लखनऊः 31 मई, 2018
स्वस्थ प्रतिस्पर्धा से व्यक्ति को सीखने में मदद मिलती है। स्वस्थ प्रतिस्पर्धा से हासिल की गयी सफलता से व्यक्ति का आत्म विश्वास भी बढ़ता है। व्यक्ति में जीवनपर्यन्त सीखने की ललक होनी चाहिए, यह गुण व्यक्ति को सफलता के शिखर तक ले जाती है। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने आज यहाँ इन्दिरा गाँधी प्रतिष्ठान में रीज़नल कौशल प्रतियोगिता 2018 के उद्घाटन समारोह के अवसर पर यह विचार व्यक्त किये।
डाॅ0 शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश की अपनी सांस्कृतिक विरासत व परम्परागत शिल्प के कारण देश में पहचान है मुझे आशा है कि प्रदेश के युवा व्यावसायिक कौशल में भी देश में अपना स्थान बनाएंगे तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार व पदक जीतकर अपना भविष्य सवारेंगे और प्रदेश का गौरव बढ़ाएगें।
डाॅ0 उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने इस अवसर पर बताया कि गांधी जी का मानना था कि बहुत उत्पादन नहीं बल्कि, बहुत लोगों द्वारा उत्पादन किया जाना देश एवं समाज के लिए हितकर है और देश के मा0 प्रधानमंत्री जी ने कौशल विकास मिशन के द्वारा आज गाँधी जी के इस विचार को देश में लागू करके देश को सुपर पावर बनाने में लगे हैं। कौशल विकास द्वारा युवाओं को रोजगार देकर उन्हें सही दिशा भी मिलेगी। भारत अपार सम्भावनाओं वाला देश है इसे केवल प्रमोट करने की जरुरत है।
उल्लेखनीय है कि आयोजित इस रीजनल कौशल प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश के साथ-साथ 08 अन्य राज्य- राजस्थान, बिहार उत्तराखण्ड आन्ध्र प्रदेश पंजाब हरियाणा चंडीगढ़ व जम्मू-कश्मीर के 200 से अधिक प्रतियोगी प्रतिभाग कर रहे हैं। क्षेत्रीय तथा राज्य स्तरीय चयन के पश्चात चयनित छात्र आगामी वर्ष कजान रूस में आयोजित होने वाली विश्व कौशल प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
वोकेशनल ट्रेनिंग आज रोजगार के लिए एक अनिवार्य आवश्यकता बन गई है। उत्तर प्रदेश जैसे राज्य मे जहां कृषि पर दबाव अधिक है, युवाओं के लिए उद्योग में रोजगार के अवसर ढूंढे जाने होंगे। इस दृष्टि से प्रदेश में 56 जनपदों के अंतर्गत 914 ग्रामों को प्रथम चरण में समग्र विकास के लिए चयनित किया है, जिसमें कौशल विकास के कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे। परम्परागत शिल्पकारों के कौशल में वृद्धि कर उनके उत्पादों को आज की मांग के अनुरुप बनाने, शिल्पकारों को अपने श्रम का समुचित मूल्य दिलाने तथा रोजगार के नए अवसर सृजित करने के लिए एक जनपद एक उत्पाद योजना प्रारम्भ की गई है, जिससे 10 लाख युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। इस वर्ष प्रदेश में इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के प्रस्ताव प्राप्त हुए है।
डाॅ0 शर्मा ने बताया कि कौशल प्रशिक्षण विश्वविद्यालय स्थापित करने में भी निवेशकों द्वारा रुचि दर्शायी गई है। सरकार इन सभी प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार कर रहे है और शीघ्र ही उत्तर प्रदेश, उद्यम प्रदेश के रुप में अपनी पहचान बना सकेगा। वर्तमान में आईटीआई और कौशल विकास मिशन के माध्यम से लगभग 07 लाख युवाओं को प्रशिक्षण सुविधा प्रदान किया जा रहा है। पाॅलिटेक्निक्स तथा इंजीनियंिरंग कालेजेस के द्वारा भी तकनीकी प्रशिक्षण युवाओं को दिया जा रहा है, प्रदेश में प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में यदि कुशल युवा शक्ति प्रशिक्षत हो रही है, जो देश और उद्योगों की मांग को पूरा कर सकती है।
श्री शर्मा ने बताया कि औद्योगिक इकाइयों के साथ प्रदेश सरकार सहभागिता के माडल पर कार्य कर रही है। कुछ आईटीआई इन प्रतिष्ठानों को जैसे मारुति, स्पैग स्पोट्र्स इंटरनेशनल के सहयोग से संचालित की जा रही है जब कि कौशल विकास मिशन में रेमण्ड्स, एल एण्ड टी, लावा मोबाइल्स, मारुती इत्यादि प्रशिक्षण प्रदान करने का कार्य कर रहे हैं। इन प्रतिष्ठानों द्वारा प्रशिक्षित किए जा रहे युवा, उद्योग जगत की वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरुप है। उद्योग के साथ सरकार नियमित संवाद कर रही है ताकि प्रदेश का हम शीघ्र ही औद्योगिक रुपान्तरण कर सकें और युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध करा सकें।
इस अवसर पर खेल, युवा कल्याण, व्यावसायिक एवं कौशल विकास मंत्री,श्री चेतन चैहान नेकहा है आज के युवाओं में उत्साह एवं ऊर्जा की कमी नहीं है आवश्यकता है उनके मोटिवेशन एवं सहयोग की। जिससे युवाओं के भविष्य को उज्जवल बनाकर उन्हें देश के विकास में भागीदार बनाया जा सके। उद्घाटन समारोह के अवसर पर श्री भुवनेश कुमार, सचिव, कौशल विकास एवं व्यावसायिक शिक्षा विभाग, श्री प्रांजल यादव, मिशन निदेशक यू0पी0एस0डी0एम0, जयन्त कृष्णा, ई0डी0 एवं सी0ओ0ओ0, एन0 एस0डी0सी0 आदि अन्य गणमान्य उपस्थित थे।