपस्थित उपनिदेशक (पं.) एवं जिला पंचायत राज अधिकारी इस दिशा में गंभीरतापूर्वक कार्य करें एवं दो माह में एक्शनसाफ्ट साफ्टवेयर पर वित्तीय प्रगति को मैप कराने की दिशा में कार्य करें, क्योंकि वित्तीय प्रगति पर कार्य करने के बाद ही प्रियासाफ्ट ;ूूूण्ंबबवनदजपदहवदसपदमण्हवअण्पदद्ध एप्लीकेशन ग्राम पंचायत द्वारा अपने कार्यों का लेखा-जोखा जाता है। 2016-17 की लगभग शत-प्रतिशत ग्राम पंचायतों द्वारा वार्षिक लेखा पुस्तिका बंदी प्रियासाफ्ट पर की जा चुकी है एवं वित्तीय वर्ष 2017-18 में वार्षिक लेखा-पुस्तिका बंदी की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। कई ग्राम पंचायतों में ग्रामनिधि के दुरूपयोग के प्रकरण आई.जी.आर.एस. पर प्राप्त हो रहे है। सभी अधिकारी अपने जनपद एवं मण्डल में क्षेत्रीय भ्रमण कर ऐसे सभी प्रकरणों का निस्तारण शीघ्र कराए।
श्री आकाश दीप ने बताया कि पंचायतों को कई एप्लीकेशन पर अभी कार्य करने की आवश्यकता है, उसमें नेशनल एसेट डायरेक्टरी/एम-एसेट ;ूूूण्ंेेमजकपतमबजवतलण्हवअण्पदद्ध भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस एप्लीकेशन में ग्राम पंचायत की सभी परिसम्पत्तियों का विवरण उपलब्ध रहता है। वर्ष 2017-18 में भारत सरकार द्वारा मोबाइल के माध्यम से परिसम्पत्तियों की फोटो को अपलोड कर जी.ओ. टैगिंग का कार्य एम-एसेट के माध्यम से किया जाता है। सभी पंचायतों को राजस्व ग्राम सहित मैप किए जाने का कार्य, पंचायतों की वेबसाइट का विकास एवं कन्टेंट मैनेजमेंट का कार्य एवं उनके आधारभूत आकड़ों को अपडेट किए जाने का कार्य विभिन्न साफ्टवेयर के माध्यम से किया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन उप निदेशक पंचायत श्रीमती प्रवीणा चैधरी ने किया।
इस अवसर पर अपर निदेशक पंचायतीराज श्री एस0के0 पटेल व श्री राजेन्द्र सिंह, उप निदेशक पंचायत श्री गिरीश चन्द्र रजक सहित विभिन्न जनपदों के उप निदेशक/ जिला पंचायत राज अधिकारी व अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।