लखनऊ 03 जून 2018, भारतीय जनता पार्टी प्रदेश प्रवक्ता डा. मनोज मिश्र ने कहा कि सुप्रीमकोर्ट के आदेश के तहत मजबूरन सरकारी बंगला खाली करने पर बुआ-भतीजा बंगला छोड़ने पर ड्रामेंबाजी करते हुए इंवेट कर रहे है। बंगलों का वैभव जनता के सामने आ चुका है और सरकारी धन से खुद के वैभव विलासता का इंजातम करने वालों की दलित व पिछडों की झूठी हमदर्दी का सच भी उजागर हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश आने के बाद से ही बंगले के मोह में हीलाहवली करते बसपा व सपा के सुप्रीमों को जब बंगला खाली करने को मजबूर होना पड़ा तो सैफई के शहजादे ने इवेन्ट क्रिएट किया और सरकारी गेस्ट हाउस पहुॅच गए और आमतौर पर मीडिया से दूरी बनाए रखने वाली मायावती ने भी मीडिया को बुलाकर पहले तो मीडिया पर भाजपा से गठजोड़ का निराधार आरोप लगाया फिर बंगले का वैभव दिखाया।
डा. मनोज मिश्र ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन में मा. कल्याण सिंह जी तथा मा. राजनाथ सिहं जी ने बिना किसी शोर-शराबे के सरकारी बंगले खाली करके राजनीतिक शुचिता का उदाहरण प्रस्तुत किया। अखिलेश व मायावती को कल्याण सिंह जी व राजनाथ सिंह जी से सीख लेते हुए बिना किसी ड्रामेंबाजी के सुप्रीमकोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए था। लेकिन उसके विपरीति अखिलेश व मायावती ने ड्रामेंबाजी के साथ बंगले खाली किये। बाबा साहेब भीम राव आम्बेडकर द्वारा बनाए गऐ संविधान के मूल में न्यायपालिका की मजबूती और उसके आदेश के प्रति जन-जन में सम्मान के भाव की अवधारणा निहित है। बसपा सुप्रीमों को भी बिना हीलाहवाली व बिना किसी ड्रामेंबाजी के न्यायपालिका का सम्मान करना चाहिए था।
डा. मिश्र ने कहा कि सुप्रीमकोर्ट के आदेश का पालन करना हम सभी का नैतिक और राजनीतिक धर्म होना चाहिए। काश कि ! स्वार्थ प्रभावित होने की स्थिति में भी कोर्ट के आदेश का पालन करते समय विवशता परिलक्षित नही होती और भाजपा से सीख लेते हुए सपा-बसपा सुप्रीमों विनम्रता से कोर्ट के आदेश का पालन करते और स्वस्थ तथा स्वच्छ राजनीतिक उदाहरण प्रस्तुत करते।