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स्वास्थ्य मंत्री ने निर्माणाधीन पीडियाट्रिक इनटेन्सिव केयर यूनिट को 30 जून तक क्रियाशील करने के दिये निर्देश जेई/एईएस से प्रभावित जिलों में दवाओं एवं स्टाफ की निरन्तर उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश अस्पताल सेे शव को कंधे, ठेलिया, बैलगाड़ी से ले जाने पर संबंधित चिकित्साधिकारी के खिलाफ होगी कठोर कार्रवाई -सिद्धार्थ नाथ सिंह

Posted on 31 May 2018 by admin

लखनऊः 31 मई, 2018
प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने निर्देश दिये हैं कि जनपदों में स्थापित कराये जा रहे पीडियाट्रिक इन्टेन्सिव केयर यूनिट (पीकू), मिनी पीकू, एस0एन0सी0यू0 एवं संेटिनल लैब से संबंधित समस्त कार्यों को यथाशीघ्र पूर्ण कराकर 30 जून, 2018 तक प्रत्येक दशा में क्रियाशील कराया जाय। उन्होंने अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुये कहा कि यदि इन कार्यों में किसी भी स्तर पर लापरवाही पायी गई तो संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि जेई/एईएस से सर्वाधिक प्रभावित बस्ती एवं गोरखपुर मण्डल के जनपदों में आवश्यक दवाओं और स्टाफ आदि की उपलब्धता बनी रहे, इसकी समुचित व्यवस्था समय से सुनिश्चित की जाय।
श्री सिंह आज जनपथ स्थित सचिवालय में जेई/एईएस से प्रभावित जनपदों के चिकित्साधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गोरखपुर एवं बस्ती मण्डल के जनपद चिकित्सालयों में स्थापित पीकू की 10 बेड की क्षमता को बढ़ाकर 15 बेड का किया जा रहा है। जेई/एईएस बीमारी से प्रभावित लोगों का प्रभावी उपचार सुनिश्चित करने हेतु गोरखपुर एवं बस्ती मण्डल के समस्त जनपदों के 15 विकास खण्ड स्तरीय उपचार केन्द्रों पर तीन वेन्टीलेटर युक्त 15 मिनी पीकू की स्थापना की जा रही है। इसी तरह आजमगढ़, मऊ, गोण्डा, रायबरेली, हरदोई एवं सीतापुर स्थित जिला चिकित्सालयों में भी 6 नये पीकू की स्थापना करायी जा रही है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश के समस्त जिला चिकित्सालय (पुरूष/महिला/संयुक्त) के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी का उत्तरदायित्व है कि वे अपने परिसर में मृतक के शव की सुरक्षा व्यवस्था तब तक सुनिश्चित करेंगे, जब तक कि मृतक के परिजनों द्वारा शव ले नहीं जाया जाता। साथ ही यह भी निर्देश दिये हैं कि मृतक के शव को कंधे, बैलगाड़ी, ठेलिया पर अथवा ऐसे निजी वाहन, जिसमें शव दिखायी देता हो, पर ले जाने की अनुमति न दी जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि 108/102, एम्बुलेन्स सेवा का समुचित लाभ आम जनता को मिले इसके लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी/मुख्य चिकित्सा अधीक्षक/प्रभारी चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रतिदिन माॅनीटरिंग की जाय। साथ ही यह भी निर्देश दिये हैं कि यदि इन आदेशों का अनुपालन किये जाने में किसी भी स्तर पर लापरवाही प्रकाश में आती है, तो संबंधित मुख्य चिकित्सा अधिकारी/मुख्य चिकित्सा अधीक्षक/प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
बैठक में प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री प्रशान्त त्रिवेदी, सचिव एवं मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री पंकज कुमार, महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं श्री पद्माकर सिंह, निदेशक (संचारी) श्रीमती मिथलेश चतुर्वेदी सहित जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी/मुख्य चिकित्सा अधीक्षक/प्रभारी चिकित्सा अधिकारी उपस्थित थे।

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