सुरेन्द्र अग्निहोत्री ,लखनऊः 18 मई, 2018
राज्य सरकार ने मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एनिमल वेलफेयर बोर्ड आॅफ इण्डिया बनाम पीपुल फाॅर इलिमिनेशन आॅफ स्ट्रे ट्रबल्स एवं अन्य में पारित आदेश दिनांक 09 मार्च, 2016 के अनुपालन के क्रम में 29 जून, 2017 द्वारा गठित समिति को अवक्रमित करते हुए एनिमल बर्थ कन्ट्रोल (डाग्स) रूल्स, 2001 के अनुसार आवारा कुत्तों की संख्या-वृद्धि के प्रबन्धन, रेबीज उन्मूलन एवं मानव व कुत्तों के संघर्ष आदि में कमी लाने के उद्देश्य से प्रमुख सचिव नगर विकास की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय राज्य स्तरीय निगरानी एवं क्रियान्वयन समिति का गठन किये जाने का निर्णय लिया है।
प्रमुख सचिव नगर विकास की अध्यक्षता में गठित निगरानी एवं क्रियान्वयन समिति में निदेशक पशुपालन, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, प्रमुख सचिव पंचायतीराज, निदेशक स्थानीय निकाय, एनिमल वेलफेयर बोर्ड आॅफ इण्डिया के प्रतिनिधि, स्टेट एनिमल वेलफेयर बोर्ड के प्रतिनिधि, नगर आयुक्त नगर निगम बरेली/लखनऊ, अधिशासी अधिकारी, न0पा0परिषद, सीतापुर, अधिशासी अधिकारी न0पा0 परिषद पुवायाॅ, शाहजहांपुर, अधिशासी अधिकारी, न0पंचायत सहजनवा, जनपद गोरखपुर एवं नगर पंचायत खुदागंज जनपद शाहजहांपुर, ए.डब्लू.बी.आई. में पंजीकृत कोई एनिमल वेलफेयर संगठन का प्रतिनिधि जो प्रतिवर्ष 5000 एनिमल बर्थ कन्ट्रोल सर्जरी करता हो एवं 03 साल से अस्तित्व में हो, सुश्री गौरी मौलेखी, सदस्य सचिव, पीपुल्स फार एनिमल तथा पशुपालन विभाग द्वारा नियुक्त एक पूर्णकालिक प्रोग्राम मैनेजर जो उपनिदेशक स्तर से निम्न न हो, सदस्य बनाये गये हैं।
राज्य निगरानी एवं क्रियान्वयन समिति एनिमल बर्थ कन्ट्रोल (डाग्स) रूल्स, 2001 की अपेक्षा अनुसार स्थानीय प्राधिकरण के स्तर पर एनिमल बर्थ कन्ट्रोल निगरानी समिति का गठन करेगी जो पूरे राज्य के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में डाग पापुलेशन मैनेजमेन्ट हेतु एक व्यापक जिला स्तरीय योजना का विकास तथा क्रियान्वयन करायेगी।
इसके अलावा एनिमल बर्थ कन्ट्रोल को लागू करने वाली एजेन्सियों की ए0बी0सी0 श्रेणीवार सूची बनायेगी जो स्थानीय प्राधिकरण/जनपद स्तर पर योजनाओं का क्रियान्वयन कर सकें। साथ ही अपेक्षित प्रशिक्षण एवं अभ्यास करा सके तथा एनिमल वेलफेयर बोर्ड आॅफ इण्डिया से विधिवत मान्यता प्राप्त हो। इसमें राज्य का पशुपालन विभाग ए0डब्लू0बी0आई0 के तकनीकी निर्देशन में सम्मिलित हो सकता है या ए0डब्लू0बी0आई0 में पंजीकृत एनिमल वेलफेयर संगठन भी कार्य कर सकता है।
जहां पर पर्याप्त ए0बी0सी0 (एनिमल बर्थ कन्ट्रोल) कार्यान्वयन एजेन्सियां उपलब्ध नहीं है वहां पर राज्य निगरानी एवं कार्यान्वयन समिति में एक स्पेशल पर्पज व्हीकिल (एस0पी0वी0) का प्रबन्ध करायेगी, जो ए0बी0सी0 कार्यान्वयन एजेन्सी के रूप में कार्य करेगी। ए0बी0सी0 के लिए अपेक्षित आधारभूत संरचना एवं अन्य पूंजी लागत (जो केवल ए0बी0सी0 सुविधाओं, एम्बुलेन्सों एवं उपकरणों तक ही सीमित न हो) तथा ए0बी0सी0 योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए अन्य सभी व्ययों को, जिसमें मानव शक्ति लागत, जो स्थानीय प्राधिकरण के माध्यम से ए0बी0सी0 कार्यान्वयन एजेन्सियों को उपलब्ध कराये जाएं, को सुनिश्चित करेगी।
प्रमुख सचिव नगर विकास श्री मनोज कुमार सिंह की ओर से 14 मई, 2018 को जारी आदेश में कहा गया है कि राज्य निगरानी एवं क्रियान्वयन समिति की बैठक तीन माह में एक बार एवं इसकी प्रक्रियाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु जब भी आवश्यकता हो, आहूत की जा सकती है।