मुख्यमंत्री अखाड़ा परिषद के साथ
उच्चस्तरीय समन्वय बैठक में भी प्रतिभाग करेंगे
कुम्भ मेला 2019 के लिए 3200 हेक्टेयर में मेला क्षेत्र का आयोजन प्रस्तावित
इलाहाबाद में कुम्भ आयोजन के लिए 10 फ्लाईओवरों का निर्माण कार्य प्रगति पर
नगर के 31 से अधिक चैराहों का विस्तार एवं सुन्दरीकरण कराया जा रहा है
नगर तथा वाह्यवर्ती प्रवेश मार्गों पर यात्रियों की सुविधा
के लिये 300 से अधिक डिजिटल साइनेज लगाए जाएंगे
कुम्भ के दौरान कैम्पों को विद्युत कनेक्शन
दिये जायेंगे तथा 150 हाइमास्ट भी लगाये जायेंगे
नगर को पहले से सजाने के लिये ‘पेंट माई सिटी’ योजना प्रारम्भ की गयी
सेटेलाइट टाउन में श्रद्धालुओं को क्लोक रूम, वेन्डिंग जोन, हेल्थ किओस्क, विद्युत व्यवस्था, शौचालय, साइनेज आदि की सुविधायें उपलब्ध करायी जाएंगी
लखनऊ: 18 मई, 2018
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी प्रयाग कुम्भ-2019 की तैयारियों तथा कुम्भ के भव्य आयोजन के लिए अब तक किए गए कार्यों का निरीक्षण एवं समीक्षा करने शनिवार 19 मई, 2018 को इलाहाबाद जाएंगे। इस दौरान वे अखाड़ा परिषद के साथ उच्चस्तरीय समन्वय बैठक में भी प्रतिभाग करेंगे। यह जानकारी आज यहां देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि बैठक के उपरान्त मुख्यमंत्री जी कुम्भ-2019 के लिए कराये जा रहे कार्यों का स्थलीय निरीक्षण भी करेंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि प्रयाग कुम्भ मेला-2019 के लिए 3200 हेक्टेयर में मेला क्षेत्र का आयोजन प्रस्तावित है, जो 20 सेक्टरों में विभक्त होगा। कुम्भ में लगभग 12 करोड़ की संख्या में तीर्थयात्रियों/पर्यटकों का आगमन अनुमानित है। इसमें प्रतिदिन लगभग 20 लाख तीर्थयात्रियों का कुम्भ क्षेत्र में प्रवास अनुमानित है। लगभग 20 लाख कल्पवासी इस कुम्भ में निवास करेंगे। लगभग 10 लाख से अधिक विदेशी पर्यटकों का आगमन भी अनुमानित है।
इस वृहद एवं विश्वस्तरीय आयोजन के लिए शासन द्वारा 2,000 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जिसके द्वारा कुम्भ आयोजन के साथ-साथ बहुत से स्थायी निर्माण भी कराये जा रहे हंै, जो न केवल इलाहाबाद बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के आवागमन में सुगमता प्रदान करेंगे। उदाहरण के तौर पर इलाहाबाद में कुम्भ आयोजन के लिए 10 फ्लाईओवरों का निर्माण कार्य एक साथ चल रहा है, जो हर हाल में इस वर्ष अक्टूबर के पूर्व पूरा हो जायेगा।
इसी प्रकार इलाहाबाद शहर के विभिन्न क्षेत्रों में 06 रेलवे अण्डरब्रिजों तथा उनके नीचे की सड़कों के चैड़ीकरण का कार्य चल रहा है। नगर के 31 से अधिक चैराहों का विस्तारीकरण एवं सुन्दरीकरण किया जा रहा है। नगर में टैªफिक जंक्शनों का विकास किया जा रहा है। कुम्भ के लिये एकीकृत कमांड एवं कन्ट्रोल सेन्टर की स्थापना की जा रही है। पूरे कुम्भ क्षेत्र को 38,500 एल0ई0डी0 लाइटों से रोशन करने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है।
कुम्भ के दौरान कैम्पों को विद्युत कनेक्शन दिये जायेंगे तथा 150 हाइमास्ट भी लगाये जायेंगे। सभी पाण्टून पुलों को विद्युतीकृत किया जायेगा। संस्थाओं में एम0सी0बी0 कनेक्शन होंगे। नगर को पहले से सजाने के लिये ‘पेंट माई सिटी’ योजना प्रारम्भ की गयी है।
