लखनऊः 31 मई, 2018
उत्तर प्रदेश सरकार ने अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों/राज्य विश्वविद्यालय के शिक्षकों/कर्मचारियों की सेवाकाल में मृत्यु होने की दशा में दी जाने वाली पारिवारिक पेंशन की व्यवस्था को संशोधित कर दिया है। यह जानकारी उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने आज यहां दी।
संशोधित व्यवस्थानुसार ऐसे शिक्षक/कर्मचारी जिनकी सेवाकाल में मृत्यु हो जाने पर उनके परिवार को मृत्यु की तिथि से 10 वर्ष की अवधि तक बढ़ी हुई दरों पर पारिवारिक पेंशन अनुमन्य होगी तथा इस हेतु कोई अधिकतम आयु सीमा निर्धारित नहीं होगी। उल्लेखनीय है कि पूर्व में यह पारिवारिक पेंशन अधिकतम 07 वर्ष की सीमा अथवा 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने, जो भी पहले हो, तक सामान्य पेंशन की समतुल्य दर पर पारिवारिक पेंशन अनुमन्य होती थी।
संशोेधित व्यवस्था 01 जनवरी, 2006 के पूर्व दिवंगत होने वाले कर्मचारियों के मामले में भी लागू होगी, बशर्ते 01 जनवरी, 2006 को सामान्य दरों पर पारिवारिक पेंशन प्रारम्भ न हो चुकी हो। पेंशनर की मृत्यु की दशा में बढ़ी हुयी दरों पर पारिवारिक पेंशन का लाभ दिवंगत पेंशनर की मृत्यु की तिथि से 07 वर्ष अथवा पेंशनर की आयु 67 वर्ष होने, जो भी पहले हो, तक अनुमन्य होगा।