Categorized | लखनऊ.

दलितों और महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ 20 अप्रैल को वामपंथी दलों का विरोध प्रदर्शन

Posted on 15 April 2018 by admin

लखनऊ 14 अप्रैल। उन्नाव से लेकर कठुआ तक महिलाओं के साथ हो रही उत्पीड़न की
जघन्य वारदातों और उत्तर प्रदेश सहित देश के कोने कोने में हो रही दलित
उत्पीड़न की संगीन घटनाओं, बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ प्रदेश के सभी
वामपंथी दल 20 अप्रैल को समूचे उत्तर प्रदेश में विरोध प्रदर्शन करेंगे। यहां
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य कार्यालय पर डा0 भीमराव आंबेडकर जी के
स्मरण के बाद सम्पन्न वामपंथी दलों की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बैठक में वामदलों ने इस बात पर गहरा रोष प्रकट किया कि भाजपा के शासनकाल में
महिलाओं, दलितों और अन्य कमजोर तबकों पर भारी अत्याचार हो रहे हैं। उन्नाव
बलात्कार काण्ड में शासक दल के विधायक की संलिप्तता और कठुआ बलात्कार एवं
हत्याकांड पर जश्न मनाने में जम्मू कश्मीर सरकार के भाजपा कोटे के दो-दो
मंत्रियों की भागीदारी तथा इन जघन्य मामलों में ऊपर से नीचे तक सरकार और
प्रशासन की अपराधियों को बचाने की कुचेष्टाओं ने देश के हर नागरिक को हिला कर
रख दिया है। इन सब कांडों से भाजपा/आरएसएस की वैचारिकी और शासन पद्धति का
पर्दाफाश हो गया है। वामपंथी दलों ने कहा कि भाजपा और उसकी राज्य सरकार ने
अपने दागी विधायक को अनैतिकता की हदें पार कर बचाने का प्रयास किया। यदि जन
आंदोलन खड़े न हुए होते, मीडिया और सोशल मीडिया ने आवाज न उठायी होती और उच्च
न्यायालय इलाहाबाद ने सख्त रूख अख्तियार नहीं किया होता तो योगी सरकार अपने
विधायक की रक्षा करने से बाज नहीं आती। वामपंथी दलों ने न्यायपालिका सहित उक्त
सभी को उनकी कर्तव्य परायणता के लिए बधाई दी है।
वामपंथी दलों का आरोप है कि उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल
में अपराधों की बाढ़ आयी हुई है। अधिकतर कमजोर तबकों के लोगों को एनकाउंटर
दिखाकर मौत के घाट उतारा जा रहा है। वरना 1400 से अधिक हत्याओं के बावजूद
उत्तर प्रदेश में अपराधों और अत्याचारों की बाढ़ कैसे आयी हुई है। वामपंथी दलों
का आरोप है कि एक तरफ प्रदेश सरकार फर्जी एनकाउंटर कर दलितों, अल्पसंख्यकों,
पिछड़ों और गरीब सवर्णों की हत्या कर रही है वहीं दूसरी तरफ बलात्कार हत्या
जैसे आरोपों में घिरे भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं पर से मुकदमें वापस ले रही
है। वस्तुतः न्यायपालिका का काम भी योगी सरकार ने अपने हाथ में ले लिया है।
वामपंथी दलों ने कहा कि 2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से ही रोहित
वेमुला की हत्या, ऊना में दलितों की निर्मम पिटाई, गोरक्षा के नाम पर जगह जगह
दलितों अल्पसंख्यकों की हत्यायें और उन पर हमले, सहारनपुर जैसे उत्पीड़नात्मक
काण्ड तो हो ही रहे थे अब दो अप्रैल को भारत बंद के बाद से दलितों पर दमन की
कार्यवाहियां और तेज हो गयी हैं। बंद वाले दिन ही 12 दलितों की हत्या कर दी
गयी और अब उन्हें अभियोग लगाकर जेलों में ठूंसा जा रहा है। अनेक जगह दलित
पुलिस उत्पीड़न और मुकदमों के डर से पलायन को मजबूर है। वामदलों ने सरकार से
मांग की कि वह दलित, महिलाओं, अल्पसंख्यकों और सभी कमजोर लोगों की रक्षा करे,
उनका उत्पीड़न, गिरफ्तारी और फर्जी एनकाउंटर बंद करे, सिद्धांत बघारना बंद करे।
यूपीकोका कानून को निरस्त करे। दंगे तथा बलात्कार के आरोपी भाजपाइयों पर से
मुकदमेें वापस लेने की कारगुजारी को रोके। उन्होंने मांग की कि उन्नाव कांड
में हो रही सीबीआई जांच की निगरानी उच्चतम न्यायालय द्वारा की जाये तथा उन्नाव
काण्ड और कठुआ काण्ड का मुकदमा इन प्रदेशों से बाहर विशिष्ट अदालत गठित कर
निश्चित अवधि में पूरा किया जाये।
वामदलों ने अपनी समस्त जिला इकाईयों का आहवान किया है कि वे 20 अप्रैल को
जिलों में विरोध प्रदर्शन आयोजित करें और राष्ट्रपति और राज्यपाल को संबोधित
ज्ञापन दिये जायें। विरोध प्रदर्शन में अन्य जनवादी ताकतों को भी शामिल करे।
बैठक की अध्यक्षता भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा0 गिरीश ने की।
बैठक में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य सचिव डा0 हीरालाल
यादव ,प्रेमनाथ राय, भाकपा के सहसचिव अरविंद राज स्वरूप, अशोक मिश्र, भाकपा
माले के रमेश सिंह सेंगर, फारवर्ड ब्लाक के राज्य सचिव एस0एन0 सिंह चौहान,
एसयूसीआईसी के राज्य सचिव पुष्पेन्द्र सिंह भारतीय खेत मजदूर यूनियन के राज्य
सचिव फूलचंद यादव तथा अ0भा0 नौजवान सभा के प्रदेश अध्यक्ष विनय पाठक ने विचार
व्यक्त किये।

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2024
M T W T F S S
« Sep    
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
-->









 Type in