मेला क्षेत्र तथा नगर के बाहरी क्षेत्रों में हर प्रवेश मार्ग पर आधुनिक सुविधाओं से युक्त विशाल पार्किंग स्थलों की स्थापना की जायेगी। नगर के बाहरी तथा भीतरी क्षेत्रों में 1500 हेक्टेयर क्षेत्र में 100 से अधिक पार्किंग स्थल तथा उनके एप्रोच रोड निर्माण की योजना पर कार्य चल रहा है। इस कुम्भ में पिछले महाकुम्भ-2013 के सापेक्ष लगभग तीन गुना अधिक क्षेत्र में पार्किंग विकसित की जा रही है।
16 पार्किंग स्थलों (क्षेत्रफल-800 हेक्टेयर) को सेटेलाइट टाउन के रूप में विकसित किया जायेगा। सेटेलाइट टाउन में श्रद्धालुओं को क्लोक रूम, वेन्डिंग जोन, हेल्थ किओस्क, विद्युत व्यवस्था, शौचालय, साइनेज आदि की सुविधायें उपलब्ध होंगी। अन्य 25 पार्किंग स्थलों (क्षेत्रफल-500 हेक्टेयर) पर भी श्रद्धालुओं को मूलभूत सुविधायें उपलब्ध होंगी।
नगर तथा वाह्यवर्ती प्रवेश मार्गों पर यात्रियों की सुविधा और जानकारी के लिये 300 से अधिक डिजिटल साइनेज लगाने की कार्यवाही की जा रही है। पार्किंग स्थल से कुम्भ क्षेत्र तक 500 की संख्या में शटल बसों के अलावा ई-रिक्शा तथा सी0एन0जी0 आॅटो के संचालन की व्यवस्था की जा रही है। दिव्यांग श्रद्धालुओं, वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं हेतु एक विशिष्ट मार्ग पर भी ये वाहन चलाये जायेंगे।
पिछले आयोजन में प्रयुक्त स्नान घाटों के अलावा तीन नये पक्के स्नान घाटों का निर्माण किया जा रहा है। पूरे मेला क्षेत्र को खुले में शौच से मुक्त रखने का प्रभावी प्रबन्ध किया गया है। एक लाख से अधिक आधुनिक शौचालयों के निर्माण की योजना पर कार्य किया जा रहा है। विगत माघ मेले में कुम्भ की तर्ज पर सफाई व्यवस्था का सफल रिहर्सल सम्पन्न किया गया है। यही व्यवस्था पूरे कुम्भ क्षेत्र में प्रयोग करने की तैयारी की जा रही है।
ठोस एवं तरल कचरे के जीरो डिस्चार्ज प्रबन्धन की प्रभावी कार्य योजना बनाई गई है, जिससे कुम्भ क्षेत्र सफाई की मिसाल बन सके। ठोस कचरे के प्रबन्धन के लिये 20 हजार कूड़ेदान बैग के साथ लगाये जायेंगे। कूड़ा एकत्र करने के लिये 160 वाहन लगाये जायेंगे तथा 15 हजार से अधिक सफाईकर्मी तैनात किये जायेंगे। स्वच्छता की दृष्टि से शहर में भी व्यापक संख्या में शौचालय तथा कचरा प्रबन्धन की व्यवस्था की जा रही है। मेला क्षेत्र के बाहर पाॅण्डिंग एवं बायोरेमेडियल तकनीक से शोधन की व्यवस्था की जा रही है। इस तकनीक से 26 डेªनों का शोधन किया जायेगा। परेड ग्राउण्ड में स्थायी सीवर लाइन डाली जा रही है।
मेला क्षेत्र में पूरे देश का सांस्कृतिक एवं सामाजिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित कराने की कार्य योजना पर कार्य चल रहा है। देश के सभी क्षेत्रों के सांस्कृतिक कार्यक्रम पूरे मेला क्षेत्र में कराए जाने की व्यवस्था की गयी है। अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटकों तक भारत की एक समदर्शी छवि पहुंचाने वाली कुम्भ की राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय ब्रांडिंग की व्यवस्था की गयी है।
