लखनऊ 24 अप्रैल 2018, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि देश और प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी मिल कर काम कर रहे हैं। जनऔषधि केंद्रों की शुरूआत कराने के साथ उत्तर प्रदेश में आठ नए मेडिकल कालेजों की स्थापना के लिए जमीन और बजट आवंटित कर मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। इन मेडिकल कालेजों की स्थापना के साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं में अभूतपूर्व सुधार होगा और जरूरतमंदों की पूरी सेवा हो पाएगी। इससे पूर्व प्रधामनंत्री जी की पहल पर उत्तर प्रदेश में जगह जगह पर सस्ती दवाओं के जनऔषधि केंद्र भी खुलने लगे हैं। यहां तमाम जीवन रक्षक दवाएं काफी कम कीमत पर मुहैया कराई जा रही हैं।
प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि अंत्योदय के लक्ष्य के साथ काम कर रही केंद्र और राज्य की सरकारें स्वास्थ्य सेवाओं में अभूतपूर्व परिवर्तन के लिए काम कर रही हैं। हृदयरोगियों की समस्याओं को समझते हुए प्रधानमंत्री जी ने स्टंट की कीमतें आधी से भी कम करने के साथ हृदयरोग के इलाज को काफी सस्ता कर दिया। यही नहीं पिछले बजट में आयुष्मान भारत योजना के तहत आर्थिक तौर पर कमजोर दस करोड़ परिवारों के लिए पांच लाख रूपए तक के स्वास्थ्य बीमे की भी प्रधानमंत्री जी ने घोषणा की थी। साथ ही उन्होंने कई एम्स और मेडिकल कालेज खोलने का भी ऐलान किया था। इसी दिशा में आगे बढते हुए मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश में आठ नए मेडिकल कालेज खोलने के लिए जमीनों और बजट का इंतजाम कर दिया है। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि मेडिकल कालेजों के निर्माण का काम तेजी से पूरा कराया जाए।
शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि पिछले पंद्रह सालों के दौरान स्वास्थ्य के क्षेत्र में जैसा काम होना चाहिए था, वो नहीं हुआ। इस दौरान आई सरकारों ने गरीब परिवारों के लिए शुरू की गई एनआरएचएम जैसी योजनाओं में जमकर घपले किए। गरीबों के लिए आए पैसे भ्रष्टाचारियों की जेब में गए। इसी का परिणाम है कि तमाम इलाके आज भी स्वास्थ्य की मूलभूत सुविधाओं से जूझते रहे और स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल होती चली गईं। प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद से स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरी के अभूतपूर्व प्रयास किए जा रहे हैं। डाक्टरों की कमी पूरी करने के लिए वाक इन इंटरव्यू कराए जा रहे हैं साथ साथ ही पांच सौ विशेषज्ञ डाक्टरों की भी भर्ती की गई है। इसके अलावा बड़ी संख्या में पैरामेडिकल स्टाफ की भी भर्तियां की गई हैं।