इलाहाबाद को व्यापक एयर नेटवर्क से जोड़ने के लिए यहां के हवाई अड्डे का विस्तार एवं नए सिविल इन्क्लेव का निर्माण किया जा रहा है। हेली टूरिज्म के लिए स्थायी हेलीपैड का निर्माण किया जा रहा है। जल परिवहन का नया प्रयोग करते हुए क्रूज सर्विस संचालित करने की तैयारी की जा रही है। नगर के बस स्टेशनों और रेलवे स्टेशनों का विस्तारीकरण एवं सुन्दरीकरण किया जा रहा है।
नगर एवं मेला क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। मेडिकल काॅलेज का कुम्भ की दृष्टि से विस्तार एवं आधुनिकीकरण हो रहा है। सुरक्षा की दृष्टि से 1000 से अधिक सी0सी0टी0वी0 कैमरोें के द्वारा सर्विलांस एवं सुरक्षा की व्यवस्था के लिए व्यापक पुलिस कर्मियों की तैनाती एवं उनके लिए स्थायी बैरकों का निर्माण प्रगति पर है। जल पुलिस, टैªफिक पुलिस एवं फायर सर्विस में आधुनिकीकरण किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त, 2019 के कुम्भ में कई और अभूतपूर्व एवं नवीन कार्य कराये जा रहे हैं। इलाहाबाद में स्थित 08 अखाड़ा परिसरों में कमरे एवं मूलभूत सुविधाएं, शौचालय/स्नानागार आदि के निर्माण का कार्य चल रहा है। बारह माधव मन्दिर/पंचकोसी परिक्रमा के पहुंच मार्गों के नवीनीकरण एवं शेष भाग के चैड़ीकरण का कार्य व विद्युतीकरण किया जा रहा है। पेशवाई मार्ग पर स्थित पुरानी एल0टी0 लाइन के खुले तार को एरियर बन्च कन्डेक्टर से बदलने का कार्य किया जा रहा है। मौजगिरि जूना अखाड़े के पास यमुना तट पर, गंगा नदी के बायें छतनाग, नागेश्वर मन्दिर के सामने नये पक्के घाटों का निर्माण किया जा रहा है।
फाफामऊ से अरैल तक नदी के किनारे 15 कि0मी0 की लम्बाई में अस्थायी घाटों का निर्माण प्रस्तावित है। इस बार कुम्भ में किए जा रहे नये महत्वपूर्ण कार्यों में मेला क्षेत्र में विशाल गंगा पण्डाल तथा सत्संग पण्डालों की स्थापना भी है। गंगा पण्डाल में एक साथ 10,000 श्रद्धालुओं/तीर्थयात्रियों के बैठने की व्यवस्था की गयी है। कुम्भ मेला अवधि में प्रतिदिन आध्यात्मिक, धार्मिक, सांस्कृतिक अन्य कार्यक्रम संचालित किये जाएंगे।
पण्डाल में भव्य मंच, गेट, विद्युत व्यवस्था एल0ई0डी स्क्रीन, ध्वनियंत्र आदि की व्यवस्था की जाएगी। मेला क्षेत्र में 03 सत्संग पण्डाल का निर्माण किया जाएगा, जिसमें कम से कम 2000 से अधिक श्रद्धालुओं/तीर्थयात्रियों के बैठने की व्यवस्था रहेगी (उत्तरी झूंसी, दक्षिणी झूंसी एवं अरैल)। मेला में विविध सांस्कृतिक, धार्मिक, आध्यात्मिक, कला, संगीत वृत्त चित्र, प्रदर्शनी आदि का आयोजन किया जाएगा।
सभी सेक्टरों में मेला की विषय-वस्तु पर आधारित द्वार का निर्माण कराया जायेगा। मेला क्षेत्र में कुम्भ की थीम पर आधारित लेजर शो का आयोजन किया जायेगा। पर्यटकों को इलाहाबाद (प्रयाग) का पौराणिक/ऐतिहासिक महत्व बताने के लिये ‘टूरिस्ट वाॅक’ का आयोजन किया जा रहा है। इलाहाबाद के प्रमुख स्मारकों पर फसाड लाइटिंग की तैयारी चल रही है। विभिन्न सांस्कृतिक संस्थानों द्वारा संगीत उत्सव, फोटोग्राफी, कला प्रदर्शनी आदि का आयोजन प्रस्तावित है।
इस कुम्भ में विश्व के कई देशों के प्रतिनिधियों का भ्रमण भी प्रस्तावित है। कुम्भ 2019 में सभी 20 सेक्टरों में 20 हजार श्रद्धालुओं के विश्राम हेतु प्रथम बार यात्री निवास उपलब्ध कराये जायेंगे। इसके अन्तर्गत श्रद्धालुओं को पेयजल, विद्युत, प्रकाश, शौचालय जैसी मौलिक सुविधायें भी उपलब्ध करायी जायेंगी।